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glossae Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


glossae ka kya matlab hota hai


शब्दावली

मांसपेशी ऊतक का एक मोबाइल द्रव्यमान श्लेष्म झिल्ली से ढका हुआ और मौखिक गुहा में स्थित है

Noun:

जीभ, जिह्वा,



glossae शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



हिन्दी में ण का उच्चारण कभी-कभी ड़ँ की तरह होता है, यानी कि जीभ मुँह की छत को एक जोरदार ठोकर मारती है।

जैसे,—नासा, कंठ, उर, तालु, जीभ और दाँत इन छह स्थानों में उत्पन्न होने के कारण पहला स्वर षड्ज कहलाता है।

परन्तु इसका शुद्ध उच्चारण जिह्वा को मूर्धा (मुँह की छत. जहाँ से 'ट' का उच्चार करते हैं) पर लगा कर न की तरह का अनुनासिक स्वर निकालकर होता है।

संस्कृत में ष का उच्चारण ऐसे होता था : जीभ की नोक को मूर्धा (मुँह की छत) की ओर उठाकर श जैसी आवाज़ करना।

संस्कृत में ष का उच्चारण ऐसे होता था : जीभ की नोंक को मूर्धा (मुँह की छत) की ओर उठाकर श जैसी ध्वनि करना।

मुख में एक दंतीली जिह्वा भी होती है।

बोलने और भोजन करने में सहायक होने के कारण यह जिह्वा भी मुंह कर्मेंन्द्रिय के अंदर आ जाती है।

जब रोधिका तट के समानांतर न होकर तट के लम्बवत होती है उसे स्पिट कहते हैं इसे भू जिह्वा भी कहते हैं।

हालांकि, जैसा कि विद्वान एलिजाबेथ राइट बताते हैं, "इनमें से कोई भी फ्रांसीसी नारीवादी खुद को नारीवादी आंदोलन के साथ संरेखित नहीं करती है जैसा कि अंग्रेजीभाषी दुनिया में दिखाई दिया था"।

यहा अक्ष का अर्थ संकुचित न लेते हुए व्यापक अर्थ पाँच इंद्रिय (आँख, कान, नाक, जिह्वा, त्वचा) के सामने अर्थात् पाच इंद्रियों के समक्ष होने वाले ज्ञान को प्रत्यक्ष ज्ञान कहते हैं।

| झ़बा || झ़बा || ज़्बा || झ़बा || झ़बा || झ़बा || झ़बा || झ़बा || झ़बा || झ़बा || जिह्वा, ज़बान, भाषा।

देवी भागवत के अनुसार विष्णु पत्नी सरस्वती वैकुण्ठ में निवास करने वाली है एवं पितामह ब्रह्मा की जिह्वा से जन्मी हैं तथा कहीं-कहीं ऐसा भी वर्णन आता है की नित्यगोलोक निवासी श्री कृष्ण भगवान के वंशी के स्वर से प्रकट हुई है।

गुरुनिन्दाकरं दृष्ट्वा धावयेदथ वासयेत् | स्थानं वा तत्परित्याज्यं जिह्वाछेदाक्षमो यदि || १४५||।

भावना की जाए कि सभी उपस्थित परिजनों के भाव संयोग से बालक की जिह्वा में शुभ, प्रिय, हितकरी, कल्याणप्रद वाणी के संस्कार स्थापित किये जा रहे हैं।

आँख, कान, नाक, जिह्वा और त्वचा के द्वारा रूप शब्द गन्ध रस एवं स्पर्श का प्रत्यक्ष हम सबको होता है।

पर संस्कृत में ण का उच्चारण न की तरह बिना ठोकर मारे होता था, अन्तर केवल इतना कि जीभ ण के समय मुँह की छत को छूती है।

जिह्वा शुष्क हो जाती है, शरीर में जलीय अंश के नितांत अभाव एवं विषाक्तता के लक्षण दृष्टिगोचर होते हैं।

अकारान्त संज्ञाएँ सदा स्त्रीलिंग होती है, जैसे खट (खाट), तार, जिभ (जीभ), बाँह, सूँह (शोभा);।

हिन्दी में ण का उच्चारण ज़्यादातर ड़ँ की तरह होता है, यानि कि जीभ मुँह की छत को एक ज़ोरदार ठोकर मारती है।

जिह्वा रस (स्वाद) इंद्रिय का गोलक है ।

संस्कृत में ष का उच्चारण ऐसे होता था : जीभ की नोक को मूर्धा (मुँह की छत) की ओर उठाकर श जैसी आवाज करना।

भाषा मुख से निकलने वाली ध्वनि को कहते हैं अतः भाषा-विज्ञान में हवा भीतर से कैसे चलती है, स्वरयंत्र, स्वरतंत्री, नासिकाविवर, कौवा, तालु, दाँत, जीभ, ओंठ, कंठ, मूर्द्धा तथा नाक के कारण उसमें क्या परिवर्तन होते हैं तथा कान द्वारा कैसे ध्वनि ग्रहण की जाती है, इन सबका अध्ययन करना पड़ता है।

नीम की पाती खाने से मुह की बादबू, दाड दर्द, दात कुलना, शरीर के अंदर के हनिकारिक बैक्टीरिया, कैंसर की बीमारी, खून साफ करना, जीभ से स्वाद, चरम रोग, आँख न आना, आलस न आना, शरीर में ऊर्जा का बना रहना, कफ-कोल्ड न होना, शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना जैसे,सेकड़ो-हज़ारो फायदे हमें नीम की पाती खाने से मिलता हैं।

(१३) संस्कृत ही एक मात्र साधन हैं जो क्रमश: अंगुलियों एवं जीभ को लचीला बनाते हैं।

"अपने जीभ से बोलती हुई पवित्र आत्माओं का स्वागत करना स्वर्गलोक में उत्तराधिकार प्राप्त करने की प्रतिभूति है।

ज्ञानेन्द्रियाँ (5) : नासिका, जिह्वा, नेत्र, त्वचा, कर्ण।

glossae's Meaning':

a mobile mass of muscular tissue covered with mucous membrane and located in the oral cavity

Synonyms:

oral cavity, mouth, rima oris, taste bud, tastebud, tongue, oral fissure, articulator, pharynx, lingua, throat, organ, clapper, gustatory organ,



Antonyms:

whisper, shout, close up, specify, artificial language,



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