distinguisher Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
distinguisher ka kya matlab hota hai
विशिष्ठ
Adjective:
विज्ञात, महत, मशहूर, प्रसिद्ध, विशिष्ट,
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distinguisher शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इसी प्रकार, १९४७ में आचार्य नरेन्द्र देव की अध्यक्षता में गठित एक समिति ने बारहखड़ी, मात्रा व्यवस्था, अनुस्वार व अनुनासिक से संबंधित महत्त्वपूर्ण सुझाव दिये।
भारत के लिये देवनागरी का महत्त्व ।
: (जिस प्रकार विष, शस्त्र, अग्नि या इन्द्र का वज्र प्राण हर लेते हैं उसी प्रकार अविज्ञात (न जानी हुई) औषधि प्राणघातक होती है और विज्ञात (जानी हुई) औषधि अमृत के समान प्राणरक्षक होती है ।
कभी कभी प्राचीन भाषा या भाषाओ के मूलस्रोतों की गवेषण के व्युत्पत्ति-दर्शन के सदर्भ में महत्वपूर्ण प्रयास होता है।
अविज्ञाता सहस्त्रांशु: विधाता कृतलक्षणः।
अविज्ञाततत्तवेऽर्थे कारणोपपत्तितस्तत्तवज्ञानार्थमूहस्तर्क: (न्या. द. 1.1.42)।
तथौषधमविज्ञातं विज्ञातममृतं यथा' ॥ (चरकसंहिता सूत्रस्थान १:१२५)।
(क) आधुनिक कोशों में शब्दप्रयोग के ऐतिहाससिक क्रम की सरणि दिखाने के प्रयास को बहुत महत्व दिया गया है।
इनके बिमा गृहीत शब्दों का महत्व कम हो जाता है और उनसे भ्रमसृष्टि की संभावना बढ़ती है।
वही द्रष्टा, श्रोता, मंता, विज्ञाता इत्यादि है जो अक्षर ब्रह्म का सोपाधिक स्वरूप है।
यह सुविज्ञात है कि हिल्बर्ट ने अपने सन् 1900 के प्रसिद्ध व्याख्यान में प्रमुख गणितीय समस्याओं की सूची प्रदान करके बीसवीं सदी के गणितीय अनुसंधान प्रक्रम को बहुत अधिक प्रभावित किया था।
(७) प्राचीन भारत के महत्तम उपलब्धियों में से एक उसकी विलक्षण वर्णमाला है जिसमें प्रथम स्वर आते हैं और फिर व्यंजन जो सभी उत्पत्ति क्रम के अनुसार अत्यंत वैज्ञानिक ढंग से वर्गीकृत किये गए हैं।
भारत और विश्व के लिए संस्कृत का महत्त्व ।
अविज्ञातस्वरूप वस्तु के तत्वज्ञान के लिए उपपादक प्रमाण का जो सहकारी ऊह (संभावना) होता है उसे ही 'तर्क' कहते हैं।
जननीश्रमविज्ञाता दामबन्धनियंत्रितः॥37॥।
हालाँकि 1843 के शुरू से, अंग्रेजी और हिंदुस्तानी ने धीरे धीरे उपमहाद्वीप पर महत्व में फ़ारसी को बदल दिया।
देवनागरी के विकास में अनेक संस्थागत प्रयासों की भूमिका भी अत्यन्त महत्त्वपूर्ण रही है।
(८) सन्धि - संस्कृत भाषा की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है सन्धि।
कई महत्वपूर्ण और बड़ी नदियाँ जैसे गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, गोदावरी और कृष्णा भारत से होकर बहती हैं।
(३) सर्वाधिक महत्वपूर्ण साहित्य की धनी होने से इसकी महत्ता भी निर्विवाद है।
लगातार आठ चुनाव जीतकर रिकार्ड बनाने वाले प्रमोद तिवारी को घेरने के लिए वर्ष 2007 में समाजवादी पार्टी ने विज्ञात सिंह को रामपुर खास से चुनाव मैदान में उतारा था लेकिन प्रमोद ने उन्हें 30 हजार से ज्यादा मतों से हराया।
बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं।
4. युक्ति का लक्षण - अनेक कारणों के संयोग से उत्पन्न हुए अविज्ञात भावों ( विषयों ) को विज्ञात विषयों के कार्य - कारणभाव के अनुसार जो बुद्धि देखती है अर्थात् ज्ञान कराती है , उसे युक्ति कहते हैं ।
शौनक ने जब अंगिरस से पूछा, – "कस्मिन्नु भगवो विज्ञाते सर्वमिदं विज्ञातं भवतीति" (महोदय, वह क्या है जिसके विज्ञात होने पर सब कुछ विज्ञात हो जाता है?), तो उन्होने उत्तर दिया-।
इसके बाईस भेद हैं- प्रतिज्ञाहानि, प्रतिज्ञांतर, प्रतिज्ञाविरोध, प्रतिज्ञासंन्यास, हेत्वंतर, अर्थांतर, निरर्थक, अविज्ञातार्थ, अपार्थक, अप्राप्तकाल, न्यून, अधिक, पुनरुक्त, अननुभाषण, अज्ञान, अप्रतिभा, विक्षेप, मतानुज्ञा, पर्यनुयोज्योपेक्षण, निरनुयोज्यानुयोग, अपसिद्धांत और हेत्वाभास।