cottagey Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
cottagey ka kya matlab hota hai
कुटिया
Noun:
झोंपड़ी, कुटिया,
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cottagey शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
नगर में झुग्गी-झोंपड़ी निवासियों की जनसंख्या भारत के अन्य महानगरों के मुकाबले चौथे स्थान पर आती है, जिसमें ८,२०,००० लोग (कुल जनसंख्या का १८.६%) लोग हैं।
अखंड अग्नि प्रज्ज्वलित रहती है और कुछ-कुछ दूरी पर सप्तर्षियों के नाम पर सात कुटिया बनी हुई है, जिनमें आश्रम के लोग रहते हैं।
इसमें चैतन्य महाप्रभु की प्रतिमा स्थापित की जाती है और पूजन के बाद इस झोंपड़ी को होली के अलाव की भाँति जला दिया जाता है।
देशभक्ति के गीत माणि माधव चाक्यार (15 फर्वरि 1899 - 14 जन्वरि 1991) केरला के प्राचीन संस्कृत नाटक परम्परा कुटियाट्टम के महान कलाकार थे।
फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले अधिकतर मुंबई और अन्य शहरों के झुग्गी झोंपड़ी में रहने वाले बच्चे थे. शफीक सैयद, हंसा विट्ठल, चंदा शर्मा, राजू बर्नाड, चन्द्रशेखर नायडू, सरफुदीन कुरैशी, और मोहन बाबू जैसे का साथ दिया नाना पाटेकर, रघुवीर यादव, अनीता कँवर और संजना कपूर जैसे स्थापित कलाकारों ने. फिल्म का संगीत प्रख्यात संगीतकार एल. सुब्रमनियम ने दिया.।
स्वामी रामानन्द जी ने अपनी झोंपड़ी के सामने यह दिखाने के लिए एक परदा लटका दिया कि उन्हें दीक्षा देने की तो बात ही छोड़िए, मैं उनका चेहरा तक नहीं देखता।
याओसांग से अभिप्राय उस नन्हीं-सी झोंपड़ी से है जो पूर्णिमा के अपरा काल में प्रत्येक नगर-ग्राम में नदी अथवा सरोवर के तट पर बनाई जाती है।
इस प्रकार अहल्या के साथ संगम कर वह कुटिया से निकला।
वर्तमान चक्रदाहा से नवरतनपुर के बीच प्राचीन सोन नदी के किनारे मगध साम्राज्य के प्रधानमंत्री सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री चाणक्य की तपस्थली कुटिया थी, जहां चौथी शताब्दी ईसापूर्व में चंद्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य से प्रारंभिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
तमिलनाडु की कमन पोडिगई मुख्य रूप से कामदेव की कथा पर आधारित वसंतोतसव है जबकि मणिपुर के याओसांग में योंगसांग उस नन्हीं झोंपड़ी का नाम है जो पूर्णिमा के दिन प्रत्येक नगर-ग्राम में नदी अथवा सरोवर के तट पर बनाई जाती है।
जिन युवाओं ने बाबा को कुटिया में सदा लेटे हुए ही देखा- शायद ही कभी अंदाज लगा पाए होंगे कि यह शख्स जब खड़ा रहा करता था तब क्या कहर ढाता था।
यहाँ मंदिर प्रांगण में छोटीसी ८४ भूलभुलैया है, जो सुदामाजी के द्वारिका से वापसी के बाद अपनी कुटिया खोजने की बात को याद दिलाते है।
ये मानव हत्या कर उसकी खोपड़ी को अपनी झोंपड़ी के दरवाजे पर टांग देते हैं जो विजय का परिचायक होती है ।
बताते है वनवास की पहली रात में जब भगवान राम और देवी सीता कुटिया में विश्राम करने चले गये तो लक्ष्मण कुटिया के बाहर एक प्रहरी के रुप में पहरा दे रहे थे।
रविदास पड़ोस में ही अपने लिए एक अलग कुटिया बनाकर रहने लगे एवम तत्परता से अपने व्यवसाय का काम करते थे और शेष समय ईश्वर-भजन तथा साधु-सन्तों के सत्संग में व्यतीत करते थे।
स्वर्ण मंडप - बंगाली झोंपड़ी के आकार की छतों वाले सुंदर मंडप।
जब राम उसकी कुटिया में पधारे, तो वह सुध-बुध खो बैठी और चख-चखकर मीठे बेर राम जी को खिलाने लगी।
कहते हैं कि दूसरे सिपाहियों ने सतनामियों की झोंपड़ी में आग लगा दी।
कहते हैं कि चाणक्य राजसी ठाट-बाट से दूर एक छोटी सी कुटिया में रहते थे।
सरकार की नगर को २०१६ तक झुग्गी-झोंपड़ी मुक्त बनाने की योजना थी।
वहां एक कुटिया बनाकर उसका प्रभार एक संन्यासी को सौंपा, इसलिए अद्यपर्यन्त उनके राम मंदिर के महन्त संन्यासी ही होते हैं जबकि वहां के अन्य मंदिरों के वैरागी हैं।
संजीवनी बूटी का रहस्या सुषेण वैध को पता था इसलिए हनुमान जी उनको उनकी कुटिया सहित उठा लाए थे, सुषेण वैध जी ने शिव की तपस्या करके उनसे अमर होने का वरदान मांगा था लेकिन शिव ने कहा यह संभव नहीं लेकिन मैं तुम्हें संजीवनी विद्या के बारे में बता सकता हूं।
जब अर्जुन अपने कुटिया पहुँचे तो कुन्ती पूजा कर रही थी।
इस झोंपड़ी में लगने वाली सामग्री ८ से १३ वर्ष तक के बच्चों द्वारा पास पड़ोस से चुरा कर लाने की परंपरा है।
गंगातट पर फूंस की झोंपड़ी में एकाकी निवास, घरों में भिक्षाग्रहण करना, चौबीस घंटों में एक बार, भूमिशयन, निरावण चरण (पद) यात्रा।