euge Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
euge ka kya matlab hota hai
यूट्रज
Adjective:
महत, बहुत, बड़ा, विशाल,
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euge शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
कई महत्वपूर्ण और बड़ी नदियाँ जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, गोदावरी और कृष्णा भारत से होकर बहती हैं।
इनके बिमा गृहीत शब्दों का महत्व कम हो जाता है और उनसे भ्रमसृष्टि की संभावना बढ़ती है।
छन्दस फॉण्ट देवनागरी में बहुत संयुक्ताक्षरों को समर्थन देता है।
कभी कभी प्राचीन भाषा या भाषाओ के मूलस्रोतों की गवेषण के व्युत्पत्ति-दर्शन के सदर्भ में महत्वपूर्ण प्रयास होता है।
बहुत से लोगों का विचार है कि भारत में अनेकों भाषाएँ होना कोई समस्या नहीं है जबकि उनकी लिपियाँ अलग-अलग होना बहुत बड़ी समस्या है।
अक्षरों की क्रम व्यवस्था (विन्यास) भी बहुत ही वैज्ञानिक है।
(७) प्राचीन भारत के महत्तम उपलब्धियों में से एक उसकी विलक्षण वर्णमाला है जिसमें प्रथम स्वर आते हैं और फिर व्यंजन जो सभी उत्पत्ति क्रम के अनुसार अत्यंत वैज्ञानिक ढंग से वर्गीकृत किये गए हैं।
इसी प्रकार, १९४७ में आचार्य नरेन्द्र देव की अध्यक्षता में गठित एक समिति ने बारहखड़ी, मात्रा व्यवस्था, अनुस्वार व अनुनासिक से संबंधित महत्त्वपूर्ण सुझाव दिये।
(८) सन्धि - संस्कृत भाषा की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है सन्धि।
भारतीय भाषाओं के लिये वर्णों की पूर्णता एवं सम्पन्नता (५२ वर्ण, न बहुत अधिक न बहुत कम)।
बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं।
तद्भव शब्द- ये वे शब्द हैं जिनका जन्म संस्कृत या प्राकृत में हुआ था, लेकिन उनमें बहुत ऐतिहासिक बदलाव आया है।
कम्प्यूटर प्रोग्रामों की सहायता से भारतीय लिपियों को परस्पर परिवर्तन बहुत आसान हो गया है।
भारत की स्वतंत्रता के पहले और उसके बाद भी बहुत से लोग हिन्दी को 'राष्ट्रभाषा' कहते आये हैं (उदाहरणतः, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा, महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे आदि) किन्तु भारतीय संविधान में 'राष्ट्रभाषा' का उल्लेख नहीं हुआ है और इस दृष्टि से हिन्दी को राष्ट्रभाषा कहने का कोई अर्थ नहीं है।
ध्यातव्य है कि नागरी लिपि, देवनागरी से बहुत निकट है और देवनागरी का पूर्वरूप है।
(३) सर्वाधिक महत्वपूर्ण साहित्य की धनी होने से इसकी महत्ता भी निर्विवाद है।
(क) आधुनिक कोशों में शब्दप्रयोग के ऐतिहाससिक क्रम की सरणि दिखाने के प्रयास को बहुत महत्व दिया गया है।
भारत के लिये देवनागरी का महत्त्व ।
भारत की कई लिपियाँ देवनागरी से बहुत अधिक मिलती-जुलती हैं, जैसे- बांग्ला, गुजराती, गुरुमुखी आदि।
इस संस्करण को लोकप्रिय बनाने के लिए इसकी कीमत बहुत कम राखी गयी है, मुझे उम्मीद है कि इस साहस को गुजराती और हिंदी पढ़ने वाले सफल करेंगे।
देवनागरी के विकास में अनेक संस्थागत प्रयासों की भूमिका भी अत्यन्त महत्त्वपूर्ण रही है।
(३) अनावश्यक वर्ण (ऋ, ॠ, लृ, ॡ, ष)— बहुत से लोग इनका शुद्ध उच्चारण नहीं कर पाते।
भारत और विश्व के लिए संस्कृत का महत्त्व ।
हालाँकि भारतीय उपमहाद्वीप में फ़ारसी को ग़लती से अरबी भाषा के समीप समझा जाता है, भाषावैज्ञानिक दृष्टि से यह अरबी से बहुत भिन्न और संस्कृत के बहुत समीप है।
(१) हिन्दुस्तान की एकता के लिये हिन्दी भाषा जितना काम देगी, उससे बहुत अधिक काम देवनागरी लिपि दे सकती है।
हालाँकि 1843 के शुरू से, अंग्रेजी और हिंदुस्तानी ने धीरे धीरे उपमहाद्वीप पर महत्व में फ़ारसी को बदल दिया।