corious Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
corious ka kya matlab hota hai
जिज्ञासु
Adjective:
निराला, कुतूहली, जिज्ञासु,
People Also Search:
coriumcoriums
cork
cork oak
cork tree
corkage
corkages
corkboard
corked
corker
corkers
corkier
corkiest
corkiness
corking
corious शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला', पं महावीर प्रसाद द्विवेदी, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, राममनोहर लोहिया, कुंवर नारायण, दिवाकर द्विवेदी की यह जन्मभूमि है।
कवि निराला ने उन्हें “हिन्दी के विशाल मन्दिर की सरस्वती” भी कहा है।
महादेवी वर्मा के मानस बंधुओं में सुमित्रानन्दन पन्त एवं निराला का नाम लिया जा सकता है, जो उनसे जीवन पर्यन्त राखी बँधवाते रहे।
वे इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ एडवांस स्टडीज़ (शिमला) के फेलो रहे (१९७३) और मिथक-चेतना पर कार्य किया, निराला सृजनपीठ भोपाल (१९८१-८३) और यशपाल सृजनपीठ (शिमला) के अध्यक्ष रहे (१९८९)।
हर क्षेत्र का खाना दुसरे क्षेत्र से बहुत अलग हौता है, यह भरतीय भोजन को अपनी एक निराला व अनोखा रूप देती है।
कवि के रूप में वे निराला, पन्त, महादेवी के साथ छायावाद के प्रमुख स्तम्भ के रूप में प्रतिष्ठित हुए हैं; नाटक लेखन में भारतेन्दु के बाद वे एक अलग धारा बहाने वाले युगप्रवर्तक नाटककार रहे जिनके नाटक आज भी पाठक न केवल चाव से पढ़ते हैं, बल्कि उनकी अर्थगर्भिता तथा रंगमंचीय प्रासंगिकता भी दिनानुदिन बढ़ती ही गयी है।
छायावादी काव्य को जहाँ प्रसाद ने प्रकृतितत्त्व दिया, निराला ने उसमें मुक्तछंद की अवतारणा की और पंत ने उसे सुकोमल कला प्रदान की वहाँ छायावाद के कलेवर में प्राण-प्रतिष्ठा करने का गौरव महादेवी जी को ही प्राप्त है।
'nbsp;'nbsp;'nbsp;ख.'nbsp;'nbsp;'nbsp; हिंदी के विशाल मन्दिर की वीणापाणी, स्फूर्ति चेतना रचना की प्रतिमा कल्याणी ―निराला।
'nbsp;'nbsp;'nbsp;क.'nbsp;'nbsp;'nbsp; छायावाद के अन्य तीन स्तंभ हैं, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और सुमित्रानंदन पंत।
निराला जी से उनकी अत्यधिक निकटता थी, उनकी पुष्ट कलाइयों में महादेवी जी लगभग चालीस वर्षों तक राखी बाँधती रहीं।
निराला के बाद नागार्जुन अकेले ऐसे कवि हैं, जिन्होंने इतने छंद, इतने ढंग, इतनी शैलियाँ और इतने काव्य रूपों का इस्तेमाल किया है।
25. अत्र च परस्परं भेदकलनया अवान्त भेदज्ञान कुतूहली तंत्रालोक मेव अवधारमेत्।
उनके नामों का उल्लेख करते हुए रामविलास शर्मा प्रेमचंद और उनका युग में लिखते हैं कि- "प्रेमचंद की परंपरा को 'अलका', 'कुल्ली भाट', 'बिल्लेसुर बकरिहा' के निराला ने अपनाया।