compassive Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
compassive ka kya matlab hota hai
दया
Adjective:
आवेगहीन,
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compel
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compelled
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compassive शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
महर्षि दयानन्द ने भारतीय संस्कृति के महान जननायक बनकर दीपावली के दिन अजमेर के निकट अवसान लिया।
दया, विचारशीलता और संयम इसके आधार स्तम्भ थे।
प्रमुख संतों, कवियों और संगीतज्ञों में 15वीं सदी में पदों के रचयिता नरसी मेहता, अपने महल को त्यागने वाली 16वीं सदी की राजपूत राजकुमारी व भजनों की रचनाकार मीराबाई, 18वीं सदी के कवि और लेखक प्रेमानंद और भक्ति मत को लोकप्रिय बनाने वाले गीतकार दयाराम शामिल हैं।
इन मूल्यों में दया,करुणा,प्रेम,त्याग,सत्य,न्याय आदि होते हैं।
गुजराती बोलने वाले भारत के दूसरे महानुभावों में भीमराव आम्बेडकर, मुहम्मद अली जिन्ना, दयानंद सरस्वती, मोरारजी देसाई, धीरूभाई अंबानी भी सम्मिलित हैं।
फ़्रांस और ब्रिटेन के उद्योग प्रेक्षकों ने सुझाव दिया कि शोर प्रदूषण के आधार पर कॉनकॉर्ड के अमेरिकी विरोध का एक अंश मनगढंत था, या कम से कम अमेरिकी सरकार द्वारा इस दुर्भाव की वजह से प्रोत्साहन कि राष्ट्रपति जॉन एफ़. केनेडी द्वारा 1963 का आवेगहीन प्रतिबद्धता बयान के बावजूद, व्यवहार्य प्रतिस्पर्धी को वे प्रस्तावित कर पाने में अक्षम रहे।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर।
कृष्ण, दयानन्द सरस्वती, महात्मा गाँधी, सरदार पटेल तथा सुप्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी रणजी जैसे व्यक्तित्व ने प्रदेश के समाज को गौरवांवित किया।
आगरा स्थित एक अन्य प्रमुख विश्वविद्यालय है दयालबाग विश्व विद्यालय ।
धर्म का विवाह दक्ष की १३ पुत्रियों से हुआ था, जिनके नाम हैं- श्रद्धा, मैत्री, दया, शान्ति, तुष्टि, पुष्टि, क्रिया, उन्नति, बुद्धि, मेधा, तितिक्षा, ह्री और मूर्ति।
लिनलिथगो काफी बुद्धिमान, बेहद मेहनती, ईमानदार, गंभीर और इस अधिनियम को सफल बनाने के लिए दृढ़ संकल्प था, हालांकि वह भी निरस, आवेगहीन, विधि सम्मत था और अपने तत्काल सर्किल के बाहर लोगों के साथ "शर्तों को लागू करना" बहुत मुश्किल महसूस किया।
स्वामीबाग समाधि हुजूर स्वामी महाराज (श्री शिव दयाल सिंह सेठ) का स्मारक/ समाधि है।
सनातन में आधुनिक और समसामयिक चुनौतियों का सामना करने के लिए इसमें समय समय पर बदलाव होते रहे हैं, जैसे कि राजा राम मोहन राय, स्वामी दयानंद, स्वामी विवेकानंद आदि ने सती प्रथा, बाल विवाह, अस्पृश्यता जैसे असुविधाजनक परंपरागत कुरीतियों से असहज महसूस करते रहे।
साहित्यानुशीलन (गूगल पुस्तक ; लेखक - डॉ दयाशंकर शुक्ल)।
दिल्ली पब्लिक स्कूल, दयालबाग।