bedad Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
bedad ka kya matlab hota hai
बेदाद
Noun:
गुरिया, मनका,
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bedad शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
कश्मीरी परंपरा में, महिलाएं अपने ऊपरी कान के माध्यम से एक छोटी सोने की चेन (चेन से लटकने वाले छोटे सोने के हेक्सागोनल मनका के साथ) पहनती हैं जो विवाहित होने का संकेत है ।
कैलादेवी जहाँ शक्तिस्वरूपा है, वहीं उसका गण लांगुरिया भैरव स्वरूप है।
(अ) मनकामय (Beaded), जिसमें तड़ित के पूरे मार्ग में प्रकाश कहीं कम रहता है और कहीं-कहीं सघन प्रकाश के केद्र बन जाते हैं और घुंडियों सदृश दिखलाई पड़ते हैं,।
इन तहसीलों में तहसील गोण्डा का क्षेत्रफल 1249.48 वर्ग कि0मी0, तहसील मनकापुर का 763.70 वर्ग कि0मी0, तरबगंज का 963.31 वर्ग कि0मी0 व करनैलगंज का 1026.51 वर्ग कि0मी0 है।
इस प्रकार जनपद गोण्डा के कुल क्षेत्रफल का 31.21 प्रतिशत तहसील गोण्डा, 19.07 प्रतिशत तहसील मनकापुर, 24.06 प्रतिशत तहसील तरबगंज व 25.64 प्रतिशत तहसील करनैलगंज का क्षेत्रफल है।
यंहा का प्राकृतिक सौन्दर्य देखते ही बनता है संगम में स्नान करके मनकामेश्वर महादेव के दर्शनों से समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है ऐसा भक्तो का मत है ।
इस जनपद में 04 तहसीलें गोण्डा, मनकापुर, करनैलगंज एवं तरबगंज है।
राजस्थान, उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश की संस्कृति से ओत-प्रोत कैलादेवी के भक्तों के स्वरों से गॅूजती लांगुरिया गीतों की ध्वनि मेले के दौरान जन-जन को शक्ति एवं आसक्ति की ओर ले जाती है।
एक गुरिया अतिरिक्त माला के जोड़ पर होती है इसे गुरु की गुरिया कहते हैं।
खोखरा मनका दाई मंदिर।
|जेनोवा प्रांत, लिगुरिया।
मेले के अवसर पर गाये जाने वाले लोक गीत लांगुरिया को ही सम्बोधित करके गाये जाते है।
कर का मनका डार दे, मन का मनका फेर।
अल्बर्टो जे. मुनियागुरिया (1944-वर्तमान) विशेषज्ञ नैदानिक, रोसरियो मेडिकल स्कूल में चिकित्सा और नैदानिक लाक्षणिकता के पूर्णकालिक प्रोफ़ेसर. चिकित्सा के अर्जेंटीना राष्ट्रीय अकादमी के सदस्य और "क्लिनिकल सेमिऑलोजी" संग्रह के लेखक.।
• अन्य अस्पताल :- • आसा अस्पताल • मनकामना अस्पताल • जनसेवा अस्पताल • चितवन अस्पताल प्रा.ली. • ॐ अस्पताल इत्यादी।
कुछ गरीब वैष्णव समुदायों में अभी भी कांति-बादल नामक एक प्रथा है, जो कृष्ण की मूर्ति के सामने एकांत में अनुष्ठान के एक बहुत ही सरल रूप में मनका-माला का आदान-प्रदान है, जिसे स्वीकार्य प्रेम विवाह का एक रूप माना जाता है ।
जिसमें लांगुरियाँँ के माध्यम से कैलादेवी को अपनी भक्ति - भाव प्रदर्शित करते है।
होलिका दहन एवं शीतला माता के पूजन के बाद देवी भक्तों द्वारा लांगुरिया गीतों का गायन घर-बाहर शुरू हो जाता है।
खकरा ओर देवह नदियों के संगम स्थल ब्रह्मचारी घाट पर स्थित मनकामेश्वर महादेव का यह चार सौ वर्ष प्राचीन मंदिर दूर दूर तक प्रसिद्ध है ।
कजरी, सोहर, चैती, लंगुरिया आदि लोकगीतों की प्रसिद्ध शैलियाँ हैं।
लांगुरिया गीत प्रसिद्ध है।
बृजभाषा एवं खडी बोली में मुखरित लांगुरिया गीत इस मेले की पहचान कहे जा सकते है।
मनकामेश्वर महादेव की उपस्थिति यंहा की शांति और सौन्दर्य में दिव्यता का संचार सा कर देती है जिसे आप यँहा से अपने साथ ले जाएंगे।
गीत "मीत न मिलारे मनका" बिनाका गीत माला की 1973 वार्षिक सूची पर 23वीं पायदान पर रही।
|ला स्पेज़िया प्रांत, लिगुरिया।