consilience Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
consilience ka kya matlab hota hai
संघ
Noun:
रूह, पुण्य-अपुण्य-विवेक,
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consilience शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
इसके गीत मुजरूह सुल्तांनपुरी द्वारा रचित (अंतिम रचना सुलतान पुरी द्वारा) था।
पांडित्य-प्रदर्शन के कारण वह कुछ दुरूह हो गई है।
सिंहल भाषा बोलने-चालने के समय हमारी भोजपुरी आदि बोलियों की तरह प्रत्ययों की दृष्टि से बहुत ही आसान है, किंतु लिखने-पढ़ने में उतनी ही दुरूह।
अंत में डॉ॰ भगवान्दास ने इस बात पर बल दिया है कि आदमी की रूह इन सबों में बड़ी है।
आत्मा क्या है? कहा से आई है? वजूद क्यों है? करना क्या है इतिहादी रूहानियत के विशे सिख प्रचार द्वारा पढाये जाते हैं।
दिल्ली से राष्ट्रीय राजमार्ग ८ द्वारा धारूहेडा और मानेसर होते हुए अलवर पहुंचा जा सकता है।
आशय का स्पष्ट होना जरूरी भी था क्योंकि ईश्वरी पुस्तक माने जाने वाले ग्रंथ में दुरूहता की कोई गुंजायश नहीं होनी चाहिए थी।
फलत: अर्थशास्त्र के प्रणेता बृहस्पति एवं लोकायत शास्त्र के प्रवर्त्तक में अन्तर कर पाना अत्यन्त दुरूह कार्य है।
(3) नबियों के ग्रंथ : यशयाह, जेरेमिया, विलापगीत, बारूह, ऐजेकिएल, अथवा यहेजकेल, दानिएल और बारह गौण नबी अर्थात् ओसेआ अथवा होशे, जोएल, योएल आमोस, ओबद्याह, योना, मिकेयाह, नाहूम, हाबाकुक, सोफ़ोनिया, हग्गै, जाकारिआ, मलाकी।
জজজ
इसकी भाषा पंजाबी-भाषियों के लिये और अधिक दुरूह किन्तु हिन्दी-भाषियों के लिये भलीभाँति जानी-पहचानी है।
दिल्ली से अलवर (राष्ट्रीय राजमार्ग ८ से) धारूहेडा पहुँच कर बाएं भिवाडी की ओर मुडिए, थोड़ा आगे दायें भिवाडी-अलवर टोल मार्ग से आसानी से अलवर पहुंचा जा सकता है।
वैदिक भाषा जनमानस को अधिक दुरूह प्रतीत होने लगी थी, जबकि स्मृतियाँ लौकिक संस्कृत में लिखी गई थीं जिसे समाज सरलता से समझ सकता था तथा वे सामाजिक व्यवस्था के अनुरूप सिद्धांतप्रतिपादित करती थीं।
आलोचनात्मक शैली की अपेक्षा यह शैली अधिक गंभीर और दुरूह है।
consilience's Usage Examples:
The consilience of empirical and deductive processes was an Aristotelian discovery, elaborated by Mill against Bacon.
It teaches us that scientific method is sometimes induction, sometimes deduction, and sometimes the consilience of both, either by the inductive verification of previous deductions, or by the deductive explanation of previous inductions.
On the strength of the consilience of arguments for evolution in the organic world, he carries back the process in the whole world, until he comes to a cosmology which recalls the rash hypotheses of the Presocratics.