cankery Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
cankery ka kya matlab hota hai
नासूर
Noun:
फ़ोड़ा, व्रण, नासूर,
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cankery शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
पका फल मधुर, स्निग्ध, वीर्यवर्धक, वातनाशक, शीतल, प्रमेहनाशक तथा व्रण श्लेष्म और रुधिर के रोगों को दूर करनेवाला होता है।
दीर्घकाल तक मानसिक दबाव एवं तनाव के रहने पर पेट में व्रण (पेप्टिक अल्सर), भयानक सिरदर्द (माइग्रेन), अम्लपित (हाइपर एसिडिटि), त्वचा-रोग इत्यादि भी उत्पन्न हो जाते हैं।
इसी के परिणामस्वरूप मध्यकालीन युग में फ्रांस, जर्मनी तथा इंग्लैंड में नापित सर्जनों (barber surgeons), व्रण चिकित्सकों (wound surgeons) एव जर्राह भेषजज्ञ (surgeon apothecaries) की उत्पत्ति हुई।
इसके परिणामस्वरूप आगे चलकर उन स्थानों में व्रण उत्पन्न हो जाते हैं, जो गला गलाकर आँत के विकृत भाग को मल द्वारा निकालते हैं।
मूत्र मार्ग तथा अपत्य मार्ग से दी जाने वाली वस्ति उत्तर वस्ति कहलाती है तथा व्रण मुख (घाव के मुख) से दी जाने वाली वस्ति व्रण वस्ति कहलाती है।
वस्ति वह क्रिया है, जिसमें गुदमार्ग, मूत्रमार्ग, अपत्यमार्ग, व्रण मुख आदि से औषधि युक्त विभिन्ना द्रव पदार्थों को शरीर में प्रवेश कराया जाता है।
वस्ति (enima) वह क्रिया है, जिसमें गुदामार्ग, मूत्रमार्ग, अपत्यमार्ग, व्रण मुख आदि से औषधि युक्त विभिन्न द्रव पदार्थों को शरीर में प्रवेश कराया जाता है।
जब फ़ोड़ा पक जाता है और उससे पस निकलने के लिए तैयार हो जाता है, तब इसके गांठ के केन्द्र में एक पीला या सफेद बिंदु बन जाता है।
5. व्रणों के अनेक प्रकार एवं अलग-अलग उपचार-पद्धति का वर्णन।
इसे जहरीले व्रण को ठीक करने में प्रयोग किया जाता है।
कचनार कषाय, शीतवीर्य और कफ, पित्त, कृमि, कुष्ठ, गुदभ्रंश, गंडमाला एवं व्रण का नाश करनेवाला है।
दूसरी सदी में लेटर हॉन की पुस्तक तथा थ्री किंगडम्स के अभिलेखों के अनुसार चिकित्सक हुआ तो ने संवेदनहीनता की एक अनजान औषधि का प्रयोग कर, जिसे मैफिसन कहते हैं (麻沸散 "कैनबिस फ़ोड़ा-फुंसी के पाउडर") को शराब में घोलकर उदरीय शल्य-चिकित्सा संपन्न की थी।
इसी प्रकार अथर्ववेद में क्षत, विद्रधि, व्रण, टूटी या कटी अस्थियों को जोड़ने, कटे हुए अंग को ठीक करने, पृथक् हुए मांस मज्जा को स्वस्थ करनेवाली ओषधि से प्रार्थना की गई है।
10. कच्चे व्रणों को पकाने के लिए पुल्टिस बांधना, सेकाई करना, रक्त निकालने या चीरा लगाने का विधान है।