chalukya Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
chalukya ka kya matlab hota hai
चातुर्मास
Adjective:
चूने का,
People Also Search:
chalutzchalybean
chalybeate
chalybeates
chalybite
cham
chamade
chamades
chamaeleon
chamaeleons
chamber
chamber music
chamber of commerce
chamber orchestra
chamber pot
chalukya शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के भग्नावशेषों से ज्ञात होता है तत्कालीन निवासी चूने का उपयोग अनेक कार्यों में करते थे।
यहाँ थोड़ी मात्रा में कच्चा लोहा, चूने का पत्थर तथा कोयले का भी खनन होता है।
प्रदूषण की रोकथाम, मीठे पानी से तालाब में पानी के स्तर को बढ़ाकर या 50-100 कि०ग्रा०/हे० चूने का प्रयोग या 3-5 प्रतिशत नमक के घोल में स्नान या 0.5 मीटर गहराई वाले तालाबों में 8 कि०ग्रा०/हे० की दर से कॉपर सल्फेट का प्रयोग करना।
एकपात्-काण्डम् -- इस काण्ड में आधान-पुनराधान, अग्निहोत्र, आग्रयण, पिण्डपितृयज्ञ, दाक्षायण यज्ञ, उपस्थान तथा चातुर्मास्य संज्ञक यागों का विवेचन है।
एकपदिप -- इस काण्ड में अग्न्याधान, पुनराधान, अग्निहोत्र, उपस्थान, प्रवत्स्यदुपस्थान, आगतोपस्थान, पिण्डपितृयज्ञ, आग्रयण, दाक्षायण तथा चातुर्मास्यादि यार्गो की मीमांसा की गई है।
आषाढ शुक्ल एकादशी को देव-शयन हो जाने के बाद से प्रारम्भ हुए चातुर्मास का समापन कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन देवोत्थान-उत्सव होने पर होता है।
बौद्ध काल के साहित्य में श्रावस्ति का वर्णन अनेकानेक बार आया है और भगवान बुद्ध ने यहाँ के जेतवन में अनेक चातुर्मास व्यतीत किये थे।
कोयला, ऐल्यूमिनियम का अयस्क - बाक्साइट, लोहे का अयस्क - लैटेराइट, नमक, जिप्सम, फास्फेट, मैगनेसाइट, सीमेंट का अयस्क, चूने का पत्थर, इत्यादि कई महत्वपूर्ण खनिज पदार्थ अवसाद शैलों में उपलब्ध होते है।
रेत (SiO2), चूने का पत्थर (CaO), सोडियम ऑक्साइड (Na2O) और अन्य खनिज तथा धातुओं को परस्पर पिघलाकर कांच बनाया जाता है तथा इसके विभिन्न बर्तन आदि बनाये जाते है।
जलीय उत्पादकता हेतु चूने का प्रयोग।
इनमें चूने का पत्थर, डोलोमाइट युक्त चूने की पत्थर, चट्टानी नमक, सिलिका रेत और स्लेट होते है।
(7) आचार्य जहाँ कहे, वहाँ मुनि विहार वा चातुर्मास करे।
वर्ष भर में एक बार माघ शुक्ला सप्तमी को सारा संघ जहाँ आचार्य होते हैं वहाँ एकत्रित होता है और वर्ष भर का कार्यक्रम आचार्य वहीं निर्धारित कर देते हैं और चातुर्मास तक सभी सिंघाड़े अपने अपने स्थान पर पहुँच जाते हैं।
अतएव चातुर्मासमें प्रभावी प्रतिबंध देवोत्थान एकादशी के दिन समाप्त हो जाने से विवाहादिशुभ कार्य प्रारम्भ हो जाते हैं।
इसमें दर्श पौर्णमास, अग्निष्टोम, वाजपेय, अग्निहोत्र, चातुर्मास्य, अश्वमेध, पुरूषमेध आदि यज्ञों के वर्णन है।
कुंतीपुत्र धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवन, आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी तथा चातुर्मास्य माहात्म्य मैंने भली प्रकार से सुना।
वे ही इनके विहार, चातुर्मास आदि के स्थानों का निर्धारण करते हैं।
वहाँ से मिली काँच की वस्तुओं की परीक्षा से ज्ञात हुआ है कि उस काल के काँच बनाने में चूने का उपयोग होता था।
विन्धय पर्वत पर पाई जाने वाली चट्टानों के नाम उसके आसपास के स्थान के नामों से प्रसिद्ध है जैसे - माण्डेर का चूना का पत्थर, गन्नौर गढ़ की चीपें, रीवा और पन्ना के चूने का पत्थर, विजयगढ़ की चीपें इत्यादि।
महातीर्थ के संस्थापक संत श्री दत्तशरणानंद महाराज का इस वर्ष २००७ का चातुर्मास खेतेश्वर गोसेवाश्रम खिरोड़ी में चल रहा है।
विभिन्न कार्बोनेट, जैसे चूने का पत्थर, डोलोमाइट आदि फास्फेट एवं विविध लवण इसी वर्ग में आते हैं।
24 घण्टों तक तालाब का पानी निष्कासित करने के पश्चात 0.1-0.2 ग्रा०/लीटर की दर से चूने का छिड़काव गौमोक्सिन पखवाड़े में दो से तीन बार प्रयोग करना उत्तम है।
एक हेक्टेयर के तालाब में 250 कि०ग्रा० चूने का प्रयोग मत्स्य बीज संचय से एक माह पूर्व किया जाना चाहिए।