geniture Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
geniture ka kya matlab hota hai
जेनीचर
Noun:
व्यंजक, चेष्टा, हाव-भाव, भाव, संकेत, इशारा,
Verb:
नाटक करना, हाव-भाव दिखलाना, संकेत करना, इशारा करना, इंगित करना,
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geniture शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इसका दूसरा संस्करण सन १९२७ ई॰ में प्रकाशित हुआ, जिसमें आचार्य शुक्ल के अनुसार ३३ रचनाएँ और जोड़ी गयीं, जिनमें रहस्यवाद, अभिव्यंजना का अनूठापन, व्यंजक चित्रविधान आदि सब कुछ मिल जाता है।
प्रत्येक ने यह सिद्ध करने की चेष्टा की कि उसका भाष्य ही ब्रह्मसूत्रों के वास्तविक अर्थ का स्पष्टीकरण करता है।
उन्होनें टीपू कि शक्ति को कुचलने का निश्चय किया टीपु के विरुद्ध उसने निजाम और मराठों के साथ गठबंधन करने कि चेष्टा की निजाम को मिलाने में वह सफल हुए लेकिन मराठों ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया 1798 में निजाम के साथ वेलेजली ने सहायक सन्धि की और यह घोषणा कर दी जीते हुए प्रदेशों में कुछ हिस्सा मराठों को भी दिया जाएगा।
कई एक पदों के योगफल को बीजीय व्यंजक (algebraic expression) कहते हैं।
अकेले पद को एकपद व्यंजक (monomial), दो पदोंवाले व्यंजक को द्विपद (binomial), तीन पदवाले को त्रिपद (trinomial) कहते हैं।
विभिन्न मुद्राओंवाले अत्यंत व्यंजक सौंदर्यचित्रों और प्रेम की भावदशाओं का अनुपम अंकन इनके काव्य में मिलता है।
जिनमें वे शक्तियाँ होती हैं वे शब्द भी तीन प्रकार के होते हैं- वाचक, लक्षक और व्यंजक।
यह व्यंजक भी n \, के लिए सही है, यदि फाइबोनैचि अनुक्रम F(n) \, को, फाइबोनैचि नियम F(n) F(n-1) + F(n-2) . का प्रयोग करते हुए ऋणात्मक पूर्णांक तक बढ़ा दिया जाता है.\, ।
इस कारण आज भी इस संबंध में जो कुछ निश्चित रूप से लिखा जा सकता है वह यूरोप की देन है, जहाँ इसका वैज्ञानिक अध्ययन करने की चेष्टा की गई है।
उपलब्ध प्रथम प्रयोग और प्रयोगसंदर्भ का आधार लेकर अर्थ और उनके एकमुखी या बहुमुखी विकास के सप्रमाण उपस्थापन की चेष्टा की जाती है।
कुछ विद्वानों का मत है कि यदि विश्वइतिहास की तथा मानुषिक प्रवृत्तियों के अध्ययन से कुछ सर्वव्यापी सिद्धांत निकालने की चेष्टा की गई तो इतिहास समाजशास्त्र में बदलकर अपनी वैयक्तिक विशेषता खो बैठेगा।
""जगत मातु पितु संभु भवानी"" की श्रृंगारिक चेष्टाओं का तनिक भी पुट नहीं है।
पूर्वोक्त तीन पदोंवाला व्यंजक 3a2b - 4a +x है।
मैट्रिक्स प्रतिनिधित्व, फाइबोनैचि संख्या के लिए निम्नलिखित पूर्ण व्यंजक देता है:।
परमेश्वर के अनुसार, यदि चक्रीय चतुर्भुज की भुजाएँ a, b, c, तथा d, हों तो उसके परिवृत्त की त्रिज्या R निम्नलिखित व्यंजक से दी जायेगी-।
एक से अधिक पदवाले व्यंजक को बहुपद (polynomial) कहते हैं।
इस व्यंजक को निम्न घातों के रैखिक संयोजन के रूप में \varphi^n उच्च घातों के अपघटन के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है, जिसे बदले में \varphi\, तथा 1 के रैखिक संयोजन तक अपघटित किया जा सकता है. परिणामतः आवर्ती संबंध प्रतिफल में रैखिक गुणांक के रूप में फाइबोनैचि संख्या देते हैं:।
पूर्ण सूत्र व्यंजक ।
शारीरिक बाल और सामर्थ्य की अभिव्यंजक प्राचीन काल की ये यक्ष प्रतिमाएँ केवल लोक कला के उदाहरण ही नहीं अपितु उत्तर काल में निर्मित बोधिसत्व, विष्णु, कुबेर, नाग आदि देव प्रतिमाओं के निर्माण की प्रेरिकाएँ भी हैं।
उनके जीवन में एकपत्नीव्रत या पातिव्रत को भंग करने की चेष्टा या भावना कभी पैदा नहीं हो सकती।
बाल-कृष्ण की एक-एक चेष्टा के चित्रण में कवि ने कमाल की होशियारी एवं सूक्ष्म निरीक्षण का परिचय दिया है़-।
कोष्ठकों में बन्द कर व्यंजक को एक पद की भाँति प्रयुक्त किया जा सकता है।
इस प्रकार वे चेष्टाएँ भाषा के प्रतीक बन जाती हैं किन्तु मानव भावों को प्रकट करने का सबसे उपयुक्त साधन वह वर्णनात्मक भाषा है जिसे ‘व्यक्त वाक्’ की संज्ञा प्रदान की गई है।
इन्होंने सामाजिक जीवन के निकटतम पहलुओं को दिखलाने की चेष्टा की है।
आधुनिक भाषाओं के तद्भव, देशी और विदेशी शब्दों के मूल और स्रोत ढ़ूँढने की चेष्टा की जाती है।
कालिदास मुख्यतः कोमल और रमणीय भावों के अभिव्यंजक कवि हैं।
जो सही है, अगर और सिर्फ़ अगर z एक फाइबोनैचि संख्या है. इस सूत्र में, पहले चर्चित किसी भी पूर्ण-सूत्र व्यंजक का प्रयोग करते हुए, F(n) की तेजी से गणना की जा सकती है.।
उनकी आत्मकथा मेरी कहानी ( ऐन ऑटो बायोग्राफी) के बारे में सुप्रसिद्ध मनीषी सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना है कि उनकी आत्मकथा, जिसमें आत्मकरुणा या नैतिक श्रेष्ठता को जरा भी प्रमाणित करने की चेष्टा किए बिना उनके जीवन और संघर्ष की कहानी वर्णित की गयी है, जो हमारे युग की सबसे अधिक उल्लेखनीय पुस्तकों में से एक है।
पवित्र गुफा को प्राकृतिक रूप देने की चेष्टा की गयी है।