consension Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
consension ka kya matlab hota hai
रियायत
Noun:
सभा, प्रथा, परिपाटी, अभिसमय, परंपरा, सम्मेलन,
People Also Search:
consensualconsensually
consensus
consensuses
consent
consent decree
consent to
consentaneous
consentaneously
consented
consentience
consentient
consenting
consentingly
consents
consension शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
भारत की स्वतंत्रता के पहले और उसके बाद भी बहुत से लोग हिन्दी को 'राष्ट्रभाषा' कहते आये हैं (उदाहरणतः, राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा, महाराष्ट्र राष्ट्रभाषा सभा, पुणे आदि) किन्तु भारतीय संविधान में 'राष्ट्रभाषा' का उल्लेख नहीं हुआ है और इस दृष्टि से हिन्दी को राष्ट्रभाषा कहने का कोई अर्थ नहीं है।
अपने जीवनकाल में ही अपने मकबरे का निर्माण करवाना एक तुर्की प्रथा थी, जिसका मुगल शासकों ने धर्म की तरह पालन किया।
व्यवस्थापिका संसद को कहते हैं, जिसके दो सदन हैं – उच्चसदन राज्यसभा, अथवा राज्यपरिषद् और निम्नसदन लोकसभा. राज्यसभा में २४५ सदस्य होते हैं जबकि लोकसभा में ५४५।
नागरीप्रचारिणी सभा के हिंदी शब्दसागर के अतिरिक्त हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा प्रकाश्यमान मानक शब्दकोश एक विस्तृत आयास है।
महारानी गवर्नर जनरल के रूप में प्रतिनिधित्व करती है, जो प्रथानुसार प्रधानमंत्री के परामर्श पर कार्यवाही करती है।
19वीं शताब्दी के अंत मे रुपया प्रथागत ब्रिटिश मुद्रा विनिमय दर, के अनुसार एक शिलिंग और चार पेंस के बराबर था वहीं यह एक पाउंड स्टर्लिंग का 1 / 15 हिस्सा था।
राज्यसभा एक स्थाई सदन है और इसके सदस्यों का चुनाव, अप्रत्यक्ष विधि से ६ वर्षों के लिये होता है।
समस्त मानव समाज अनेक वर्गों, समूहों तथा समुदायों में विभक्त है जिसके अपने-अपने रीति-रिवाज, प्रथाएं, परंपराएं तथा नियम होते हैं जिन पर भौगोलिक पर्यावरण का प्रभाव निश्चित रूप से पाया जाता है।
कंपनी का संचालन निदेशक मंडल द्वारा किया जाता है, जो ज्यादातर कंपनी बाहरी लोगों से बना होता है, जैसा कि सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए प्रथागत है।
कार्यपालिका संसद को उत्तरदायी होती है, और प्रधानमंत्री और उनका मंत्रिमण्डल लोक सभा में बहुमत के समर्थन के आधार पर ही अपने कार्यालय में बने रह सकते हैं।
कुछ हिन्दू मन्दिरों में पशुबलि चढ़ती है, पर आजकल यह प्रथा हिन्दुओं द्वारा ही निन्दित किये जाने से समाप्तप्राय: है।
संविधान सभा ने जन-गण-मन हिन्दुस्तान के राष्ट्रगान के रूप में २४ जनवरी १९५० को अपनाया था।
इसी दौरान बंगाल और खासकर कोलकाता में बाबू संस्कृति का विकास हुआ जो ब्रिटिश उदारवाद और बंगाली समाज के आंतरिक उथल पुथल का नतीजा थी जिसमे बंगाली जमींदारी प्रथा हिंदू धर्म के सामाजिक, राजनैतिक और नैतिक मूल्यों में उठापटक चल रही थी।
केरल के गांधी समर्थक श्री केलप्पन ने महात्मा की आज्ञा से इस प्रथा के विरूद्ध आवाज उठायी और अंततः इसके लिये सन् १९३३ ई0 में सविनय अवज्ञा प्रारम्भ की गयी।
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद ने संविधान सभा में २४ जनवरी १९५० में 'वन्दे मातरम्' को राष्ट्रगीत के रूप में अपनाने सम्बन्धी वक्तव्य पढ़ा जिसे स्वीकार कर लिया गया।
सनातन में आधुनिक और समसामयिक चुनौतियों का सामना करने के लिए इसमें समय समय पर बदलाव होते रहे हैं, जैसे कि राजा राम मोहन राय, स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानंद आदि ने सती प्रथा, बाल विवाह, अस्पृश्यता जैसे असुविधाजनक परंपरागत कुरीतियों से असहज महसूस करते रहे।
जापान में धर्म प्रकृति में समधर्मी हो जाता है और प्रथाओं का एक माता पिता, परीक्षा से पहले प्रार्थना छात्रों मना बच्चों के रूप में ऐसी किस्म, में यह परिणाम, जोड़ों एक क्रिश्चियन चर्च पर एक शादी पकड़ होने के बौद्ध मंदिर में आयोजित किया।
डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद का संविधान सभा को दिया गया वक्तव्य इस प्रकार है) :।
लोकसभा के ५४३ सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष विधि से, ५ वर्षों की अवधि के लिये आम चुनावों के माध्यम से किया जाता है जिनमें १८ वर्ष से अधिक उम्र के सभी भारतीय नागरिक मतदान कर सकते हैं।
इसी अवधि में जाति प्रथा भी प्रारंम्भ हुई थी।
पूर्वोत्तर में हिन्दी का औपचारिक रूप से प्रवेश वर्ष 1934 में हुआ, जब महात्मा गांधी अखिल भारतीय हरिजन सभा की स्थापना हेतु असम आये।
१९४५ में काशी नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा अ की बारहखड़ी और श्रीनिवास के सुझाव को अस्वीकार करने का निर्णय लिया गया।
राज्यसभा के ज़्यादातर सदस्यों का चयन राज्यों की विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा किया जाता है, और हर दूसरे साल राज्य सभा के एक तिहाई सदस्य पदमुक्त हो जाते हैं।