bylander Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
bylander ka kya matlab hota hai
बाइलैंडर
Noun:
वस्ति, मूत्राशय,
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bylander शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
कई दशकों के अनुसंधान तम्बाकू के उपयोग और फुफ्फुस, स्वर यंत्र, सिर, गर्दन, आमाशय, मूत्राशय, वृक्क, ग्रसनी और अग्नाशय के कैंसर के बीच सम्बन्ध को प्रर्दशित करते हैं।
नारियल देर से पचने वाला, मूत्राशय शोधक, ग्राही, पुष्टिकारक, बलवर्धक, रक्तविकार नाशक, दाहशामक तथा वात-पित्त नाशक है।
12. मूत्राशय में बनने वाल पथरी रोग में शल्य क्रिया का वर्णन है।
स्वस्तिक नर्सिंग होम।
(1) यथाशीघ्र उलटी, वस्तिक्रिया (lavage), विरेचन (catharsis) या मूत्रता (diuresis) द्वारा विष को निकालना।
रंगोली में बनाए जाने वाले चिह्न जैसे स्वस्तिक, कमल का फूल, लक्ष्मीजी के पग (पगलिए) इत्यादि समृद्धि और मंगलकामना के सूचक समझे जाते हैं।
पशु-पक्षी, वृक्ष, फूल-पत्ती आदि को स्वस्तिक की निशानी के साथ सजाया-संवारा जाता है।
यह संयुग्मित बिलीरूबिन यकृत से स्रावित होकर पित्त के हिस्से के रूप में पित्तनली और मूत्राशयिक नालियों में पहुंचता है।
मूत्राशय की बिमारी दूर होती है।
पेशी ऊतक अरेखित (Unstriped), रेखित (Striped) तथा हृदयक (Cardiac) जैसे तीन प्रकारों में बँटे हुए हैंअनैच्छिक रूप से गति करनेवाले अंगों आहार नाल, मलाशय, मूत्राशय, रक्त वाहिनियाँ आदि में अरेखित ऊतक पाये जाते हैं।
यकृत विद्रधि के अतिरिक्त इस रोग से उत्पन्न होनेवाले अन्य उपद्रवों में आंत्रछिद्रण (intestinal perforation) तथा अवरोध (obstruction), कोथ (gangrene), मूत्राशयशोथ हैं।
क्रम से पाचन प्रणाली (मुख, जीभ, गला, आमाशय, यकृत, आँत, तिल्ली और मलाशय), हृदय तथा रक्तसंचार प्रणाली, श्वासप्रणाली, मूत्रप्रणाली के गुर्दे और मूत्राशय, त्वचा, तंत्रिकातंत्र (बुद्धि, ज्ञान, मांसपेशियों की कुशलता, ज्ञानेंद्रियों की कुशलता, प्रतिक्षेप क्रिया), हड्डियों और जोड़ों की परीक्षा की जाती है।
गर्भाशय को चीरकर गर्भ को बाहर निकालने तथा मूत्रवाहिनी, मूत्राशय एवं वृक्कों में यदि मूत्र रुका हो, तो उसे वहाँ से शल्य कर्म या अन्य प्रकार से बाहर निकालने का उल्लेख मिलता है।
दृष्टिपटल की गुच्छिका (ganglion) कोशिकाएँ द्वितीय श्रेणी की न्यूरॉन हैं, जिनकी प्रक्रियाएँ तंत्रिका रेशे की परत में पारित होती हैं और दृष्टितंत्रिका, दृष्टिस्वस्तिक (chiasma) और दृष्टिक्षेत्र से होती हुई पार्श्व वक्रपिंड (lateral geniculate body) में जाती हैं।
| ७६ || श्री रहसविहारी द्विवेदी || श्रीकृष्णस्य स्वस्ति संदेशः।
दृष्टितंत्रिकाशीर्ष (Papillitis), दृष्टितंत्रिका का अंत:करोटि (intracranial), या आंतरकक्षीय (intraorbital), भाग या स्वस्तिका (chiasma) को प्रभावित करनेवाली अवस्थाएँ अकस्मात् दृष्टि को नष्ट कर देती है।
महीने भर इस तरह पानी पीने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी धीरे-धीरे गल कर निकल जाती है।
पोरबंदर में गाँधीजी का तिमंजिला पैतृक निवास है जहाँ ठीक उस स्थान पर एक स्वस्तिक चिन्ह बनाया गया है जहाँ गाँधीजी की माँ पुतलीबाई ने उन्हें जन्म दिया था।
भविष्यपुराण के अनुसार इन्द्राणी द्वारा निर्मित रक्षासूत्र को देवगुरु बृहस्पति ने इन्द्र के हाथों बांधते हुए निम्नलिखित स्वस्तिवाचन किया (यह श्लोक रक्षाबन्धन का अभीष्ट मन्त्र है)-।
मूत्र गुर्दे से शुरु हो मूत्रवाहिनी से होकर मूत्राशय तक बहता है, और शरीर से मूत्रमार्ग के माध्यम से उत्सर्जित होता है।
o कुलथी के सेवन से पथरी टूट कर या धुल कर छोटी होती है, जिससे पथरी सरलता से मूत्राशय में जाकर पेशाब के रास्ते से बाहर आ जाती है।
१०. स्वस्तिश्री प्रकाशन , ४४/९, नवसहयाद्री सोसाइटी , नवसहयाद्री पोस्टास मोर पुणे-४११०५२।
जब यह कुपित होती है तब मूत्राशय और गुदा से संबंधित रोग होते हैं।