crena Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
crena ka kya matlab hota hai
क्रेना
Noun:
रणभूमि, रंगभूमि, अखाड़ा,
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crena शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
उनके ऐसा करते ही रणभूमि में शोक की लहर दौड़ गयी, तत्क्षण रणभूमि में १४ देवियाँ प्रकट हो गयीं।
अंत में अपने भक्त की रक्षा के लिए स्वयं भगवान रुद्र रणभूमि में आये।
इन्द्रजीत ने अपने पिता के आदेश पर सबसे पहले कुलदेवी माता निकुम्भला का आशीर्वाद लिया और उसके उपरान्त हुआ रणभूमि की ओर चल पड़ा।
ऐसा कहा जाता है कि वालि को उसके पिता इन्द्र से एक स्वर्ण हार प्राप्त हुआ जिसको ब्रह्मा ने मंत्रयुक्त करके यह वरदान दिया था कि इसको पहनकर वह जब भी रणभूमि में अपने दुश्मन का सामना करेगा तो उसके दुश्मन की आधी शक्ति क्षीण हो जायेगी और वालि को प्राप्त हो जायेगी।
भिक्षुणी की अनुमति से रानी की परिचारिका मालविका के शिक्षक आचार्य गणदास यवनिका के अन्तराल से सुसज्जिता शिष्या (मालविका) को रंगभूमि में ले आये।
उपन्यास - रंगभूमि लेखक-मुंशी प्रेमचंद पूँजीवाद के साथ जनसंघर्ष व बदलाव की महान गाथा है प्रेमचंद की ‘रंगभूमि’।
मालविका उसी प्रकार खड़ी हुई थी, जिस सौष्ठव के साथ देहविन्यास करके उसको रंगभूमि में खड़ा होना उचित था।
यदि कैकेयी उनके रथ को रणभूमि से दूर ले जाकर उनका उपचार नहीं करतीं तो दशरथ की मृत्यु निश्चित थी।
वे अपने नीले रंग के घोड़े पर सवार होकर तीन बाण और धनुष के साथ कुरूक्षेत्र की रणभूमि की ओर चल पड़े।
विविध स्वभाव, वर्ग, जाति, पेशा एवं आय वित्त के लोग अपने-अपने जीवन की क्रीड़ा इस रंगभूमि में किये जा रहे हैं।
उस वीर बाला को यह समझते देर न लगी कि पति रणभूमि में तो जा रहा है पर मोहग्रस्त होकर।
रंगभूमि (1924-1925) उपन्यास ऐसी ही कृति है।
उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं।
तू रंगभूमि में आया, दिखलाने अपनी माया,।
दारा रणभूमि छोड़ कर भाग गया।
१९२५ ई. में उन्होंने रंगभूमि नामक वृहद उपन्यास लिखा, जिसके लिए उन्हें मंगलप्रसाद पारितोषिक भी मिला।
1963 में बनी हिन्दी फ़िल्म रंगभूमि प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है।
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में जिले की महती भूमिका होने पर 1942 की लड़ाई में पूर्वाचल के जनपदों सहित बांदा व हमीरपुर के क्रांतिकारियों ने जिले को ही रणभूमि के रूप में स्वीकारा तभी तो बलिया के कर्नल भगवान सिंह, चीतू पांडेय जैसे क्रांतिकारी यहां के देशभक्तों का साथ देकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई को तेज किया।
एक न एक दिन तो मनुष्य के अनंत जिज्ञासु मस्तिष्क में और वर्तमान से कभी संतुष्ट न होने वाले मन में यह जिज्ञासा, यह प्रश्न उठना ही था कि प्रकृति की इस विशाल रंगभूमि के पीछे सूत्रधार कौन है, इसका सृष्टा/निर्माता कौन है, इसका उद्गम कहाँ है, हम कौन हैं, कहाँ से आए हैं, यह सृष्टि अंतत: कहाँ जाएगी।
इस बार उसने रणभूमि में घोषणा कि आज वह एक भी वानर सैनिक को जीवित नहीं छोड़ेगा और कम से कम दोनों भाइयों में से (अर्थात राम जी और लक्ष्मण जी में से) किसी एक को तो मार ही देगा।
काहनी के नायक सूरदास की इन पंक्तियों में सच्चाई है. यह जिंदगी की सच्चाइयों से वाकीफ कराती है. इंसान चाहे किसी भी हालत में हो उसे रंगभूमि में आकर कर्म करना पड़ता है और जो नीति और धर्म से मुँह मोड़ता है उसे धुत्कार ही मिलती है.।
रंगभूमि की पूरी कथा इन्हीं भावनाओं और विचारों में विचरती है।
उन्होंने सिर्फ 29 वर्ष की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं।
एक बार फिर अपने पिता की आज्ञा को शिरोधार्य करके माता निकुम्भला का आशीर्वाद लेकर इन्द्रजीत रणभूमि की ओर निकल पड़ा ।
सेवा सदन, रंगभूमि, निर्मला, गबन एवं गोदान आदि उपन्यासों की रचना की।