drest Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
drest ka kya matlab hota hai
सबसे शुष्क
Noun:
अन्य, अवशेष, शेष-भाग, विश्रान्ति, शांति, रहाई, स्थिरता, विश्राम, आराम,
Verb:
भरोसा करना, सहारा देना, स्थिर होना, स्थापित करना, बैठाना, मरना, ठहरना, सोना, संतुष्ट होना, आराम देना, स़ुस्ताना, स़ुसताना, विश्राम लेना, विश्राम करना, आराम करना,
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drest शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
उत्तरी भारत के मैदान के दक्षिण का पूरा भाग एक विस्तृत पठार है जो दुनिया के सबसे पुराने स्थल खंड का अवशेष है और मुख्यत: कड़ी तथा दानेदार कायांतरित चट्टानों से बना है।
इसके अतिरिक्त वर्ण-क्रम के निर्धारण में भाषा-विज्ञान के कई अन्य पहलुओ का भी ध्यान रखा गया है।
६,५०० ईसा पूर्व तक आते आते मनुष्य ने खेती करना, जानवरों को पालना तथा घरों का निर्माण करना शुरू कर दिया था जिसका अवशेष मेहरगढ़ में मिला था जो की पाकिस्तान में है।
इतिहास के मुख्य आधार युगविशेष और घटनास्थल के वे अवशेष हैं जो किसी न किसी रूप में प्राप्त होते हैं।
झील की उपस्थिति के कारण, क्षेत्र जीवाश्म अवशेष निशान जलीय पौधों और पशुओं, और उभयचर जीवन, जो कि पर्यावरण द्वारा समर्थित थे की एक विशाल विविधता के साथ है।
दक्षिण एशिया में ज्ञात मानव का प्राचीनतम अवशेष ३०,००० वर्ष पुराना है।
अन्य ईरानी, तुर्की और भारतीय भाषाओं में अरबी शब्दावली आम तौर पर नई फ़ारसी से नकल की गई है।
रोमन, अरबी एवं अन्य में यह गुण अप्राप्य है।
इसके अतिरिक्त भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में 14 करोड़ 10 लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, व्याकरण के आधार पर हिन्दी के समान है, एवं दोनों ही हिन्दुस्तानी भाषा की परस्पर-सुबोध्य रूप हैं।
इस राज्य में ईसा पूर्व 1400 काल के लोहे के औज़ार और मिट्टी के बर्तन के अवशेष मिले हैं।
अशोक युग के दौरान विंध्य क्षेत्र में बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार हुआ और भगवान बौद्ध के अवशेषों को वितरित कर स्तूपों का निर्माण किया गया।
प्रामाणिक तौर पर देखें तो सबसे प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष, मूर्तियों, मुद्राओं व भित्तिचित्रों से जाहिर होता है कि हजारों वर्ष पूर्व लोग संगीत से परिचित थे।
इसके अलावा संस्कृत, मराठी, नेपाली एवं अन्य भाषाओं को देवनागरी में लिखने में भी नुक्तों का प्रयोग नहीं किया जाता है।
अन्य सभी भारतीय भाषाओं की तरह हिन्दी में भी कर्ता-कर्म-क्रिया वाला वाक्यविन्यास है।
भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं।
इसका क्षेत्र सिन्धु नदी के किनारे अवस्थित था पर गुजरात (भारत) और राजस्थान में भी इस सभ्यता के अवशेष पाए गए हैं।
नालंदा तथा आसपासः नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष, पावापुरी में भगवान महावीर का परिनिर्वाण स्थल एवं जलमंदिर, बिहारशरीफ में मध्यकालीन किले का अवशेष एवं १४वीं सदी के सूफी संत की दरगाह (बड़ी दरगाह एवं छोटी दरगाह), नवादा के पास ककोलत जलप्रपात।
'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं।
पाल शासकों द्वारा बनवाये गये प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय का अवशेष, वैद्यनाथधाम मंदिर, सुलतानगंज, मुंगेर में बनवाया मीरकासिम का किला, मंदार पर्वत बौंसी बाँका एक प्रमुख धार्मिक स्थल जो तीन धर्मो का संगम स्थल है।
यही नाम अंग्रेज़ी सहित अन्य यूरोपीय भाषाओं में प्रयुक्त होता है।
भारतीय भाषाओं के किसी भी शब्द या ध्वनि को देवनागरी लिपि में ज्यों का त्यों लिखा जा सकता है और फिर लिखे पाठ को लगभग 'हू-ब-हू' उच्चारण किया जा सकता है, जो कि रोमन लिपि और अन्य कई लिपियों में सम्भव नहीं है, जब तक कि उनका विशेष मानकीकरण न किया जाये, जैसे आइट्रांस या IAST ।
वैशाली तथा आसपास:छठी सदी इसापूर्व में वज्जिसंघ द्वारा स्थापित विश्व का प्रथम गणराज्य के अवशेष, अशोक स्तंभ, बसोकुंड में भगवान महावीर की जन्म स्थली, अभिषेक पुष्करणी, विश्व शांतिस्तूप, राजा विशाल का गढ, चौमुखी महादेव मंदिर, भगवान महावीर के जन्मदिन पर वैशाख महीने में आयोजित होनेवाला वैशाली महोत्सव।
इन राज्यों के अतिरिक्त महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब और हिन्दी भाषी राज्यों से लगते अन्य राज्यों में भी हिन्दी बोलने वालों की अच्छी संख्या है।
संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, हरियाणवी, बुंदेली भाषा, डोगरी, खस, नेपाल भाषा (तथा अन्य नेपाली भाषाएँ), तमांग भाषा, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, नागपुरी, मैथिली, संताली, राजस्थानी भाषा, बघेली आदि भाषाएँ और स्थानीय बोलियाँ भी देवनागरी में लिखी जाती हैं।
प्राचीन एवं मध्यकालीन इमारतें: कुम्रहार परिसर, अगमकुआँ, महेन्द्रूघाट, शेरशाह के द्वारा बनवाए गए किले का अवशेष।
मोहेन्जो-दारो, हड़प्पा इत्यादि स्थल पाकिस्तान में इस सभ्यता के प्रमुख अवशेष-स्थल हैं।
फ़ारसी ने अरबी भाषा पर कम प्रभाव डाला है और साथ ही मेसोपोटामिया की अन्य भाषाओं पर और इसकी मूल शब्दावली मध्य फारसी मूल की है, पर नई फारसी में अरबी शाब्दिक मदों की काफी मात्रा है, जिनका फ़ारसीकरण हो गया है।