bespate Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
bespate ka kya matlab hota hai
हताश
Noun:
रियासत, जागीर, भूसंपत्ति,
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bespate शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
आजादी की घोषणा के साथ ही राजपूताना के देशी रियासतों के मुखियाओं में स्वतंत्र राज्य में भी अपनी सत्ता बरकरार रखने की होड़ सी मच गयी थी, उस समय वर्तमान राजस्थान की भौगालिक स्थिति के नज़रिये से देखें तो राजपूताना के इस भूभाग में कुल बाईस देशी रियासतें थी।
औरंगजेब के सत्ता पर असिन होने के बाद, जब अपने सभी विरोधियो को जागीर और सत्ता से बेदखल किया, उस समय, रतलाम के राजा रतन सिंह को भी हटा दिया था और उन्हें अपना अंतिम समय मंदसौर जिले के सीतामऊ में बिताना पड़ा था और उनकी मृत्यु भी सीतामऊ में भी हुई, जहाँ पर आज भी उनकी समाधी की छतरिया बनी हुई हैं।
भीलवाडा शहर से 72 किलोमीटर दूर स्थित इस कस्बे का इतिहास में एक अलग ही महत्व हे जब मेड़ता के राजा जयमल ने राणा उदेसिंह से सहायता के लिए कहा तो राणा ने जयमल को बदनोर जागीर के रूप में दिया बदनोर में कई देखने योग्य स्थल हे उनमे से निम्न हे - छाचल देव।
ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमंडल पैदा हुआ और यह 1907 में ब्रिटिश हुकूमत का रियासत बना।
औरंगजेब द्वारा बाद में, रतलाम के एक सय्यद परिवार, जों की शाहजहां द्वारा रतलाम के क़ाज़ी और सरवनी जागीर के जागीरदार नियुक्त किये गए थे, द्वारा मध्यस्ता करने के बाद, रतन सिंह के बेटे को उत्तराधिकारी बना दिया गया।
उनमें नागवंश रियासत, रामगढ़ रियासत, गागंपुर, खरसुआं, साराईकेला, जाशपुर, सरगुजा आदि शामिल थे।
नामग्याल परिवार को स्टोक की नाममात्र की जागीर दे दी गई।
जुलाई 1949 में तिरुवितांकूर और कोच्चिन रियासतों को जोड़कर 'तिरुकोच्चि' राज्य का गठन किया गया।
|1984 || जागीर || ||।
यह 30 मार्च 1949 को भारत का एक ऐसा प्रांत बना, जिसमें तत्कालीन राजपूताना की ताकतवर रियासतें विलीन हुईं।
इसके बाद मुगल-पुर्तगाली गठबंधन को भी धक्का पहुँचा क्योंकि मुगल जागीरदारों द्वारा जंज़ीरा में पुर्तगालियों पर लगातार दबाव डाला जा रहा था।
स्वतन्त्रता से पहले गुजरात का वर्तमान क्षेत्र मुख्य रूप से दो भागों में विभक्त था- एक ब्रिटिश क्षेत्र और दूसरा देसी रियासतें।
स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व केरल में राजाओं की रियासतें थीं।
इनमें एक रियासत अजमेर-मेरवाडा प्रांत को छोड़ कर शेष देशी रियासतों पर देशी राजा महाराजाओं का ही राज था।
3.सन् 1905 में जशपुर, सरगुजा, उदयपुर, चांगभखार एवं कोरिया रियासतों को छत्तीसगढ़ में मिलाया गया तथा संबलपुर को बंगाल प्रांत में मिलाया गया. इसी वर्ष छत्तीसगढ़ का प्रथम मानचित्र बनाया गया.।
अलाउद्दीन खिलजी ने अपने सैन्य अभियान का आरम्भ कारा जागीर के सूबेदार के रूप में की, जहां से उसने मालवा (1292) और देवगिरी (1294) पर छापा मारा और भारी लूटपाट की।
मुग़ल बादशाह शाहजहां ने रतलाम जागीर को रतन सिह को एक हाथी के खेल में, उनकी बहादुरी के उपलक्ष में प्रदान की थी।
बिलासपुर जिले के पास स्थित कवर्धा रियासत में चौरा नाम का एक मंदिर है जिसे लोग मंडवा-महल भी कहा जाता है।
औरंगज़ेब की मृत्यु के बाद दिल्ली के मुगल शासक कमजोर हो गये तथा अपने राज्य के जमींदारों, जागीरदारों आदि पर उनका नियन्त्रण घटने लगा।
हुसेना बाद,हुसैन गंज और मुगलपुरा – यह जहांगीर के समय बंगाल के गवर्नर इब्राहिम हुसैन के परिवार की जागीर थी ,उसी लिए उनके नाम पर ये मुहल्ले बस गए ।
अजमेर-मेरवाडा प्रांत पर ब्रिटिश शासकों का कब्जा था; इस कारण यह तो सीधे ही स्वतंत्र भारत में आ जाती, मगर शेष इक्कीस रियासतों का विलय होना यानि एकीकरण कर 'राजस्थान' नामक प्रांत बनाया जाना था।
पहली ईस्वी सदी में ही चालुक्यों के बारे में उल्लेख किया गया कि वे शातवाहन और बाद में ईक्ष्वाकुओं के अधीन जागीरदार और मुखिया के रूप में काम करते थे।
सामन्ती राज्य- रोमन साम्राज्य के पतन के बाद केंद्रीय सत्ता लुप्त हो गई पांचवी शताब्दी ईस्वी से मध्यकाल का आरंभ हुआ जिसमें सारी शक्ति बड़े बड़े जमीदारों जागीरदारों और सामान सरदारों के हाथों में आ गई वैसे छोटे-छोटे राज्यों में राजा जिसकी सर्वोच्च मानी जाती थी परंतु शक्ति सामंत सरदारों के हाथ में ही रही।
भरतपुर के जाट शासक ने भी अपनी रियासत के विलय राजस्थान में किया था।
१९५० में सर्वप्रथम मध्य प्रांत और बरार को छत्तीसगढ़ और मकराइ रियासतों के साथ मिलकर मध्य प्रदेश का गठन किया गया था।