fastish Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
fastish ka kya matlab hota hai
तेजिश
Adjective:
स्थूल, मोटा सा, मोटल्ला,
People Also Search:
fastnessfastnesses
fasts
fastuous
fat
fat cat
fat chance
fat fed
fat free
fat metabolism
fat person
fat soluble
fat tuesday
fatah
fatah revolutionary council
fastish शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
उन वस्तुओं की अपेक्षा, जिनके अस्तित्व का अनुमान हम केवल तर्क के आधार पर कर सकते हैं, हमें उन वस्तुओं का ज्ञान अधिक सुगमता से होता है जिन्हें हम स्थूल रूप से देख सकते हैं।
उपनिषदों में कर्मकाण्ड को 'अवर' कहकर ज्ञान को इसलिए महत्व दिया गया कि ज्ञान स्थूल (जगत और पदार्थ) से सूक्ष्म (मन और आत्मा) की ओर ले जाता है।
(चक्चोन्हराजिसकी ऑंखें बार बार स्वतः ही बंद होती हो; धेपारदार मोटा सा।
स्थूल रूप से उनका प्रयोग राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में अधिक हुआ है।
इसके उपरांत रेखाओं के ही द्वारा वस्तुओं के स्थूल ढाँचे बनाने चाहिए।
भौतिक जगत् ईश्वर के अधीन है और ईश्वर की इच्छा से ही सृष्टि और प्रलय में यह क्रमश: स्थूल और सूक्ष्म अवस्था में स्थित होता है।
यही ब्रह्म प्रलय काल में सूक्ष्मभूत और आत्माओं के साथ कारण रूप में स्थित रहता है परंतु सृष्टिकाल में सूक्ष्म स्थूल रूप धारण कर लेता है।
1930 के दशक में, टेल्कोट पार्सन्स ने, चर्चा को व्यवस्था सिद्धांत और साइबरवाद के एक उच्च व्याख्यात्मक संदर्भ के अन्दर रखते हुए, सामाजिक व्यवस्था के अध्ययन को स्थूल और सूक्ष्म घटकों के संरचनात्मक और स्वैच्छिक पहलू के साथ एकीकृत करते हुए क्रिया सिद्धांत विकसित किया।
(३) स्थूल प्रतीक पद्धति का विकास;।
नर शलभों के पश्चपक्ष के बाल प्राय: जुड़कर एक मोटा सा बाल बन जाते हैं, जो अग्रपक्ष के नीचे की ओरवाले मुड़े हुए काँटे में फँसा रहता है।
भोई नामक छोटा मोटा सासक भी इतिहास में है।
मेरे अतिरिक्त न स्थूल था न सूक्ष्म और न दोनों का कारण अज्ञान।
20वीं सदी के प्रारंभिक वर्षों में समाजशास्त्र का विस्तार अमेरिका में हुआ जिसके तहत समाज के विकास से संबंधित स्थूल समाजशास्त्र और मानव के दैनंदिन सामाजिक संपर्कों से संबंधित, सूक्ष्म समाजशास्त्र, दोनों का विकास शामिल है।
मुनि इन व्रतों का सूक्ष्म रूप से पालन करते है, वही श्रावक स्थूल रूप से करते है।
धोती और दुपट्टा धारण किए स्थूलकाय 'मणिभद्र यक्ष' स्थानक अवस्था में है।
इस प्रकार स्थूल रूप से यह पश्चिम में मेही नदी से लेकर पूर्व में धसान नदी तक तथा दक्षिण में निर्माड़ तथा सतपुड़ा तक फैली हुई है।
मुसलमान क़ीबलाह की ओर मुख करके जब नमाज़ पढ़ते हैं तो सामने कोई सूत्राह अर्थात दीवार, सतून, पर्दा या कोई लगभाग एक फुट ऊंचा और एक उंगल मोटा सामान सजदा या माथा टेकने के स्थान से कम से कम एक बालिश्त दूर रख लेते हैं।