exercitation Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
exercitation ka kya matlab hota hai
कष्ट
Noun:
संदीपन, उत्तेजना,
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exergonicexergue
exert
exerted
exerting
exertion
exertions
exertive
exerts
exes
exeter
exeunt
exfoliate
exfoliated
exfoliates
exercitation शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
माननीय भाईश्री रमेशभाई ओझा द्वारा संचालित संदीपनी विद्यानिकेतन एक आध्यात्मिक तौर पर चलाया जानेवाला विद्यालय है, जो एरपोर्ट से २ किमी दूर रांघावाव नमक गाँव के पास है।
उनकी टीका का नाम नामार्थ संदीपनी है।
धार्मिक उत्तेजना से सम्मोहित होकर कुछ लोग अनजाने अर्धचेतनावस्था में हो जाते हैं और कल्पित होकर कुछ लोग अनजाने अर्धचेतनावस्था में हो जाते हैं और कल्पित दृश्य या वस्तुएँ देखते या सुनते हैं।
आकस्मिक शारीरिक चोट, मानसिक क्षोभ, अथवा उत्तेजना के कारण, हाथ पैर रहते कभी कभी मनुष्य लूले या लँगड़े के सदृश व्यवहार करने लगता है, दृष्टि का लोप हो जाता है, अथवा वह नींद में ही चलने फिरने लग जा सकता है।
वैराग्य संदीपनी को माताप्रसाद गुप्त ने अप्रामाणिक माना है, पर आचार्य चंद्रवली पांडे इसे प्रामाणिक और तुलसी की आरंभिक रचना मानते हैं।
बायोफिजिक्स (Biophysics ) के क्षेत्र में उनका सबसे बड़ा योगदान यह था की उन्होंने अपन दिखाया की पौधो में उत्तेजना का संचार वैद्युतिक (इलेक्ट्रिकल ) माध्यम से होता हैं ना की केमिकल माध्यम से।
आवेग- जोश, वेग, स्फूर्ति, उत्तेजना, मनोवेग, संवेग, सनक, उद्वेग।
परिणामस्वरुप हुए वायुमंडलीय कणों के हुए आयनीकरण तथा संदीपन के कारण अलग-अलग रंगों के प्रकाश का उत्सर्जन होता है।
रामललानहछू (1582), वैराग्यसंदीपनी (1612), रामाज्ञाप्रश्न (1612), जानकी-मंगल (1582), रामचरितमानस (1574), सतसई, पार्वती-मंगल (1582), गीतावली (1571), विनय-पत्रिका (1582), कृष्ण-गीतावली (1571), बरवै रामायण (1612), दोहावली (1583) और कवितावली (1612)।
सभी राजनैतिक उत्तेजनाओं के बावजूद वे स्वाध्याय के लिए रोज ही समय निकाल लिया करते थे।
अत्यधिक उत्तेजना, भय आदि से मनुष्य सम्मोहित अवस्था जैसा व्यवहार करने लगता है, या उत्तेजना के क्षण के पहले या बाद की घटनाओं को भूल जाता है।
श्री कृष्ण से उनकी मित्रता ऋषि संदीपनी के गुरुकुल में हुई।
संदीपन पाठशाला - तारा शंकर बंधोपाध्याय।
द्वापर युग में भी भगवान कृष्ण के बेहद अल्प समय में गुरूकुल उपाध्याय मुनि संदीपनी से शिक्षा गृहण करने का वर्णन है।
संदीपनी विद्यानिकेतन ।
किगोंग सिद्धांत के अनुसार, यौन उत्तेजना के दौरान अनेक मार्गों/बिंदुओं से हटकर ऊर्जा खुद को यौनांगों में स्थानांतरित कर लेती है।
शब्दार्थ तूफ़ान या आँधी पृथ्वी या किसी अन्य ग्रह के वायुमंडल में उत्तेजना की स्थिति को कहते हैं जो अक्सर सख़्त मौसम के साथ आती है।
पहली बार 21 मई 1964 में मुंबई के संदीपनी साधनाशाला में एक सम्मेलन हुआ।
ह्यूम (1711-1776) ने मुख्य रूप से "विचार" तथा "अनुमान" में भेद करते हुए कहा कि विचारों की तुलना में अनुमान अधिक उत्तेजनापूर्ण तथा प्रभावशाली होते हैं।
इसके साथ ही जीवित कोशिकाओ और धातुओ में अलग अलग तरह के उत्तेजनाओं (stimuli ) के लिए विशेष चक्रीय (cyclical )फटीग और रिकवरी रिस्पांस का भी अध्ययन किया था।
उन्होंने लोगों को अनिर्दिष्ट उत्तेजनाओं से भर दिया।
इसे विशेषत: तात्कालिक दरबारी संस्कृति और संस्कृत साहित्य से उत्तेजना मिली।