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bohu Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


bohu ka kya matlab hota hai


ईश्वर

Noun:

बोह्र,



bohu शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



फ़िर भी, वो मुख्य सिद्धान्त, जो ज़्यादातर हिन्दू मानते हैं, इन सब में विश्वास: धर्म (वैश्विक क़ानून), कर्म (और उसके फल), पुनर्जन्म का सांसारिक चक्र, मोक्ष (सांसारिक बन्धनों से मुक्ति--जिसके कई रास्ते हो सकते हैं) और बेशक, ईश्वर

जिसकी मदद से हाइड्रोजन एटम स्पेकट्रूम के कुछ मुख्य विशेषताओ के विषय मे समझा जा सका और आगे चल कर 1923 ई॰ मे बोह्र ने कुछ ऐसे सुझाव रखे जिसमे उन्होने यह बताया कि कुछ ऐसी सीमाएँ होती हैं जहाँ पर शास्त्रीय सिद्धांत और क्वांटम सिद्धांत एक होकर मिलते(merge) हैं ।

हार्ट ने नील्स बोह्र और हेनरी बेकरेल को अर्नेस्ट रदरफोर्ड के साथ प्रतिस्थापित किया, इस प्रकार पहले संस्करण में एक त्रुटि को ठीक किया।

|| 107 || Bh || बोह्रियम || 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 4s2 3d10 4p6 5s2 4d10 5p6 6s2 4f14 5d10 6p6 7s2 5f14 6d5 ?।

अर्नेस्ट रदरफोर्ड के नाभिक की खोज, और यह प्रस्ताव के बाद कि इलेक्ट्रॉन, ग्रहों की तरह कक्षा में घूमते हैं, नील्स बोह्र यह दिखाने में सक्षम हुए की प्लैंक द्वारा शुरू और आइंस्टीन द्वारा विकसित क्वांटम यांत्रिक के द्वारा तत्वों के परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की असतत गति और तत्वों की आवर्त सारणी को समझाया जा सकता हैं।

इसके विपरीत वैष्णव मतों और दर्शनों में माना जाता है कि ईश्वर और ब्रह्म में कोई फ़र्क नहीं है--और विष्णु (या कृष्ण) ही ईश्वर हैं।

- जेनेसिरा1, एक्सोडस2 एवं डेउटेरोनामी3 में ईश्वर ने यहूदियों कोसात दिनों के वृत्त के उद्भव एवं विकास का वर्णन 'एफ. एच. कोल्सन' के ग्रन्थ 'दी वीक'4 में उल्लिखित है।

नील्स बोह्र ने 1930 ई॰ मे क्वांटम के सिद्धांतों को विकसित किया ।

कोपेनहेगन व्याख्या - बडे पैमाने पर डेनमार्क के सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी नील्स बोह्र कि है - आज सबसे व्यापक रूप से भौतिक विज्ञानियों के बीच स्वीकार किया , क्वांटम यांत्रिक कि रीति बनी हुई है, जो इसके निरूपण के कुछ 75 साल बाद हुवा था।

6. धर्म की रक्षा के लिए ईश्वर बार-बार पैदा होते हैं।

इनमें प्रमुख पाटीदार, ब्राह्मण,सिरवी, बोह्ररा और मुस्लिम तथा कई एनी जातियाँ है।

बोह्राविया डिफ़्यूज़ा।

वैसे तो ईश्वर रूपहीन है, पर माया की वजह से वो हमें कई देवताओं के रूप में प्रतीत हो सकता है।

अद्वैत वेदान्त के अनुसार जब मानव ब्रह्म को अपने मन से जानने की कोशिश करता है, तब ब्रह्म ईश्वर हो जाता है, क्योंकि मानव माया नाम की एक जादुई शक्ति के वश में रहता है।

माया ईश्वर की दासी है, परन्तु हम जीवों की स्वामिनी है।

अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोध दिवस 2018 बोह्र पत्राचार सिद्धांत।

ओल्ड टेस्टामेण्ट में आया है कि ईश्वर ने छः दिनों तक सृष्टि की और सातवें दिन विश्राम करके उसे आशीष देकर पवित्र बनाया।

इस स्थिति में हालाँकि ईश्वर एक नकारात्मक शक्ति के साथ है, लेकिन माया उसपर अपना कुप्रभाव नहीं डाल पाती है, जैसे एक जादूगर अपने ही जादू से अचंम्भित नहीं होता है।

अर्थात जब माया के आइने में ब्रह्म की छाया पड़ती है, तो ब्रह्म का प्रतिबिम्ब हमें ईश्वर के रूप में दिखायी पड़ता है।

ईश्वर अपनी इसी जादुई शक्ति "माया" से विश्व की सृष्टि करता है और उस पर शासन करता है।

हिन्दू मान्यता के अनुसार वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थ अनादि, नित्य हैं, ईश्वर की कृपा से अलग-अलग मन्त्रद्रष्टा ऋषियों को अलग-अलग ग्रन्थों का ज्ञान प्राप्त हुआ जिन्होंने फिर उन्हें लिपिबद्ध किया।

ब्रह्म और ईश्वर में क्या सम्बन्ध है, इसमें हिन्दू दर्शनों की सोच अलग अलग है।

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