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considerative Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


considerative ka kya matlab hota hai


विचारशील

Noun:

महत्त्व, मीमांसा, सोच, लिहाज़, मनन, ध्यान, विचार,



considerative शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



उपनिषदों का महत्त्व उनकी रोचक प्रतिपादन शैली के कारण भी है।

एक ही तरीके से, प्रत्यक्षवाद कार्ल पॉपर द्वारा प्रस्तुत महत्वपूर्ण बुद्धिवादी गैर-न्यायवाद के सामने आया है, जो स्वयं थॉमस कुह्न के ज्ञान मीमांसा के प्रतिमान विचलन की अवधारणा के ज़रिए विवादित है।

उपनिषद उपनिषद् हिन्दू धर्म के महत्त्वपूर्ण श्रुति धर्मग्रन्थ हैं।

(1) मीमांसा (2) न्याय (3) वैशेषिक (4) सांख्य (5) योग (6) वेदान्त।

पाश्चात्य विद्वान फ्लीट, जौली आदि ने इस पुस्तक को एक ‘अत्यन्त महत्त्वपूर्ण’ ग्रंथ बतलाया और इसे भारत के प्राचीन इतिहास के निर्माण में परम सहायक साधन स्वीकार किया।

आरण्यक का मुख्य विषय यज्ञभागों का अनुष्ठान न होकर तदंतर्गत अनुष्ठानों की आध्यात्मिक मीमांसा है।

देवनागरी के विकास में अनेक संस्थागत प्रयासों की भूमिका भी अत्यन्त महत्त्वपूर्ण रही है।

इसी प्रकार, १९४७ में आचार्य नरेन्द्र देव की अध्यक्षता में गठित एक समिति ने बारहखड़ी, मात्रा व्यवस्था, अनुस्वार व अनुनासिक से संबंधित महत्त्वपूर्ण सुझाव दिये।

कौटिल्य का 'अर्थशास्त्र' राजनीतिक सिद्धांतों की एक महत्त्वपूर्ण कृति है।

बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हैं।

भारत और विश्व के लिए संस्कृत का महत्त्व

सत्यप्रकाश मिश्र छायावाद से संबंधित उनकी शास्त्र मीमांसा के विषय में कहते हैं ― “महादेवी ने वैदुष्य युक्त तार्किकता और उदाहरणों के द्वारा छायावाद और रहस्यवाद के वस्तु शिल्प की पूर्ववर्ती काव्य से भिन्नता तथा विशिष्टता ही नहीं बतायी, यह भी बताया कि वह किन अर्थों में मानवीय संवेदन के बदलाव और अभिव्यक्ति के नयेपन का काव्य है।

इसलिये भारतीय दर्शन में चेतना की मीमांसा अनिवार्य है जो आधुनिक दर्शन में नहीं।

शुक्राचार्य ने दण्डनीति को इतनी महत्त्वपूर्ण विद्या बतलाया है कि इसमें अन्य सब विद्याओं का अन्तर्भाव मान लिया है- क्योंकि 'शस्त्रेण रक्षिते देशे शास्त्रचिन्ता प्रवर्तते' की उक्ति के अनुसार शस्त्र (दण्ड) द्वारा सुशासित तथा सुरक्षित देश में ही वेद आदि अन्य शास्त्रों की चिन्ता या अनुशीलन हो सकता है।

मनोविज्ञान के कार्यक्षेत्र (scope) को सही ढंग से समझने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण श्रेणी वह श्रेणी है जिससे यह पता चलता है कि मनोविज्ञानी क्या चाहते हैं ? किये गये कार्य के आधार पर मनोविज्ञानियों को तीन श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है:।

भारत के लिये देवनागरी का महत्त्व

भौतिकी का महत्त्व इसलिये भी अधिक है कि अभियांत्रिकी तथा शिल्पविज्ञान की जन्मदात्री होने के नाते यह इस युग के अखिल सामाजिक एवं आर्थिक विकास की मूल प्रेरक है।

जो ईश्वर यानी शिव जी तथा वेदोक्त बातों जैसे न्याय, वैशेषिक, सांख्य, योग, मीमांसा और वेदांत पर विश्वास करता है, उसे आस्तिक माना जाता है; जो नहीं करता वह नास्तिक है।

विषय का किस हद तक विज्ञान के रूप में चित्रण किया जा सकता है यह बुनियादी प्रकृति दर्शनशास्त्र और ज्ञान मीमांसा के प्रश्नों के सन्दर्भ में एक प्रमुख मुद्दा रहा है।

भारत में कुल ६ दर्शन हैं- महर्षि कपिल का सांख्य दर्शन, महर्षि पतंजलि का योग दर्शन, गौतम ऋषि का न्याय दर्शन, कणाद का वैशेषिक दर्शन, जैमिनि का पूर्व मीमांसा और शंकराचार्य का पूर्व मीमांसा

रामायण मीमांसा के रचनाकार धर्मसम्राट स्वामी करपात्री,।

ज्ञान मीमांसा और प्रकृति दर्शनशास्त्र ।

इनमें प्रमुख हैं, जैमिनी के पूर्व मीमांसा-सूत्र और कथा गार्ह्य-सूत्र।

बस वह सनातनधर्मी परिवार में जन्मा हो, वेदांत, मीमांसा, चार्वाक, जैन, बौद्ध, आदि किसी भी दर्शन को मानता हो बस उसके सनातनी होने के लिए पर्याप्त है।

वर्ण्यविषय एवं ग्रन्थ का महत्त्व

भारतीय दर्शन के ६ प्रमुख अंग हैं- सांख्य दर्शन, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा और वेदान्त।

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