gaijin Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
gaijin ka kya matlab hota hai
गैजिन
Noun:
धन-प्राप्ति, व्याज, सूद, बढ़ती, उन्नति, वृद्धि, मुनाफ़ा, सुविधा, लाभ,
Verb:
पहुंचना, लाभ करना, कमाना, प्राप्त करना,
People Also Search:
gailgaillard
gaily
gain
gain ground
gain on
gain the upper hand
gain vigor
gainable
gaine
gained
gainer
gainers
gainest
gainesville
gaijin शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
জজজ कवि ने चातक के व्याज से दोहों की एक लंबी श्रृंखला लिखकर भक्ति और प्रेम की व्याख्या की है।
भोजपत्र, बाँस आदि के पत्ते तथा चर्म से जो सामग्री बनाई जाती थी उसे संघिम, यंत्र के द्वारा संचालित की जा सकनेवाली को व्याजिम और लपेटकर बनाई जानेवाली का वेष्टिम कहते हैं।
जिसे कुछ लोगों ने इसे कर्तव्य-बद्ध साम्राज्य गठन के गान के रूप में देखा (जिसने विक्टोरियन युग के भाव पर कब्जा किया), इन कविताओं को समान रूप से ढीठ साम्राज्यवाद और उसके सहयोगी नस्लीय व्यवहार के घिनौने रूप के प्रचार के रूप में भी कुछ लोगों द्वारा देखा गया इसके बावजूद व्याजोक्ति और साम्राज्य के खतरों की चेतावनी भी कुछ लोगों को इसमें दिखाई देती है।
भयानक कारणभेद से व्याजजन्य या भ्रमजनित, अपराधजन्य या काल्पनिक तथा वित्रासितक या वास्तविक नाम से तीन प्रकार का और स्वनिष्ठ परनिष्ठ भेद से दो प्रकार का माना जाता है।
इधर राधा की सखी राधा से मान को छोड़ने का अनुरोध करती है उधर स्वयं श्रीकृष्ण राधा के रूप-सौन्दर्य की प्रशंसा के व्याज से उसकी चाटुकारिता करते हुए उसे मनाने एवं अपने अनुकूल बनाने की चेष्टा करते हैं।
रेलवे कंपनी वाले जो द्रव्य व्यय किया है, उसका व्याज सरकार को देना पड़ता है और उसे लेने वाले बहुधा विलायत के लोग हैं।
व्याज, सवाई, व्याज अने परस्त्रीगमन चिंतन थी पण मनुष्यने हीनता आवे छे. माणस आत्मिचंतनथी दूर रहे छे. अने आसुरी संपित वधे छे. आ महापापथी मनुष्यनुं अध:पतन थाय छे, तेथी वेदमां निषेध करेल वस्तुओनो त्याग करी सात्विक अन्न पदार्थोनुं सेवन करवुं आथी ह्यदय शुद्धि थाय छे. मन प्रभु भक्तिमां तल्लीन थाय छे. दैवि संपति वधे छे.।
मूल्य निर्धारण का जोखिम अतिरिक्त जोखिम उठाने के लिए निवेशकों द्वारा अपेक्षित वृद्धिशील मुआवजा को निर्दिष्ट करता है, जिसे व्याज दरों या शुल्क द्वारा मापा जा सकता है।
परीक्षा के उपाय के निमित प्रयुक्त प्रधान शब्द है-उपधा जिसकी व्याव्या "नीतिवाक्यामृत' के अनुसार है--धमार्थिकामभयेषु व्याजेन परचित्तपरीक्षणम् उपधा।
राजकुमारों और अवंतिसुंदरी नायिका की कथा के व्याज से इसमें तत्कालीन समाज का यथातथ्य चित्रण उपलब्ध होता है।
अनिवासी रुपया खाता (Non resident rupee account) : इसमें अनिवासी भारतीय द्वारा वाणिज्य बैंकों में भारतीय रुपए में खाता खोला जाता है तथा इन खातों के मूलधन एवं व्याज को बिना किसी करके जमाकर्ता को उसके देश में उसकी मुद्रा में वापस कर दिया जाता है।
प्राचीन भारतीय रंगशाला में भरत के अनुसार पुस्त के प्रयोग का विधान था जो अनेक रूपों और प्रमाणों के अनुसार तीन प्रकार के होते थे - संधिम, व्याजिम और वेष्टिय।