comprint Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
comprint ka kya matlab hota hai
कॉम्पिटिंप
Noun:
अभियोग, उलाहना, रोग, कष्ट, फ़रियाद, शिकायत,
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comprint शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
जब लॉग सेंट एडवर्ड की कुर्सी पर बैठता है और ट्रिफल के रूप में फेकें गए केक के टुकड़े को खारिज करता है, स्मृतिचिह्नों के लिए लॉग के अनादार की किंग द्वारा की गई स्पष्ट उलाहना उसे यह अहसास कराती है कि वह अपने पहले बने राजाओं से अधिक प्रतिभावान है।
कवि अपनी प्रिया को अत्यधिक चतुराई दिखाने के लिए उलाहना भी देता है।
ऐसे अभियोगों का निर्णय अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा तब ही हो सकता है जब दोनो देश सहमत हो।
* 5.2 परिचयकारणान्य् अभियोगा छेच्केद्।
शाब्दिक अर्थ : दुश्मन, विरोधी या अभियोगी) इब्राहिमी सम्प्रदायों में सबसे दुष्ट अस्तित्वी का नाम है, जो दुनिया की सारी बुराई का प्रतीक है।
इस कविता में यशोदा माता एक गोपी को श्रीकृष्ण से लड़ने के लिए उलाहना दे रही हैं।
1. कुड़ में दा लाहमा (समधियों का उलाहना) श्री भगवतप्रसाद साठे।
(ख) यदि किसी पदाधिकारी के विरूद्व कोई अभियोग चलाया गया हो तो उसके रक्षाविषयक व्यय की सरकार द्वारा पूर्ति।
इस तरह रैमंडो डेला टोरे ने विधर्मी कैथर्स से विस्कॉन्टी की निकटता के आरोपों का प्रचार शुरू किया और उन पर उच्च देशद्रोह का अभियोग लगाया: विस्कॉन्टी, जिन्होंने डेला टोरे पर उसी अपराध का आरोप लगाया, बाद में मिलान से प्रतिबंधित हो गए और उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई।
| उलाहना || उपालम्भ || ताँबा || ताम्र || बनिया || वणिक || सरसों || सर्षप।
उन्होने अपने प्रबल तर्कों के आधार पर अरविन्द को सारे अभियोगों से मुक्त घोषित करा दिया।
’ दुर्योधन कहता है कि ‘पाण्डु को मुनिशाप मिला था अतः पाण्डव तो देवपुत्र हैं फिर हमारे बन्धु कैसे हुए? उनका पिता के धन में क्या अधिकार?’ वासुदेव दुर्योधन से पूछते हैं कि धृतराष्टं भी अपने पिता विचित्रवीर्य के धन के उत्तराधिकारी कैसे हो सकते हैं? दुर्योधन वासुदेव को उनके बाल-कृत्यों पर भी उलाहना देने लगता है।
पांचवें अंक में रानी हंसपदिका एक गीत गाती हैं, जिसमें राजा को उनकी मधुर-वृत्ति के लिए उलाहना दिया गया है।
उपालंभ में मात्र उलाहना नहीं होता या प्रियपात्र की निन्दा ही नहीं होती; इसका मुख्य भाव है, किसी प्रकार प्रिय साहचर्य की अनुभूति या चेष्टा, सहयोगाकांक्षाजन्य विकलता और मिलन की अभिलाषा।
उन्होंने इसके लिये बापू की अनुमति प्राप्त की और वे राजकोट पहुँचते ही सविनय अवज्ञा के अभियोग में नजरबंद कर ली गर्इं।
अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय के अभियोग दो तरह के होते है : विवादास्पद विषय तथा परामर्शी विचार।
यह लड़की अपने भार के कारण समाज से मिलने वाली उलाहनाओं के बावजूद जीवन की समस्याओं से कैसे जूझती है, इसका वर्णन कहानी में किया गया है।
आक्षेप- आरोप, अभियोग, इल्जाम, दोषारोपण, व्यंग्य, कटुभाषण।
अब, विद्रोह में सहयोग देने के अभियोग पर उसे पंजाब से निष्कासित कर दिया गया।