chelator Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
chelator ka kya matlab hota hai
चेलेटर
Noun:
विधाता, सर्जक, निर्माता,
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chelator शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
यह दर्शन पारम्परिक तथा शिव को ही पूर्णतया समस्त कारक, संहारक, सर्जक मानता है।
तात्पर्य स्पष्ट है कि सृष्टि के सर्जक एवं पालक विष्णु ने संचालन हेतु इन्द्र को राजा बनाया है।
जन गण के मनों के उस अधिनायक की जय हो, जो भारत के भाग्यविधाता हैं!।
जनगणपथपरिचायक जय हे भारतभाग्यविधाता!।
झारखंडी का अर्थ झारखंड में निवास करने वाले से नहीं है बल्कि "जाहेर" (सारना स्थल) के "खोंड" (वेदी) में पूजा करने वाले लोग से है, जो प्रकृति को विधाता मानता है।
देवताओं का घर कहे जाने वाले नेपाल विविधाताओं से पूर्ण है।
जनगण के मंगल दायक की जय हो, हे भारत के भाग्यविधाताविजय हो विजय हो विजय हो, तेरी सदा सर्वदा विजय हो।
ईश्वर के अन्य नाम हैं : परमेश्वर, परमात्मा, विधाता, भगवान (जो हिन्दी में सबसे ज़्यादा प्रचलित है)।
आचार्य नरेन्द्रदेव : नई संस्कृति के सर्जक।
जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!।
साथ ही कथ्य के अनुरूप वर्णनात्मक, मनोविशेषणात्मक एवं विशेषणात्मक शैली का प्रयोग सर्जक के शिल्प कौशल को उजागर करता है।
जनगणमन:जनगण के मन/सारे लोगों के मन; अधिनायक:शासक; जय हे:की जय हो; भारतभाग्यविधाता:भारत के भाग्य-विधाता(भाग्य निर्धारक) अर्थात् भगवान।
|1982 || विधाता || ||।
ऐ मज्द! जब मैंने तुम्हारा प्रथम साक्षात पाया, इस प्रकार पैगंबर ने एक सुप्रसिद्ध पद में कहा है, मैंने तुम्हें केवल विश्व के आदि कर्ता के रूप में अभिव्यक्त पाया ओर तुमको ही विवेक का स्रष्टा (श्रेष्ठ, मिन्) एवं सद्धर्म का वास्तविक सर्जक तथा मानव जाति के समस्त कर्मों का नियामक समझा।
जनगणमंगलदायक जय हे भारतभाग्यविधाता!जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे।
जनगणदुःखत्रायक जय हे भारतभाग्यविधाता!।
जनगणमन आधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता!।
जनगणमंगलदायक:जनगण के मंगल-दाता/जनगण को सौभाग्य दालाने वाले; जय हे:की जय हो; भारतभाग्यविधाता:भारत के भाग्य विधाताजय हे जय हे:विजय हो, विजय हो; जय जय जय जय हे:सदा सर्वदा विजय हो।
जनगण-ऐक्य-विधायक जय हे भारतभाग्यविधाता!।
वैशाली जन का प्रतिपालक, विश्व का आदि विधाता, जिसे ढूंढता विश्व आज, उस प्रजातंत्र की माता॥रुको एक क्षण पथिक, इस मिट्टी पे शीश नवाओ,राज सिद्धियों की समाधि पर फूल चढ़ाते जाओ|| (रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियाँ)।
हिन्दी कवि अम्बिकाप्रसाद दिव्य स्मृति प्रतिष्ठा पुरस्कार (संक्षेप में दिव्य पुरस्कार) साठ महत्वपूर्ण ग्रंथों के सर्जक, यशस्वी उपन्यासकार, कवि, एवं चित्रकार, स्व.अम्बिका प्रसाद दिव्य की स्मृति में १९९७ से दिये जा रहे हैं।
जय जय जय हे जय राजेश्वर भारतभाग्यविधाता!।
हिन्दू दर्शनशास्त्रों में ३ प्रमुख देव बताये गये है जिसमें ब्रह्मा सृष्टि के सर्जक, विष्णु पालक और महेश विलय करने वाले देवता हैं।
सर्जक मानने की आवश्यकता तो तभी होगी जब कि यह प्रमाणित हो जाए कि कभी सृष्टि की उत्पत्ति हुई होगी।
स्वास्थ्य विज्ञान -२ : सर्जरी के सर्जक हम ही हैं! (भारत का वैज्ञानिक चिन्तन)।
यदि इस सन्दर्भ में देखे तो वास्तुकला व्यक्ति के अपने सर्जक मन की सम्पूर्ण एवं सुविकसित रचना होनी चाहिए, जो स्वयम्भू के उच्च स्तर तक पहुँचती है।
वह बहु आयामी सर्जक थे… अनेक विधाओं में उन्होनें कार्य किया।
जनगणमन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता!।
वे एक ऐसे सर्जक थे, जिनका व्यक्तित्व बहुआयामी था।