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blandness Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


blandness ka kya matlab hota hai


नरमी

Noun:

व्यंग्य, विनय, सौम्यता,



blandness शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



अन्य भारतीय विद्वानों में डॉ॰ नरेंद्रनाथ ला (स्टडीज इन ऐंशेंट हिंदू पॉलिटी, 1914), श्री प्रेमथनाथ बनर्जी (पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेशन इन ऐंशेंट इंडिया), डॉ॰ काशीप्रसाद जायसवाल (हिंदू पॉलिटी), प्रो॰ विनयकुमार सरकार (दि पाज़िटिव बैकग्राउंड ऑव् हिंदू सोशियोलॉजी), प्रो॰ नारायणचंद्र वन्द्योपाध्याय, डॉ॰ प्राणनाथ विद्यालंकार आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

विनयपत्रिका का एक नाम राम विनयावली भी है।

काव्यप्रकाश में काव्य तीन प्रकार के कहे गए हैं, ध्वनि, गुणीभूत व्यंग्य और चित्र।

ध्वनि वह है जिस, में शब्दों से निकले हुए अर्थ (वाच्य) की अपेक्षा छिपा हुआ अभिप्राय (व्यंग्य) प्रधान हो।

अन्य भारतीय विद्वानों में डॉ॰ नरेन्द्रनाथ ला (स्टडीज इन ऐंशेंट हिंदू पॉलिटी, 1914), श्री प्रमथनाथ बनर्जी (पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेशन इन ऐंशेंट इंडिया), डॉ॰ काशीप्रसाद जायसवाल (हिंदू पॉलिटी), प्रो॰ विनयकुमार सरकार (दि पाज़िटिव बैकग्राउंड ऑव् हिंदू सोशियोलॉजी), प्रो॰ नारायणचंद्र वंद्योपाध्याय, डॉ॰ प्राणनाथ विद्यालंकार आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

गुजरात के समाचार पत्रों में प्राय: उनके इस व्यक्तित्व को लेकर व्यंग्य भी प्रकाशित होते थे।

विनय पत्रिका में 21 रागों का प्रयोग हुआ है।

खेद नहीं है (व्यंग्य -२००९)।

इसमें व्यंग्य यह होता था कि गाँधीजी के व्यक्तित्व से प्रभावित लेकिन अपनी बात पर अड़े रहने वाले एक ज़िद्दी व्यक्ति।

व्यंग्य, चामत्कारिक भाषा और सजीव चित्रण इनकी विशेषताएँ हैं।

हास्य-व्यंग्य के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट प्रतिभा के कारण प्रसिद्ध वे कविता की वाचिक परंपरा का विकास करने वाले प्रमुख विद्वानों में से भी एक है।

हनुमान जी ने साक्षात् प्रकट होकर उन्हें प्रार्थना के पद रचने को कहा, इसके पश्चात् उन्होंने अपनी अन्तिम कृति विनय-पत्रिका लिखी और उसे भगवान के चरणों में समर्पित कर दिया।

श्रद्धा से नर और काम का जन्म हुआ ; तुष्टि से सन्तोष और क्रिया का जन्म हुआ ; क्रिया से दण्ड, नय और विनय का जन्म हुआ।

इसका निर्माण महाराव राजा विनय सिंह ने १८४५ में करवाया था।

भावात्मक, वर्णनात्मक, शब्द चित्रात्मक आलोचनात्मक हास्य व्यंग्यात्मक।

कर लेंगे सब हज़म (व्यंग्य -२००७)।

इनमें से रामचरितमानस, विनय-पत्रिका, कवितावली, गीतावली जैसी कृतियों के विषय में किसी कवि की यह आर्षवाणी सटीक प्रतीत होती है - पश्य देवस्य काव्यं, न मृणोति न जीर्यति।

रामललानहछू (1582), वैराग्यसंदीपनी (1612), रामाज्ञाप्रश्न (1612), जानकी-मंगल (1582), रामचरितमानस (1574), सतसई, पार्वती-मंगल (1582), गीतावली (1571), विनय-पत्रिका (1582), कृष्ण-गीतावली (1571), बरवै रामायण (1612), दोहावली (1583) और कवितावली (1612)।

प्राचीन अवधी साहित्य में अधिकतर रचनाएँ देशप्रेम, समाजसुधार आदि विषयों पर और मुख्य रूप से व्यंग्यात्मक हैं।

नोबल शांति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता विनयपत्रिका तुलसीदास रचित एक ग्रंथ है।

विनय पत्रिका में विनय के पद है।

विवाह के समय अपने साथ सिंहासनासीन भगवान की मूर्ति भी लायी थीं वे प्रतिदिन कई घंटे पूजा-पाठ तथा रामायण, गीता एवं विनय पत्रिका का पारायण करती थीं और संगीत में भी उनकी अत्यधिक रुचि थी।

इसके बाद विनय पत्रिका उनका एक अन्य महत्त्वपूर्ण काव्य है।

उन्होंने इंडिया टुडे के हिन्दी संस्करण में २००३ से २०१० तक 'कटाक्ष' नामक स्तंभ लिखा है जो अपने तीखे व्यंग्य के कारण खूब चर्चा में रहा।

इस कारण लोग इन्हें व्यंग्य से 'सर्वोच्च नेता' कहा करते थे।

चेन्नई में रंगमंच पर तमिल नाटक मंचित किये जाते हैं, जिनमें राजनीतिक, व्यंग्य, हास्य, पौराणिक, आदि सभी रसों का मिश्रण होता है।

Synonyms:

unemotionality, emotionlessness,



Antonyms:

variability, roughness, emotionality,



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