bronchia Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
bronchia ka kya matlab hota hai
श्वसनी
Adjective:
ब्रांकाई,
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bronchia शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
"मैनुअल उपचार" द्वारा अस्थमा के उपचार के समर्थन में अपर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध हैं, जिनमें ऑस्टियोपैथिक, कायरोप्रैक्टिक, फिज़ियोथेराप्यूटिक और श्वसनीय थेराप्यूटिक युक्तियां शामिल हैं।
उग्र श्वसनीशोथ (Acute bronchitis) ।
कुछ विषैले धुएँ, जैसे युद्ध गैस (मस्टर्ड गैस, क्लोरीन), तीव्र अम्ल के वाष्प, अमोनिया, गैस आदि कुछ जीवाणु तथा कुछ रोग, जैसे इनफ्ल्यूएंजा, कुकरखाँसी, खसरा वगैरह भी तीव्र श्वसनीशोथ उत्पन्न करते हैं।
हालांकि खसरे से पीड़ित अधिकतर मरीज बच गये, लेकिन कई जटिलताएं रह गयीं और अक्सर जटिलताएं पैदा होती हैं तथा उनमें श्वसनीशोथ, निमोनिया, मध्य कर्णशोथ, रक्तस्रावी (हेमरैगिक) जटिलताएं, तीव्र प्रसरित मस्तिष्क सुषु्म्ना शोथ, तीव्र खसरा मस्तिष्कशोथ, अर्धजीर्ण कठिन संपूर्ण मस्तिष्क शोथ एसएसपीई (sspe) अंधत्व, वधिरता और मौत भी शामिल हो सकती है।
अन्य सभी उपचार के साथ बुखार कम करने और दर्द कम करने के लिए आइबुफेन या एक्टेमिनोफेन (पैरासीटामोल भी कहा जाता है) दिया जा सकता है और यदि आवश्यक हो, तेज खांसी से राहत पाने के लिए श्वसनी विस्फारक (ब्रान्कोडायलेटर) भी दिया जा सकता है।
तीव्र खसरा श्वसनीशोथ से होने वाली मृत्यु की दर 15% है।
श्वासनली (Trachea) से फेफड़ों में वायु ले जाने वाली नलियों को श्वसनी (Bronchi / bronchus का बहुबचन) कहते हैं।
फेफड़ों में ब्रांकाई के मार्ग।
हालांकि अस्थमा एक जीर्ण अवरोधक स्थिति है, फिर भी इसे जीर्ण प्रतिरोधी फेफड़े की बीमारी का हिस्सा नहीं माना जाता है क्योंकि यह शब्दावली विशिष्ट रूप से रोग के संयोजनों से सन्दर्भित है जो कि अपरिवर्तनीय होते हैं जैसे कि श्वासनलिकाविस्फार,जीर्ण श्वसनीशोथ और वातस्फीति।
खसरे के वायरस के संक्रमण का एक और गंभीर खतरा तीव्र खसरा श्वसनीशोथ है।
हालांकि खसरा मस्तिष्कशोथ का कोई विशेष इलाज नहीं है, प्रतिजैविक निमोनिया के लिए प्रतिजैविकों की जरूरत होती है, खसरे के बाद विवरशोथ और श्वसनीशोथ हो सकता है।
परिमाण की कोटि (लम्बाई) फेफड़ों के अंदर स्थित श्वसनी के श्लेष्मकला के प्रदाह (inflammation) को श्वसनीशोथ या ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) कहते है।
तमिल नाडु की नदियाँ अस्थमा (दमा) (ग्रीक शब्द ἅσθμα, ásthma, "panting" से) श्वसन मार्ग का एक आम जीर्ण सूजन disease वाला रोग है जिसे चर व आवर्ती लक्षणों, प्रतिवर्ती श्वसन बाधा और श्वसनी-आकर्षसे पहचाना जाता है।
इसमें श्वसनी की दीवारें इन्फेक्शन व सूजन की वजह से अनावश्यक रूप से कमजोर हो जाती हैं जिसकी वजह से इनका आकार नलीनुमा न रहकर गुब्बारेनुमा या फिर सिलेंडरनुमा हो जाता है।
कुछ रासायनिक, भौतिक तथा जीवित पदार्थ श्वसनी की श्लेष्माकला को इस रूप में प्रभावित करते हैं कि खाँसी, ज्वर, साँस फूलना, आदि उत्पन्न हो जाते हैं तथा यह दशा उग्र श्वसनीशोथ कहलाती है।
सक्रिय रोग के दौरान, इन खाली स्थानों में से कुछ वायु मार्ग ब्रांकाई से जुड़ जाते हैं और यह सामग्री कफ के रूप में बाहर आ सकती है।
वायुप्रवाह रूकावट और क्षीण स्राव निकासी के परिणामस्वरूप शामिल ब्रांकाई फैला, सूजा हुआ और आसानी से सिमटने वाला हो जाता है।
सामान्य सांस लेने में हवा ब्रांकाई से होकर अंदर कृपिका में जाती है, जो केशिका से घिरी हुई छोटे आकार की थैलियां होती हैं।