ceramal Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
ceramal ka kya matlab hota hai
सेरामल
Noun:
खिचड़ी, ग़ल्ला, अन्न, धान्य, अनाज,
People Also Search:
cerametceramic
ceramic industry
ceramic ware
ceramicist
ceramicists
ceramics
ceramist
ceramists
ceramium
cerastes
cerastium
cerate
cerates
ceratitis
ceramal शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
खिचड़ी, जोकि चावल तथा दालों से साथ कुछ मसालों को मिलाकर पकाया जाता है, भी भोज्य व्यंजनों में काफी लोकप्रिय है।
कबीर की भाषा सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी है।
प्रधान पकवान खिचड़ी, अचार, छाछ है।
यहाँ के नमकीन, पोहा और जलेबी, चाट (नमकीन), कचोरी (कचौड़ी), गराड़ू, भुट्टे का कीस, सेंव-परमल और साबूदाना खिचड़ी स्वाद में अपनी अलग पहचान बनाये हुए है।
खिचड़ी, प्रायः शनिवार को, दही, पापड़, घी, अचार तथा चोखा के साथ-साथ परोसा जाता है।
भारत में साबूदाने का उपयोग अधिकतर पापड़, खीर और खिचड़ी बनाने में होता है।
खिचड़ी विप्लव देखा हमने -१९८०।
भारत में भात, खिचड़ी सहित काफी सारे पकवान बनते हैं।
फिर जब ये लोग यूसुफ के पास गए तो (बहुत गिड़गिड़ाकर) अज्र की कि ऐ अज़ीज़ हमको और हमारे (सारे) कुनबे को कहत की वजह से बड़ी तकलीफ हो रही है और हम कुछ थोड़ी सी पूंजी लेकर आए हैं तो हम को (उसके ऐवज़ पर पूरा ग़ल्ला दिलवा दीजिए और (क़ीमत ही पर नहीं) हम को (अपना) सदक़ा खै़रात दीजिए इसमें तो शक नहीं कि ख़ुदा सदक़ा ख़ैरात देने वालों को जजाए ख़ैर देता है (88)।
(और चूंकि कनआन में भी कहत (सूखा) था इस वजह से) यूसुफ के (सौतेले भाई ग़ल्ला ख़रीदने को मिस्र में) आए और यूसुफ के पास गए तो उनको फौरन ही पहचान लिया और वह लोग उनको न पहचान सके (58)।
फिर जब यूसुफ ने उन का साज़ो सामान सफर ग़ल्ला (वग़ैरह) दुरुस्त करा दिया तो अपने भाई के असबाब में पानी पीने का कटोरा (यूसुफ के इशारे) से रखवा दिया फिर एक मुनादी ललकार के बोला कि ऐ क़ाफि़ले वालों (हो न हो) यक़ीनन तुम्ही लोग ज़रुर चोर हो (70)।
सामान्य बोलचाल में चटनी या खिचड़ी शब्द का प्रयोग वैसी चीजों के लिये किया जाता है जिसमें आनुपातिक मात्रा का कोई विशेष खयाल नहीं रखा जाता।
*चावल-खिचड़ी, पुलाव, खट्टे और मीठे चावल।
नवरात्रि में साबूदाने की खिचड़ी खाने से पहले सोचें..।
ये जो अबकी दफा लाए थे थोड़ा सा ग़ल्ला है याकूब ने कहा जब तक तुम लोग मेरे सामने खुदा से एहद न कर लोगे कि तुम उसको ज़रुर मुझ तक (सही व सालिम) ले आओगे मगर हाँ जब तुम खुद घिर जाओ तो मजबूरी है वरना मै तुम्हारे साथ हरगिज़ उसको न भेजूंगा फिर जब उन लोगों ने उनके सामने एहद कर लिया तो याक़ूब ने कहा कि हम लोग जो कह रहे हैं ख़ुदा उसका ज़ामिन है (66)।
यहां प्रतिवर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर खिचड़ी-मेला का आयोजन होता है, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु/पर्यटक सम्मिलित होते हैं।