eviting Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
eviting ka kya matlab hota hai
बेदखल करना
Noun:
संपादन,
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evocative
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evoke
evoked
eviting शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इसके बाद उन्होंने लगभग छह वर्षों तक हिंदी पत्रिका माधुरी का संपादन किया।
रॉकी, कोल्ट और तुम तुम जिसका आरक्षण उन्हें बेदखल करना चाहता है, जो एक उद्योगपति द्वारा प्रदूषित है एक भारतीय समुदाय की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।
कर न दे पाने पर किसानों को तरह-तरह से बेइज्जत करना, कोड़े मारना और उन्हें जमीनों से बेदखल करना एक आम बात थी, किसानों की हालत बद से बदतर हो गई थी।
इस बृहद् संकलन में से चुने हुए पत्र-व्यवहारों का वी० शंकर के संपादन में दो खंडों में भी प्रकाशन हुआ, जिनका हिंदी अनुवाद भी प्रकाशित किया गया।
स्वाधीनता प्राप्ति तथा देशी रियासतों के भारत संघ में विलयन के सन्दर्भ में, कानूनी अधिकार मिलते देख कर बिचौलियों ने खातेदार-किसानों को क्रूरता एवं स्वेच्छाचारी तरीकों से बेदखल करना शुरू कर दिया।
कमलकिशोर गोयनका ने प्रेमचंद का अप्राप्य साहित्य (दो भाग) व 'प्रेमचंद विश्वकोश' (दो भाग) का संपादन भी किया है।
उन्होंने कुछ महीने मर्यादा नामक पत्रिका का संपादन किया।
किंतु भारत सरकार ने ऐतदर्थ नियुक्त विशेषज्ञ समिति के सुझाव के अनुसार 500 पृष्ठों के 10 खंडों में ही विश्वकोश को प्रकाशित करने की स्वीकृति दी तथा इस कार्य के संपादन हेतु सहायतार्थ 6.5 लाख रुपए प्रदान करना स्वीकार किया।
१९८४ में, उन्होंने ऑपरेशन ब्लू स्टार का नेतृत्व किया, जिसका उद्देश्य सिख चरमपंथियों को बेदखल करना था, जिन्होंने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया था।
चैंबर्स द्वारा संकलित एवं व्यवस्थित 7 नए खंडों की सामग्री का संपादन कर डॉ॰ जॉनहिल ने पूरक ग्रंथ सन् 1753 में प्रकाशित किया।
उन्होंने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया।
1945 से 1950 ई० की समयावधि के इन पत्रों का सर्वप्रथम दुर्गा दास के संपादन में (अंग्रेजी में) नवजीवन प्रकाशन मंदिर से 10 खंडों में प्रकाशन हुआ था।
इसका संपादन अजितकुमार ने किया है।
उन्होंने लंबे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओत-प्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया।
इसके संपादन हेतु एक-एक कर कई विद्वानों की सेवाएँ प्राप्त की गईं और अनेक संघर्षों के पश्चात् यह विश्वकोश प्रकाशित हो सका।
कई दशकों तक वे अनेक पत्रों का संपादन कर चुके थे जिसमे हरिजन, इंडियन ओपिनियन, यंग इंडिया आदि सम्मिलित हैं।