dubiosity Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
dubiosity ka kya matlab hota hai
दुबेसिटी
Noun:
कौतुक, कुतूहल, जिज्ञासा,
People Also Search:
dubiousdubiously
dubiousness
dubitable
dubitancy
dubitate
dubitation
dublin
dubliner
dubliners
dubnium
dubonnet
dubrovnik
dubs
ducal
dubiosity शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इसी वर्ष साहित्य कौतुकम का दूसरा भाग प्रकाशित हुआ।
(क) नाटक: गो संकट, भारत दुर्दशा, कलिकौतुक, कलिप्रभाव, हठी हम्मीर।
नीहार जीवन के उषाकाल की ही रचना है, जिसमें सत्य कुहाजाल में छिपा रह कर भी मोहक और कुतूहलपूर्ण प्रतीत होती है।
श्रद्धालुओं के लिए यह कौतुक का विषय है क्योंकि वृक्ष की सभी शाखाएँ दक्षिण के तरफ उपर से नीचे आ जमीन को छूती हैं (मानो भगवान शिव को प्रणाम कर रही हों )फिर ऊपर जाती है।
कौतुक से बोला, महाराज ! तुम तो निकले कोमल अतीव .।
मध्ययुग के अद्वितीय गणितज्ञ भास्कराचार्य द्वितीय ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक सिद्धान्तशिरोमणि (लीलावती, बीजगणित, गोलाध्याय, ग्रहगणितम्) एवं करण कुतूहल में गणित की विभिन्न शाखाओं तथा अंकगणित, बीजगणित, त्रिकोणमिति आदि को एक प्रकार से अंतिम रूप दिया है।
उसकी परिधि में अद्भुत एवं अतिप्राकृत तत्त्व के लिये अधिक अवकाश रहता है और कुतूहल की संभावना भी महाकाव्य में अपेक्षाकृत अधिक रहती है।
यमुना के बीच में कौतुकी कृष्ण नाना प्रकार के बहाने बनाकर जब विलम्ब करने लगते, उस समय गोपियाँ महाराजा कंस का भय दिखलाकर उन्हें शीघ्र यमुना पार करने के लिए कहती थीं।
काव्यकौतुक अभिनव के नाट्यशास्त्र के गुरु भट्टतौत की अनुपलब्ध प्रख्यात कृति है जिसपर इनका "विवरण" अन्यत्र संकेतित ही है, उपलब्ध नहीं।
स्वरों व रंगों का एक कौतुक समारोह के बाद देखने को मिलता है जब तीर्थयात्री जलते दीयों को नदी पर अपने पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए बहाते हैं।
गर्भ कौतुक नहीं, एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
कथानक के सभी कुतूहलवर्धक अंग, जैसे स्थितिविपर्यय, अभिज्ञान, संवृति और विवृति, महाकाव्य का भी उत्कर्ष करते हैं।
कल्याणमल्ल कृत अनंगरंग:- मुस्लिम शासक लोदीवंशावतंश अहमदखान के पुत्र लाडखान के कुतूहलार्थ भूपमुनि के रूप में प्रसिद्ध कलाविदग्ध कल्याणमल्ल ने इस ग्रन्थ का प्रणयन किया था।
(ख) अंनंगरंग (कल्याणमल्ल कृत):- मुस्लिम शासक लोदीवंशावतंश अहमदखान के पुत्र लाडखान के कुतूहलार्थ भूपमुनि के रूप में प्रसिद्ध कलाविदग्ध कल्याणमल्ल ने इस ग्रन्थ का प्रणयन किया था।
वे रघुनाथकृत ‘भोज कुतूहल’ नामक ग्रंथ का हवाला भी देते हैं जिसमें इस व्यंजन के बनाने की विधि का उल्लेख है।
इस युग से संबद्ध तीन प्रौढ़ रचनाओं का परिचय प्राप्त है - काव्य-कौतुक-विवरण, ध्वन्यालोकलोचन तथा अभिनवभारती।
आश्चर्य- अचरज, अचंभा, वैकल्य, विस्मय, कुतूहल, कौतूक, हैरानी, कमाल, गजब।
नित्यानन्दनाथ प्रणीत कामकौतुकम्,।
गीता कुछ तो अनजानवश और कुछ कौतुकवश उसकी बात मान कर यथासंभव वैसा करती है।
हेनर फोर्ड ने 15 वर्ष की उम्र तक स्कूल में शिक्षा पाई और वे खेत पर भी काम करते रहे, किंतु इन्हें आरंभ से ही सब प्रकार के यंत्रों के प्रति कुतूहल और आकर्षण रहा।
इसके साथ जब प्रकृति और मानव-सौन्दर्य के प्रति कवि के बालकोचित औत्सुक्य और कुतूहल के भावों का सम्मिलन होता है तो ऐसे सौन्दर्य की सृष्टि होती है जो पुराने काव्य के रसिकों के निकट परिचित नहीं होता।
यूं ही कुतूहलवश 'दीक्षा' के कुछ पन्ने पलटे और फिर उस पुस्तक ने ऐसा intrigue किया कि दोनों दिन पूरी शाम उसे पढ़कर ही ख़त्म किया।
(4) इसके अतिरिक्त त्रासदी के वस्तुसंगठन के अन्य गुण -- पूर्वापरक्रम, संभाव्यता तथा कुतूहल—भी महाकाव्य में यथावत् विद्यमान रहते हैं।
यहाँ की छोटी-छोटी और असाधारण रूप से सँकरी गलियाँ तथा उनमें स्वच्छंद विचरनेवाले साँड़ अपरिचितों के लिए कुतूहल की वस्तु हैं।