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brahmani Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


brahmani ka kya matlab hota hai


ब्राह्मणी

Noun:

ब्राह्मण,



brahmani शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



डी.एन. झा सुझाव देते हैं, इसके बजाय, ये घटनाएं सर्वोच्चता के लिए लड़ाई में बौद्ध ब्राह्मण की झड़पों का परिणाम थीं।

दूसरे, जब ब्राह्मण ग्रंथों ने यज्ञ को बहुत अधिक महत्व दे दिया और पुरोहितवाद तथा पुरोहितों की मनमानी अत्यधिक बढ़ गई तब इस व्यवस्था के विरुद्ध प्रतिक्रिया हुई और विरोध की भावना का सूत्रपात हुआ।

आज कल दो संस्करणों का प्रयोग होता है: ब्राह्मणी, या चौकोर और जैन, या गोल।

मण्डलब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद, उपिनषद्।

हिंदु राज्य की जनसंख्या का 95% हैं और प्रमुख समुदायों में राजपूत, ब्राह्मण, घिर्थ (चौधरी), गद्दी, कन्नेत, राठी और कोली शामिल हैं।

मोर, अजय, हिंगला, ब्राह्मणी एवं द्वारिका आदि नदियाँ बहती हैं।

एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी ना भोजन बना पायी और ना भोग ही लगा सकी।

इनका गद्य ब्राह्मणों के गद्य के समान सरल, लघुकाय तथा प्राचीन है।

(क) 'नागर' अपभ्रंश या गुजराती "नागर" ब्राह्मणों से उसका सम्बन्ध बताया गया है।

१३६-मण्डलब्राह्मणोपनिषद् (शुक्लयजुर्वेदीय)।

दक्षिणी मुख की मुख्य रथिकाओं पर त्रिमुखी ब्रह्मा चतुर्भुज देव, वृषभ मुखी वसु, चतुर्भुज अग्नि, ब्राह्मण- ब्राह्मणी, शिव- पार्वती, लक्ष्मी नारायण, चतुर्भुज नॠति की प्रतिमाएँ अंकित की गई हैं।

उन नन्दों को कौटिल्य नाम के ब्राह्मण ने मार दिया।

तटवर्ती इलाका जो की बंगाल की खाडी से सटा है महानदी, ब्राह्मणी, बैतरणी आदि प्रमुख नदीयों से सिंचता है।

इसके बाद भैरवी ब्राह्मणी का दक्षिणेश्वर में आगमन हुआ।

ब्राह्मणी माता का एक पुराना मंदिर जिसे फलवर्धिका माता के नाम से जाना जाता है जो १०वीं शताब्दी या उससे भी पहले की है।

पहले वर्ग में नगर ब्राह्मण, भटिया, भदेला, राबरी और मीणा जातियां (पारसी, मूल रूप से फ़ारस से, परवर्ती उत्तरी आगमन का प्रतिनिधित्व करते हैं), जबकि दक्षिणी मूल के लोगों में वाल्मीकि, कोली, डबला, नायकदा व मच्छि-खरवा जनजातिया हैं।

वैदिक काल में पशुओं का मांस खाने की अनुमति नहीं थी, एक सर्वेक्षण के अनुसार आजकल लगभग 70% हिन्दू, अधिकतर ब्राह्मण व गुजराती और मारवाड़ी हिन्दू पारम्परिक रूप से शाकाहारी हैं।

५०-कौषीतकिब्राह्मणोपनिषद् (ऋग्वेदीय)।

ठाकुर, खस, जैसी, क्षत्री जातियों तथा ब्राह्मणों की संख्या नेपाल में यत्र-तत्र काफी है।

हर वेद में चार भाग हैं- संहिता—मन्त्र भाग, ब्राह्मण-ग्रन्थ—गद्य भाग, जिसमें कर्मकाण्ड समझाये गये हैं, आरण्यक—इनमें अन्य गूढ बातें समझायी गयी हैं, उपनिषद्—इनमें ब्रह्म, आत्मा और इनके सम्बन्ध के बारे में विवेचना की गयी है।

ब्राह्मणीदीह, मानिकमोडा गुफाएं, रॉक पेंटिंग, बिक्रमखोल, उलपगढ़, पद्मासिनी मंदिर, रामचंदी, कोइलीघूघर जलप्रपात, श्री पहाडेश्वर, महादेबपल्ली, कोलाबीरा किला आदि प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।

प्रस्तुत नाटक में सूत्रधार, नटी, नायिका वसंतसेना, चारुदत्त की ब्राह्मणी स्त्री एवं श्रेष्ठी तथा इनके परिचारक परिचारिकाऐं ऐसे 11 पात्र शौरसेनी बोलते हैं।

ब्राह्मणी के पुत्र का नाम ब्रह्मवीत था।

कुछ उपनिषद ‘ब्राह्मण’ और ‘आरण्यक’ ग्रन्थों के अंश माने गये हैं।

भौगोलिक लिहाज़ से इसके उत्तर में छोटानागपुर का पठार है जो अपेक्षाकृत कम उपजाऊ है लेकिन दक्षिण में महानदी, ब्राह्मणी, सालंदी और बैतरणी नदियों का उपजाऊ मैदान है।

नामदेव का जन्म शके 1192 में प्रथम संवत्सर कार्तिक शुक्ल एकादशी को नरसी ब्राह्मणी नामक ग्राम में दामा शेट शिंपी (छीपा) के यहाँ हुआ था।

चार प्रमुख वर्ण थे - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।

८४-त्रिशिखिब्राह्मणोपनिषद् (शुक्लयजुर्वेदीय)।

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