delighter Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
delighter ka kya matlab hota hai
खुश
Adjective:
मुदित, मस्त, मगन,
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delighter शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
कबानीज ने जीव विज्ञान के पूर्व अध्ययन के प्रकाश में मस्तिष्क के बारे में व्याख्या की और तर्क दिया कि संवेदनशीलता (sensibility) और आत्मा (soul), तंत्रिका तंत्र (nervous system) के गुण हैं।
पता नहीं कि संसार के किसी देश में इतने काल तक, इतनी दूरी तक व्याप्त, इतने उत्तम मस्तिष्क में विचरण करने वाली कोई भाषा है या नहीं।
मस्तिष्क के बारे में फ्राइड की समझ बड़े पैमाने पर व्यख्यानात्मक विधियों, आत्मनिरीक्षण (introspection) और नैदानिक टिप्पणियों पर आधारित थी और इसने विशेष रूप से अचेत संघर्ष, मानसिक तनाव और मनो रोग विज्ञान (psychopathology) पर ध्यान केन्द्रित किया।
उन्होंने विचारों के परस्पर संबंध विषयक सिद्धांत प्रतिपादित करते हुए बताया कि विचार एक तत्व की तरह होते हैं और मस्तिष्क उनका विश्लेषण करता है।
गुजराती प्रिटिंग प्रेस बम्बई से मुदित उपनिषद्-वाक्य-महाकोष में २२३ उपनिषदों की नामावली दी गई है, इनमें उपनिषद (१) उपनिधि-त्स्तुति तथा (२) देव्युपनिषद नं-२ की चर्चा शिवरहस्य नामक ग्रंथ में है लेकिन ये दोनों उपलब्ध नहीं हैं तथा माण्डूक्यकारिका के चार प्रकरण चार जगह गिने गए है इस प्रकार अबतक ज्ञात उपनिषदो की संख्या २२० आती हैः-।
तुझमें निज को सौंप शान्त हो, अभी-अभी प्रमुदित था मन।
घेर खड़े हो गये कर्ण को मुदित, मुग्ध पुरवासी,।
ला मेट्री (1709-1751) ने कहा कि विचार की उत्पत्ति मस्तिष्क तथा स्नायुमंडल के परस्पर प्रभाव के फलस्वरूप होती है।
मुदिता मथइ, विचार मथानी।
बोधिसत्व जब दस बलों या भूमियों (मुदिता, विमला, दीप्ति, अर्चिष्मती, सुदुर्जया, अभिमुखी, दूरंगमा, अचल, साधुमती, धम्म-मेघा) को प्राप्त कर लेते हैं तब " गौतम बुद्ध " कहलाते हैं, बुद्ध बनना ही बोधिसत्व के जीवन की पराकाष्ठा है।
(३) मानव मस्तिष्क से निकली हुई वर्णमालाओं में नागरी सबसे अधिक पूर्ण वर्णमाला है।
एक न एक दिन तो मनुष्य के अनंत जिज्ञासु मस्तिष्क में और वर्तमान से कभी संतुष्ट न होने वाले मन में यह जिज्ञासा, यह प्रश्न उठना ही था कि प्रकृति की इस विशाल रंगभूमि के पीछे सूत्रधार कौन है, इसका सृष्टा/निर्माता कौन है, इसका उद्गम कहाँ है, हम कौन हैं, कहाँ से आए हैं, यह सृष्टि अंतत: कहाँ जाएगी।
इसके कई लाख ग्रन्थों के पठन-पाठन और चिन्तन में भारतवर्ष के हजारों पुश्त तक के करोड़ों सर्वोत्तम मस्तिष्क दिन-रात लगे रहे हैं और आज भी लगे हुए हैं।
विदितधर्मौ अतिकायजिद्रामौ मुदितमनाः त्वं रक्षितवान ॥ ५९ ॥।
फ्रुड के सिद्धांत बहुत ही लोकप्रिय हो गए क्योंकि इन्होने कई विषयों जैसे कामुकता (sexuality), दमन (repression) और अचेत मस्तिष्क (unconscious mind) को मनो वैज्ञानिक विकास के सामान्य पहलुओं के रूप में नियंत्रित किया।
कुछ विशेष रूप से गहरे मनोवैज्ञानिक (depth psychologists) अचेत मस्तिष्क (unconscious mind) का भी अध्ययन करते हैं।
दंडी व प्रहेलिका के १६ भेदों का उल्लेख किया है यथा- समायता, वंचिता, व्युत्क्रांता, प्रमुदिता, पुरुषा, संख्याता, प्रकल्पिता, नामांतिरिता, निभृता, संमूढा, परिहारिका, एकच्छन्ना, उभयच्छन्ना, समान शब्दासंमृढ़ा, समानरूपा तथा संकीर्णासरस्वतीकंठाभरण (काव्या. ३.१०६)।
उनके आधार पर कहा जा सकता है कि सूर समुदित सागर का यह "श्रीमद्भागवत अनुसार द्वादश स्कंधात्मक रूप" अठारहवीं शती के पहले नहीं बन पाया था।
मुदित राउ लखि सन्मुख विधि सब भाँतिन्ह।
मैत्री इत्यादि अर्थात् मैत्री-करुणा-मुदिता-उपेक्षा के द्वारा चित्त में रहने वाले राग-द्वेष, क्रोध-द्रोह-ईर्ष्या-असूया-मद-मोह-मत्सर-लोभ इत्यादि मलों, कलुषों, अशुद्धियों का निराकरण करना ही आन्तरिक स्वच्छता, पवित्रता है।
बोधिसत्व जब दस बलों या भूमियों (मुदिता, विमला, दीप्ति, अर्चिष्मती, सुदुर्जया, अभिमुखी, दूरंगमा, अचल, साधुमती, धम्म-मेघा) को प्राप्त कर लेते हैं तब "बुद्ध" कहलाते हैं।
मस्तिष्क और पदार्थ के परस्पर संबंध के विषय में लॉक का कथन था कि पदार्थ द्वारा मस्तिष्क का बोध होता है।
अभिषेक के अनुसार , किसी मानव मस्तिष्क में किसी जीव या प्राणी के संदर्भ में आए विचारों का मानव मस्तिष्क द्वारा निकले गए निष्कर्षों को परिभाषित करना मनोविज्ञान कहलाता हैं।