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esoteries Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


esoteries ka kya matlab hota hai


गूढ़

Adjective:

गुप्त,



esoteries शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



उपस्थित श्रोताओं ने भी सहमति व्यक्त की कि हे ऋषि जी आप सत्य कह रहे हो यह बालक क्या जाने पुराणों के गूढ़ रहस्य को? आप इस बच्चे की बातों पर ध्यान न दो।

इसके रचनाकार का व्यक्तिनाम विष्णुगुप्त, गोत्रनाम कौटिल्य (कुटिल से व्युत्पत्र) और स्थानीय नाम चाणक्य (पिता का नाम चणक होने से) था।

वहीं संगीत के सुरों व 31 रागों के प्रयोग ने आत्मविषयक गूढ़ आध्यात्मिक उपदेशों को भी मधुर व सारग्राही बना दिया है।

अत: उन्होंने इसी सत्य और ज्ञान की प्राप्ति के क्रम में सूक्ष्म से सूक्ष्म एवं गूढ़तम साधनों से ज्ञान की तलाश आरंभ की और इसमें उन्हें सफलता भी प्राप्त हुई।

शुक्ल जी के अनुसार जायसी का क्षेत्र तुलसी की अपेक्षा परिमित है, पर प्रेमवेदना अत्यंत गूढ़ है।

(४) विंटरनीज ने कहा है कि मेगास्थनीज ने, जो लम्बे अरसे तक चन्द्रगुप्त के दरबार में रहा और जिसने अपनी पुस्तक 'इंडिका' में चन्द्रगुप्त के दरबार के संबंध में बहुत कुछ लिखा है, कौटिल्य के बारे में कुछ नहीं लिखा है और न ही उसकी पुस्तक 'अर्थशास्त्र' की कहीं कोई चर्चा की है।

उन्होंने चंद्रगुप्त के प्रशासकीय उपयोग के लिए इस ग्रंथ की रचना की थी।

डॉ॰ नरेशचन्द्र सेनगुप्त ने सन् १९०६ में Abbey of Bliss के नाम से इसका अंग्रेजी-अनुवाद प्रकाशित किया।

इसका गूढ़ार्थ यह है कि यह वृषभ जिसके चार सींग चारों वेद है, प्रात:काल, मध्यान्ह और सांयकाल तीन पैर हैं, उदय और अस्त दो शिर हैं, सात प्रकार के छंद सात हाथ हैं।

यदि चन्द्रगुप्त का मंत्री कौटिल्य अर्थशास्त्र का रचनाकार होता तो 'अर्थशास्त्र' में उसका कहीं-न-कहीं कुछ जिक्र करता ही।

बाइबिल गूढ़ दार्शनिक सत्यों का संकलन नहीं है बल्कि इसमें दिखलाया गया है कि ईश्वर ने मानव जाति की मुक्ति का क्या प्रबन्ध किया है।

इसलिए इसमें गूढ़ार्थ व्यंजना प्रधान है, और आध्यात्मिक रहस्य तथा धर्म-मर्म निहित है; द्वितीय रूप में राधा और कृष्ण का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया किंतु उनके आभास की प्रदीप्ति दी गई है और कल्पनादर्श रूप रौचिर्य रचकर आदर्श चित्र विचित्र व्यंजना के साथ प्रस्तुत किए गए हैं।

प्रश्नोत्तर के माध्यम से सृष्टि के गूढ़ रहस्यों का उद्घाटन उपनिषदों में सहज ढंग से किया गया है।

वैदिक आख्यानों के गूढ़ार्थ की व्याख्या विद्वानों द्वारा अनेक प्रकार से की जाती है।

प्रारंभिक राजनीतिक एकत्रीकरण ने गंगा बेसिन में स्थित मौर्य और गुप्त साम्राज्यों को जन्म दिया।

तीसरी शताब्दी के आगे का समय जब भारत पर गुप्त वंश का शासन था, भारत का स्वर्णिम काल कहलाया।

गुप्त साम्राज्य में भक्ति पर आधारित हिन्दू धर्म का प्रचलन हुई।

चौथी-पांचवी शताब्दी के बीच गुप्त साम्राज्य ने वृहद् गंगा के मैदानी क्षेत्र में प्रशासन तथा कर निर्धारण की एक जटिल प्रणाली बनाई; यह प्रणाली बाद के भारतीय राज्यों के लिए एक आदर्श बन गई।

इनमें सृष्टि-उत्पत्ति और उसके मूलकारण को लेकर गूढ़ दार्शनिक विवेचन किया गया है।

ब्रह्म सूत्र-श्री वेद व्यास ने वेदांत पर यह परमगूढ़ ग्रंथ लिखा है जिसमें परमसत्ता, परमात्मा, परमसत्य, ब्रह्मस्वरूप ईश्वर तथा उनके द्वारा सृष्टि और ब्रह्मतत्त्व वर गूढ़ विवेचना की गई है।

चाणक्य सम्राट् चंद्रगुप्त मौर्य (321-298 ई.पू.) के महामंत्री थे।

इसके अतिरिक्त प्रशासकीय संरचना, उद्योग-व्यवस्था, वित्त-व्यवस्था आदि के संबंध में भी मेगास्थनीज और 'अर्थशास्त्र' का लेखक चन्द्रगुप्त मौर्य का मंत्री कौटिल्य नहीं हो सकता है।

इनमें यज्ञ के गूढ़ रहस्यों का उद्घाटन किया गया है।

(३) चन्द्रगुप्त मौर्य का मंत्री कौटिल्य यदि 'अर्थशास्त्र' का रचनाकार होता तो उसके सूत्र एवं उक्तियाँ बड़े राज्यों के संबंध में होते, परन्तु 'अर्थशास्त्र' के उद्धरण एवं उक्तियाँ लघु एवं मध्यम राज्यों के लिये सम्बोधित हैं।

राय की अन्तिम फ़िल्म आगन्तुक (আগন্তুক) का माहौल हल्का है लेकिन विषय बहुत गूढ़ है।

यदि 'अर्थशास्त्र' जैसे विख्यात शास्त्र का लेखक कौटिल्य चन्द्रगुप्त का मंत्री होता तो मेगास्थनीज की 'इंडिका' में उसका जिक्र अवश्य किया जाता।

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