folkish Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
folkish ka kya matlab hota hai
लोकिश
Noun:
सुशीलता, शोभा, शिष्टता, चमक,
Verb:
चमकना, स्वच्छ करना, चमकाना,
Adjective:
पोल, पोलिश,
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folkish शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
लेकिन यहाँ से निकले अधिकांश भारतीय हीरे या तो लापता हैं या विदेशी संग्रहालयों की शोभा बढ़ा रहे हैं।
शक्तिपीठों में चाण्डाल और भंगी, चमार, देवपाल और पुजारी के रूप में प्रसिद्ध शक्ति पीठ गुह्येश्वरी देवी, शोभा भागवती के चाण्डाल तथा भंगी, चमार पुजारियों को प्रस्तुत किया जा सकता है।
वह सौन्दर्य, कला और सुशीलता की अप्रतिम मूर्ति है।
मन्दिरों से जुड़े उत्सवों ने केरलीय संस्कृति की शोभा बढ़ायी है।
नबी (सल्ल.) को बताया गया कि (आह्वान की राह में आड़े आनेवाली) चट्टानें देखने में बड़ी कठोर दिखाई देती है, किन्तु सुशीलता का हथियार है जो उन्हें तोड़कर और पिघलाकर रख देगा।
सुखना झील में बत्तखों और गीज़ प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करते हैं, जो जापान और साईबेरिया क्षेत्रों से उड़कर जाड़ों में यहाँ आते हैं व झील की शोभा बढ़ाते हैं।
रहीम दोहावली, बरवै, नायिका भेद, मदनाष्टक, रास पंचाध्यायी, नगर शोभा आदि।
तेल में डूबे चटपटे आम, नींबू, आदि के अचारों से लेकर मंहगे हीरे जवाहरात, जेवर तक; दुल्हन के अलंकार, कपड़ों के थान, तैयार कपड़े, मसाले, मिठाइयाँ और क्या नहीं? कई पुरानी हवेलियाँ इस शहर में अभी भी शोभा पा रही हैं और इतिहास को संजोए शान से खड़ी है।
अशोक, कैसिया, शहतूत व अन्य वृक्ष भी यहाँ की शोभा बढ़ाते हैं।
इस अवधि के दौरान खान बहादुर खां ने शोभाराम को अपना दीवान बनाया, १ जून १८५७ को बरेली में फौज का गठन किया गया, और स्वतंत्र शासक के रूप में बरेली से चांदी के सिक्के जारी किए।
धार्मिक संस्थाएं अपने परिसर और घटनाओं में सुशीलता के उनके मानकों के अनुपालन का आग्रह कर सकती हैं।
विविध वन्य जीव यथा बाघ, हाथी, भैंसे सांभर, सैकड़ों तरह के जंगली सूअर एवं 20 फुट लंबा अजगर चित्तीदार हिरणों के झुंड, चीतल एवं अन्य स्तनधारी प्राणी इस पार्क की शोभा बढ़ाते हैं।
सत्यं तपो ज्ञानमहिंसता च विद्वत्प्रणामंच सुशीलता च।
कर्नाटक के राजनीतिज्ञों ने भारत की संघीय सरकार में प्रधानमंत्री तथा उपराष्ट्रपति जैसे उच्च पदों की भी शोभा बढ़ायी है।
पंडित रविशंकर और उस्ताद अमीर ख़ान को छोड़कर बाक़ी प्रायः सभी नामी संगीतज्ञ उन दिनों पटना के दशहरा संगीत समारोहों की शोभा बन चुके थे।
यह अभी ब्रिटेन राजघरानों के शाही संग्रह में शोभायमान है।
(३) हितायु : स्वास्थ्य और साधनों से संपन्न होते हुए या उनमें कुछ कमी होने पर भी जो व्यक्ति विवेक, सदाचार, सुशीलता, उदारता, सत्य, अहिंसा, शांति, परोपकार आदि आदि गुणों से युक्त होते हैं और समाज तथा लोक के कल्याण में निरत रहते हैं उन्हें हितायु कहते हैं।
जो संगठन सुशीलता के मानकों को बनाए रखने की तलाश में होते हैं उन्हें महीन और पारदर्शी कपड़ों के साथ कठिनाई होती है।