flaser Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
flaser ka kya matlab hota hai
कौंधक
Noun:
लाजार, लेज़र,
People Also Search:
flashflash bulb
flash card
flash frozen
flash in the pan
flash memory
flash of lightning
flash point
flashback
flashbacked
flashbacks
flashbulb
flashed
flasher
flashers
flaser शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
उपलब्ध जानकारी के अनुसार फ्लैबोटोमस अर्जेन्टाइप्स जीन्स वाली मक्खी भारत में कालाजार का रोगवाहक है।
लेजर कार्रवाई शुरू करने के लिए बढाई गयी आवश्यक न्यूनतम शक्ति को लेज़र उत्तपन्न करने की शुरूआती सीमा (lasing threshold) कहा जाता है।
ब्लू आर्गन लेज़रों सही नेत्र दोष, धमनियों वेल्ड ट्यूमर को नष्ट करने के लिए शल्य चिकित्सा में उपयोग किया जाता है, और।
कुछ रोग जैसे मलेरिया, कालाजार, श्लीपद, प्लेग आदि का संक्रमण कीटाणुओं के वाहक मच्छर, पिस्सू, भुनगे, जूँ और किलनी के दंश से होता है।
मुख्य प्रोटोजोन्स प्रोटिस्ट् हैं मलेरिया परजीवी या प्लासमोडियम,अमीबा, स्लीपिंग सिकनेस का कारक ट्रीपनोसोमा, कालाजार का कारक, लीशमानया आदि।
भारत में कालाजार रोगवाहक ।
कालाजार एक रोग वाहक जाति का रोग है।
लेज़रों के कुछ प्रकार, जैसे कि डाई लेसरों और कम्पन युक्त ठोस अवस्था वाली लेज़र विस्तृत किस्म वाले तरंगदैर्घ्य का प्रकाश उत्पादन कर सकते हैं, यह गुण छोटे स्पंदन वाली प्रकाश के उत्पादन के लिए उन्हें कुछ फेम्तो सेकंड्स (femtoseconds) (10−15स) में.उपयुक्त बनाता है,।
भारत में कालाजार छूत की एक विशेष प्रकार की बीमारी है क्योंकि इसमें एन्थ्रोपोनिटिक होता है।
यौन रोग कालाजार (अंग्रेज़ी:विस्केरल लीश्मेनियेसिस) धीरे-धीरे विकसित होने वाला एक देशी रोग है जो एक कोशीय परजीवी या जीनस लिस्नमानिया से होता है।
लेकिन इस शब्द का प्रयोग अब चलन में नहीं है और 1998 से बेल प्रयोगशाला भी लेज़र शब्द का प्रयोग करती है।
एच.आई.वी तथा कालाजार का एक साथ संक्रमण ।
परजीवी रोग या कालाजार धीरे-धीरे विकसित होने वाला एक देशी रोग है जो एक कोशीय परजीवी या जीनस लिस्नमानिया से होता है।
स्पंदित पंपिंग भी उन लेज़रों के लिए आवश्यक है जो लेजर प्रक्रिया के दौरान लाभ माध्यम को इतना बाधित करती है कि लेजर उत्पादन एक छोटी अवधि के लिए रुक जाता है इ .ये लेजर, जैसे कि द्विपरमाणविक अनु वाली लेजर और तांबा वाष्प लेजर, कभी भी सी डब्ल्यू विधि में संचालित नहीं की जा सकती है I।
आर्गन भी नीले और हरे रंग आर्गन आयन लेज़रों के लिए प्रयोग किया जाता है।
एक लेज़र का लाभ माध्यम नियंत्रित शुद्धता, आकार, एकाग्रता वाला पदार्थ होता है, जो प्रेरित उत्सर्जन की प्रक्रिया द्वारा किरण का प्रवर्धन करता है।
इस वजह से इसे लेज़र बनाने में भी प्रयोग किया जाता है।
इसी से इसका नाम कालाजार पड़ा अर्थात काला बुखार।
कई कालाजार में कुछ वर्षों के उपचार के बाद पी के डी एन प्रकट होते हैं।
निरंतर तरंग की (continuous wave) (CW) कार्यवाही विधि में, समय के साथ साथ एक लेज़र के उत्पादन में अपेक्षाकृत एक्सामानता होती है।
अपने आप से, यह एक प्रकाशिक प्रवर्धक (optical amplifier) बनाता है जब एक प्रकाशिक प्रवर्धक को एक अनुकाम्पन्युक्त तालीय गुहा के अंदर रखा जाता है, तो इससे लेज़र प्राप्त.होता है।
भारत में कालाजार फैलाने वाली एक मात्र रोगवाहक मक्खी है - फ्लैबोटामस अर्जेंटाइप्स।
इस शहर के ऐतिहासिक गोलकुंडा दुर्ग की प्रसिद्धि पार-द्वार तक पहुंची और इसे उत्तर भारत और दक्षिणांचल के बीच संवाद का अवसर सालाजार संग्रहालय तथा चारमीनार ने प्रदान किया है।
गौस्सियन प्रकाश (Gaussian beam) हालांकि ऐसा शक्तिशाली लेज़रों के मामले में कम ही होता है।
कार्यवाही की स्पंदित विधि में, समय के साथ लेज़र का उत्पादन भिन्न होता है, ख़ास तौर पर वह एक के बाद एक "खोलने" और "बंद"करने का रूप ले लेती है।
कालाजार के बाद डरमल लिस्नमानियासिस (पीकेडीएल) एक ऐसी स्थिति है जब लिस्नमानिया त्वचा कोशाणुओं में जाते हैं और वहां रहते हुए विकसित होते हैं।