dicastery Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
dicastery ka kya matlab hota hai
डिकास्टेरी
Noun:
अमंगल, व्यसन, उत्पात, मुसीबत, विपत्ति, आपदा,
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dicastery शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
भगवान को प्रसन्न करने केलिए और अमंगल दोष निवारण केलिए कळमेष़ुत्तु और संबन्धित गीतों का आयोजन किया जाता है।
अमंगल दूर हो जाता है।
तुम्हारे कोख से महा भयंकर अमंगलकारी दो अधम पुत्र उत्पन्न होंगे।
अशकुन- अपशकुन, अशगुन, अशुभ, अमंगल।
अनिष्ट- बुरा, अनुचित, अशुभ, अहितकर, अमंगल, अकल्याण, अवांछित, अनभिष्ट।
छोटा नागपुर के ओरावों में एक ही ग्राम के निवासी युवक युवती का विवाह निषिद्ध माना जाता है, क्योंकि सामान्य रूप स वह माना जाता है कि ऐसा विवाह वर अथवा वधू के लिए अथवा दोनों के लिए अमंगल लानेवाला होता है।
अहितकर- अनिष्टकारी, कष्टप्रद, अशुभकारी, अमंगलकारी, अकल्याणकर।
माता पिता की आज्ञा लेकर मणि कुंडल जी गौतम के साथ चल दिए दूसरे नगर पहुंचकर गौतम ने मणि कुंडल जी को दुराचार एवं व्यसनों हेतु प्रेरित किया ।
अपकार- अहित, अमंगल, अनिष्ट, हानि, बुराई, अनुपकार, द्रोह, द्वेष, दुष्क्रिया, मंदकर्म।
अर्थशास्त्र की विषय-सूची को देखने से (जहां अमात्योत्पत्ति, मन्त्राधिकार, दूत-प्रणिधि, अध्यक्ष-नियुक्ति, दण्डकर्म, षाड्गुण्यसमुद्देश्य, राजराज्ययो: व्यसन-चिन्ता, बलोपादान-काल, स्कन्धावार-निवेश, कूट-युद्ध, मन्त्र-युद्ध इत्यादि विषयों का उल्लेख है) यह सर्वथा प्रमाणित हो जाता है कि इसे आजकल कहे जाने वाले अर्थशास्त्र (इकोनोमिक्स) की पुस्तक कहना भूल है।
उन्होंने पार्वती के पास जाकर उसे यह समझाने के अनेक प्रयत्न किये कि शिव जी औघड़, अमंगल वेषधारी और जटाधारी हैं और वे तुम्हारे लिये उपयुक्त वर नहीं हैं।
अपशकुनी- अपशाकुनिक, अनिष्टशंसी, अनष्टिकारी, अमंगलसूचक।
अकल्याण- अशुभ, अमंगल, अहित, अनिष्ट, खराबी, हानि।
स्वाधिष्ठान का मुख्य विषय संबंध, हिंसा, व्यसनों, मौलिक भावनात्मक आवश्यकताएं और सुख है।
उन्हें कुछ व्यसन भी लगे हुए हैं।
तम्बाकू के साथ अधिक पान खानेवाले लोग प्राय: इसके व्यसनी हो जाते हैं।
दोहों, सप्तकों और सर्गों में विभक्त यह ग्रंथ रामकथा के विविध मंगल एवं अमंगलमय प्रसंगों की मिश्रित रचना है।
‘रौद्रात्तु करुणो रस:’ कहकर 'करुण रस' की उत्पत्ति 'रौद्र रस' से मानी गई है और उसकी उत्पत्ति शापजन्य क्लेश विनिपात, इष्टजन-विप्रयोग, विभव नाश, वध, बन्धन, विद्रव अर्थात पलायन, अपघात, व्यसन अर्थात आपत्ति आदि विभावों के संयोग से स्वीकार की है।
मोहम्मद रफ़ी एक बहुत ही समर्पित मुस्लिम, व्यसनों से दूर रहने वाले तथा शर्मीले स्वभाव के आदमी थे।
(जो उसी देश में उत्पन्न, जिसका कुल और आचार शुद्ध हो, जिसकी निष्ठा जाँची-परखी हो, मंत्र (कूटनीति) का ज्ञाता हो, व्यसनी न हो, व्यभिचार से दूर रहने वाला हो, शासन के विभिन्न पहलुओं का अच्छा ज्ञाता हो, अच्छे परिवार से हो, प्रसिद्ध हो, विद्वान हो, धन का सृजन करने वाला हो, को राजा मंत्री बनाये।
'उसका मन सत्संगसुख का व्यसनी था।
लिखना सदा से उनका व्यसन रहा।