feasance Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
feasance ka kya matlab hota hai
फेसेंस
Noun:
क्रीड़ा-स्थल, आनंद, प्रसाद, प्रसन्नता,
People Also Search:
feasantfeasibilities
feasibility
feasible
feasibleness
feasibly
feast
feast day
feast of booths
feast of dedication
feast of sacrifice
feast of the circumcision
feast of the dedication
feast of the unleavened bread
feast of weeks
feasance शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
व्यवसायिकता की प्रधानता हुई, जिससे खेलों की लोकप्रियता में वृद्धि हुई, क्योंकि खेल प्रशंसकों ने रेडियो, टेलीविजन और इंटरनेट के माध्यम से व्यावसायिक खिलाड़ियों के खेल का बेहतरीन आनंद लेना शुरू किया।
उदाहरण के तौर पर, "फुटबॉल और तैराकी, मेरे पसंदीदा खेल हैं", सभी अंग्रेज़ी बोलने वालों को स्वाभाविक लगेगा जबकि "मैं खेल का आनंद लेता हूँ", उत्तरी अमेरिकियों को "मैं खेलों का आनंद लेता हूँ" की तुलना में कम स्वाभाविक लगेगा।
জজজ उन लोगों के मन सांसारिक आनंद से भरे थे, संपन्नता से संतुष्ट थे, प्राकृतिक दिव्यताओं से भाव-विभोर हो उठते थे।
खेल भावना एक आकांक्षा या लोकाचार को अभिव्यक्त करती है कि गतिविधि का आनंद खुद गतिविधि ही उठाये।
अत: उनके गीतों में यह कामना है कि यह आनंद सदा बना रहे, बढ़ता रहे और कभी समाप्त न हो।
प्रेय को छोड़कर श्रेय की ओर बढ़ने की आतुरता उपनिषदों के समय जगी, तब मोक्ष के सामने ग्रहस्थ जीवन निस्सार हो गया एवं जब लोग जीवन से आनंद लेने के बजाय उससे पीठ फेरकर संन्यास लेने लगे।
काव्य सिद्ध चित्त को अलौकिक आनंदानुभूति कराता है तो हृदय के तार झंकृत हो उठते हैं।
इसके अलावा व्यायाम और खेल में शौकिया भागीदारी का आनंद लेने का रिवाज भी बढ़ा।
अहमदाबाद, अमरेली, बनास कंठा, भरूच, भावनगर, डेंग, गाँधीनगर, खेड़ा, महेसाणा, पंचमहल, राजकोट, साबर कंठा, सूरत सुरेंद्रनगर, वडोदरा, महीसागर, वलसाड, नवसारी, नर्मदा, दोहद, आनंद, पाटन, जामनगर, पोरबंदर, जूनागढ़ और कच्छ, प्रत्येक ज़िले का राजस्व और सामान्य प्रशासन ज़िलाधीश की देखरेख में होता है, जो क़ानून और व्यवस्था भी बनाए रखता है।
जिस काव्य की आनंदानुभूति अभिनय को देखकर एवं पात्रों से कथोपकथन को सुन कर होती है उसे दृश्य काव्य कहते हैं।
गर्म पानी के स्रोत, ऐतिहासिक दुर्ग, प्राकृतिक और मानव निर्मित झीलें, उन्मुक्त विचरते चरवाहे पर्यटकों के लिए असीम सुख और आनंद का स्रोत हैं।
उन्होंने कामना की कि इस आनंद को हम पूर्ण आयु सौ वर्षों तक भोगें और हमारे बाद की पीढियाँ भी इसी प्रकार तृप्त रहें।
यही नहीं कामना यह भी की गई कि इस जीवन के समाप्त होने पर हम स्वर्ग में जाएँ और इस सुख व आनंद की निरंतरता वहाँ भी बनी रहे।