detortion Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
detortion ka kya matlab hota hai
विकृति
Noun:
भजन, प्रार्थना, उत्सर्ग, दुआ, धर्मनिष्ठा, लाग-लपेट, मुहब्बत, प्यार, प्रेम, अनुराग, लगन, निष्ठा, भक्ति,
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detortion शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इनमें से सबसे पुरातन ऋग्वेद में पाया जाने वाला वैदिक संस्कृत है, जो 1500 ईसा पूर्व और 1200 ईसा पूर्व के बीच रचित 1,028 भजनों का एक संग्रह है, जो इंडो-आर्यन जनजातियों द्वारा आज के उत्तरी अफगानिस्तान और उत्तरी भारत में अफगानिस्तान से पूर्व की ओर पलायन करते हैं।
बंगाली वैष्णव जैसे चैतन्य और चंडीदास ने वैष्णव भजनों के रूप में राधा और कृष्ण के बारे में विद्यापति के प्रेम गीतों को अपनाया।
उदाहरण के लिए बृहदारण्यक उपनिषद की ये प्रार्थना जिसमें प्रकाश उत्सव चित्रित है:।
सिखों के प्रार्थना स्थल ।
6 और 7 वीं शताब्दी में, पहली भक्ति भजन तमिल भाषा में बनाया गया था।
वैसे शाहदरा, भजनपुरा, आदि इसके पूर्वतम छोर होने के साथ ही बड़े बाज़ारों में भी आते हैं।
उन्होंने उसी समय से चोरी करना छोड़ दिया और भगवान के भजन में लग गये।
तब उन विपत्तियों केकाल्पनिक नियंत्रक देवताओं यथा मरुत, अग्नि, रुद्र आदि को तुष्ट व प्रसन्न करने के अनुष्ठान किए जाते थे और उनसे प्रार्थना की जाती थी कि ऐसी विपत्तियों को आने न दें और उनके आने पर प्रजा की रक्षा करें।
परिक्रमा करते समय शिव-विषयक भजन-कीर्तन करने का विधान है।
सीलमपुरकरावल नगरसीमा पुरीभजनपुरा।
उपहार बनते हैं और प्रार्थना या पूजा हिन्दुओं द्वारा किया जाता है।
दीवाली की प्रार्थनाएं।
युद्ध, उत्सव और प्रार्थना या भजन के समय मानव गाने बजाने का उपयोग करता चला आया है।
प्रमुख संतों, कवियों और संगीतज्ञों में 15वीं सदी में पदों के रचयिता नरसी मेहता, अपने महल को त्यागने वाली 16वीं सदी की राजपूत राजकुमारी व भजनों की रचनाकार मीराबाई, 18वीं सदी के कवि और लेखक प्रेमानंद और भक्ति मत को लोकप्रिय बनाने वाले गीतकार दयाराम शामिल हैं।
डॉ ग्रियर्सन भी इसी मत की ही तरह लिखते हैं- विद्यापति के पद लगभग सब के सब वैष्णव पद या भजन है और सभी हिन्दु बिना किसी काम-भावना का अनुभव किए विद्यापति की पदावली के पदों का गुणगान करते हैं।
युद्ध, उत्सव और प्रार्थना या भजन के समय मानव गाने बजाने का उपयोग करता चला आया है।
सुबह व् शाम सुन्दर कर्णप्रिय भजन भक्तों का मन मोह लेते है।
पांचवे और अंतिम दिन को "भाई टीका" (भाई दूज देखें) कहा जाता, भाई बहनों से मिलते हैं, एक दूसरे को माला पहनाते व भलाई के लिए प्रार्थना करते हैं।
हनुमान जी ने साक्षात् प्रकट होकर उन्हें प्रार्थना के पद रचने को कहा, इसके पश्चात् उन्होंने अपनी अन्तिम कृति विनय-पत्रिका लिखी और उसे भगवान के चरणों में समर्पित कर दिया।
इस दौरान भजन, कीर्तन और अन्य धार्मिक अनुष्ठान जारी रहते हैं।
क्षेत्र अनुसार प्रार्थनाएं अगला-अलग होती हैं।
हनुमान जी से मिलकर तुलसीदास ने उनसे श्रीरघुनाथजी का दर्शन कराने की प्रार्थना की।
इधर काशी के पण्डितों ने और कोई उपाय न देख श्री मधुसूदन सरस्वती नाम के महापण्डित को उस पुस्तक को देखकर अपनी सम्मति देने की प्रार्थना की।
कन्हैयालाल लिखते हैं कि पुराने स्थापत्य और कला के मंदिर, हिंदूओं के प्रार्थना स्थल बहुत हैं जिन का उल्लेख नहीं हो सकता।
जापान में धर्म प्रकृति में समधर्मी हो जाता है और प्रथाओं का एक माता पिता, परीक्षा से पहले प्रार्थना छात्रों मना बच्चों के रूप में ऐसी किस्म, में यह परिणाम, जोड़ों एक क्रिश्चियन चर्च पर एक शादी पकड़ होने के बौद्ध मंदिर में आयोजित किया।
बाद में एक हाई स्कूल शिक्षक के रूप में अंशकालिक नौकरी का प्रार्थना पत्र अस्वीकार कर दिये जाने पर उन्होंने जरूरतमन्दों के लिये मुकदमे की अर्जियाँ लिखने के लिये राजकोट को ही अपना स्थायी मुकाम बना लिया।