dignification Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
dignification ka kya matlab hota hai
सम्मानजनक
Noun:
शब्द-शक्ति, अभिप्राय, तात्पर्य, अर्थ,
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dignification शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
जहाँ गद्य लिख गए हैं वे भी पद्यमय गद्य-रचनाओं में ऐसी शब्द-शक्ति, ध्वन्यात्मकता, लव एवं अर्थगर्भिता है कि वे किसी दैवी शक्ति की रचनाओं का आभास देते हैं।
सन्दर्भ शब्दवृत्ति या शब्दशक्ति (अथवा शब्द शक्ति अथवा शब्द-शक्ति) अर्थात शब्दों की शक्ति।
अरब देशों में दूसरे स्तर की सरकार को मुहाफ़ज़ाह कहा जाता है जिसका अभिप्राय राज्यपाल द्वारा शासित क्षेत्र अथवा "गवर्नरेट" होता है।
अंग्रेजी शब्द "प्रांत" लगभग 1330 से साक्ष्यांकित है और इसकी व्युत्पत्ति तेरहवीं शताब्दी के प्राचीन फ्रेंच शब्द "प्रोविंस" से हुई जो कि स्वयं लातिन शब्द "प्रोविन्सिया" से लिया गया है, जिसका अभिप्राय, विशेष रूप से, किसी विदेशी प्रदेश में एक मजिस्ट्रेट के अधिकार क्षेत्र से है।
मेरा अभिप्राय यह है कि अगर देवनागरी लिपि में गुजराती किताब छपेगी तो भाषा को सीखने में आने वाली आधी दिक्कतें तो ऐसे ही कम हो जाएँगी।
तुलसी काव्य में साहित्यिक अभिप्राय (गूगल पुस्तक ; लेखक - जनार्दन उपाध्याय)।
स्वरानुरूपता से अभिप्राय यह है कि मक प्रत्यय यज्धातु में लगने पर यज्मक् किन्तु साधारणतया विशाल आकार और अधिक शक्ति की वस्तुओं के बोधक शब्द पुंल्लिंग तथा दुर्बल एंव लघु आकार की वस्तुओं के सूचक शब्द स्त्रीलिंग होते हैं।
चित्र जोड़ें लक्षणा शब्द-शक्ति का एक प्रकार है।
बुद्ध ने मौत से मुक्ति पाने की प्राचीन ब्रह्मनिक अभिप्राय को ठुकराया. ब्रह्मिनिक योगिन को एक गैरद्विसंक्य द्रष्टृगत स्थिति जहाँ मृत्यु मे अनुभूति प्राप्त होता है, उस स्थिति को वे मुक्ति मानते है।
एक समुन्नत, सुगठित और सशक्त राष्ट्रीय नैतिकता से युक्त आदर्श समाज, मर्यादित एवं स्नेहसिक्त परिवार और उदात्त चरित्र वाले नर-नारी के निर्माण की दिशा में उन्होंने प्राचीन आख्यानों को अपने काव्य का वर्ण्य विषय बनाकर उनके सभी पात्रों को एक नया अभिप्राय दिया है।
ध्वनि वह है जिस, में शब्दों से निकले हुए अर्थ (वाच्य) की अपेक्षा छिपा हुआ अभिप्राय (व्यंग्य) प्रधान हो।
शैलीविज्ञान एक ओर भाषाशैली का अध्ययन साहित्यशास्त्र के सिद्धांतों के आधार पर करता है, जिसमें रस, अलंकार, वक्रोक्ति, ध्वनि, रीति, वृत्ति, प्रवृत्ति, शब्द-शक्ति, गुण, दोष, बिंब, प्रतीक आदि आते हैं।
‘सदेव सौम्येदमग्र आसीत् ०’ इत्यादि श्रुतियों का यह ही अभिप्राय है।
शब्द-शक्ति पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया, न नाटयशास्त्र का विवेचन किया गया।
वस्तुत: 'ऋक' का अर्थ है- 'स्तुतिपरक मन्त्र और 'संहिता' का अभिप्राय संकलन से है।
शोमेर ने ‘दीप’ (नीहार), मधुर मधुर मेरे दीपक जल (नीरजा) और मोम सा तन गल चुका है कविताओं को उद्धृत करते हुए निष्कर्ष निकाला है कि ये कविताएं महादेवी के ‘आत्मभक्षी दीप’ अभिप्राय को ही व्याख्यायित नहीं करतीं बल्कि उनकी कविता की सामान्य मुद्रा और बुनावट का प्रतिनिधि रूप भी मानी जा सकती हैं।
इसीलिए अनेक भाष्यकारों ने अपने-अपने भाष्यों द्वारा इनके अभिप्राय को स्पष्ट करने का प्रयत्न किया किन्तु इस स्पष्टीकरण में उनका अपना-अपना दृष्टिकोण था और इसीलिये उनमें पर्याप्त मतभेद है।
इसका अभिप्राय यह है कि किसी काल में कला के प्रति जो मूल्य रहते हैं उनमें कालान्तर में नये-नये परिवर्तन उपस्थित हो जाते हैं तथा वे किसी दूसरे देश में भी मान लिए जाएँ, यह भी आवश्यक नहीं है।