betel nut Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
betel nut ka kya matlab hota hai
सुपारी
Noun:
कसैली, पूग, सुपारी,
People Also Search:
betel nutsbetel pepper
betelgeuse
betels
beth
bethany
bethe
bethel
bethels
bethink
bethinking
bethinks
bethlehem
bethought
bethrall
betel nut शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
आगे उन्हीं का स्वरूपवर्ग, श्रेणी पूग और जानपद आदि में बदल गया।
तीजां पहल्यां पूगणों नगरी पनेरा ठेठ।
गण, पूग, पाणि, व्रात्य, संघ, निगम अथवा नैगम, श्रेणि जैसे कई नाम थे, जिनमें श्रेणि सर्वाधिक प्रचलित संज्ञा थी।
आचार्य काणे ने अपने वृहद् ग्रंथ ‘धर्मशास्त्र का इतिहास’ में उल्लेख किया है कि व्रात्य की भांति पूग भी विभिन्न जातियों से आए हुए लोग थे।
कात्यायन ने पूग को व्यापारियों का समुदाय स्वीकार किया है।
करँज पचने में चरपरी, नेत्र हितकारी, गरम, कडुवी, कसैली तथा उदावर्त, वात योनी रोग, वात गुल्म, अर्श, व्रण, कण्डू, कफ, विष, कुष्ठ, पित्त, कृमि, चर्मरोग, उदररोग, प्रमेह, प्लीहा को दूर करती है।
कात्यायन ने श्रेणि, पूग, गण, व्रात, निगम तथा संघ आदि को वर्ग अथवा समूह माना है।
पाणिनिकाल तक संघ, व्रात, गण, पूग, निगम आदि नामों के विशिष्ट अर्थ ध्वनित होने लगे थे।
इनमें भी जो कुछ विकसित थे उन्हें पूग और जो पिछड़े हुए थे उन्हें ब्रात कहा जाता था।
गूलर की छाल - अत्यंत शीतल, दुग्धवर्धक, कसैली, गर्भहितकारी और वर्णविनाशक है।
‘व्रात्य एवं पूग एक ही नगर अथवा गांव के निवासियों के सामान्यतः एक ही व्यवसाय में लगे, समान आर्थिक हितों के लिए गठित समूह थे।
वैद्यक में इसे गरम, कसैली, मधुर, शीतल, मलरोधक, पथ्य, रुचिकारी, हलकी, बादी, कृमिजनक, तथा रक्तपित्त, कफ, वाव, गुदकील, वायुगोले, ज्वर, दाह और क्षयरोग की नाशक माना है।
१९९७ में उनका पहला एल्बम ओढ़निया वाली आया तथा उसके बाद २००५ में कांच कसैली रिलीज़ हुआ।
इससे कुछ विभिन्न विक्रमादित्य खन्ना ने किरन कुमार थपल्याल एवं मजुमदार के हवाले से एक ही परिक्षेत्र में रहने वाले, आर्थिक हितों के लिए प्रयासरत, समूह को व्रात्य एवं पूग की संज्ञा दी है।
आयुर्वेद में यह अति तिक्त, कसैली, उष्ण तथा हृदयरोग, कफ, वात, प्रमेह, कुष्ठ और विषमज्वर को दूर करनेवाली मानी जाती है।
2 इसी प्रकार कौषीतकिब्राह्मण उपनिषद् में पूग को रुद्र की उपमा दी गई है।
पाणिनि ने व्रात और पूग इन संज्ञाओं से बताया है कि इनमें से बहुत से कबीले उत्सेधजीवी या लूटपाट करके जीवन बिताते थे जो आज भी वहाँ के जीवन की सच्चाई है।
दूसरी ओर यह भी सच है कि पूग, व्रात्य, निगम, श्रेणि इत्यादि विभिन्न नामों से पुकारे जाने के बावजूद सहयोगाधारित संगठनों के बीच उनके कार्यकलापों अथवा श्रेणिधर्म के आधार पर कोई स्पष्ट सीमारेखा नहीं थी।
सेमल की छाल कसैली और कफनाशक; फूल शीतल, कड़वा, भारी, कसैला, वातकारक, मलरोधक, रूखा तथा कफ, पित्त और रक्तविकार को शांत करने वाला कहा गया है।
चबाने पर छाल रेशेदार, कुरकुरी, कसैली मालूम पड़ती है।
Synonyms:
edible seed, Areca catechu, betel palm, areca nut,
Antonyms:
spread,