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astrologies Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


astrologies ka kya matlab hota hai


ज्योतिषशास्त्र

Noun:

ज्योतिषी,



astrologies शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



केरलीय गणित एवं ज्योतिषी का विकास आर्यभट की रचना 'आर्यभटीय' के आधार पर हुआ है और आर्यभट को कतिपय विद्वान केरलीय मानते हैं।

बाल गंगाधर तिलक ने ज्योतिषीय गणना करके इसका काल 6000 ई.पू. माना था।

देवी कामाख्या के प्राचीन सक्ति मंदिर नीलाचल पहाड़ी (भी तांत्रिक वज्र्रयाना और बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण स्थान्), प्राचीन और अद्वितीय ज्योतिषीय मंदिर चईत्राच्हल पाहार् में स्थित नव्ग्रह, और वशिथ और अन्य स्थानों में पुरातात्विक बनी हुई है में स्थित शहर के प्राचीन पौराणिक दावे का समर्थन पिछले।

भारतीय ज्योतिषी गणना के लिये पृथ्वी को ही केंद्र मानकर चलते थे और ग्रहों की स्पष्ट स्थिति या गति लेते थे ।

इन्होंने आर्यभटीय ग्रंथ की रचना की जिसमें ज्योतिषशास्त्र के अनेक सिद्धांतों का प्रतिपादन है।

गणित, ज्योतिषी, ज्योतिष, आयुर्वेद, वास्तुकला, धातु विज्ञान आदि क्षेत्रों में केरलीयों ने उल्लेखनीय योगदान किया है।

नारदसंहिता के नाम से उपलब्ध इनके एक अन्य ग्रन्थ में भी ज्योतिषशास्त्र के सभी विषयों का सुविस्तृत वर्णन मिलता है।

उनके मामा ज्योतिषी और पंडित थे जिसके कारण संस्कृत पढ़ने में उनकी सहज रुचि रही और उन्हें संस्कृत काव्य परंपरा के सुदृढ़ संस्कार मिले।

भारतीय ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सत्ताइस नक्षत्रों में तीसरा नक्षत्र।

हिन्दू ज्योतिषशास्त्र

हिंदू ज्योतिषशास्त्र में, नौ ज्योतिषीय वस्तुएं है, जिसे नवग्रह के रूप में जाना जाता है, शनि उनमें से एक है, जो शनि देव के रूप में जाने गए, जीवन में अच्छे और बुरे कर्मों के प्रदर्शन के आधार पर वह हरेक का न्याय करते है।

हिन्दू धर्म लगध ऋषि वैदिक ज्योतिषशास्त्र की पुस्तक वेदांग ज्योतिष के प्रणेता है।

हेरोदेस राजा के दिनों में जब यहूदिया के बैतलहम में यीशु का जन्म हुआ, तो देखो, पूर्व से कई ज्योतिषी यरूशलेम में आकर पूछने लगे।

प्रसिद्ध गणितज्ञ ज्योतिषी, भास्कराचार्य, ने अपने सिद्धांत को आधार माना है और बहुत स्थानों पर इनकी विद्वत्ता की प्रशंसा की है।

आर्यभट ने ज्योतिषशास्त्र के आजकल के उन्नत साधनों के बिना जो खोज की थी,यह उनकी महत्ता है।

:इन सम्पूर्ण तथ्यों से यह माना जा सकता है कि महाभारत निश्चित तौर पर ३१००-१२०० ईसा पूर्व रची गयी होगीं, जो महाभारत में वर्णित ज्योतिषीय तिथियों, भाषाई विश्लेषण, विदेशी सूत्रों एवं पुरातत्व प्रमाणों से मेल खाती है।

चारो वेदों के पृथक् पृथक् ज्योतिषशास्त्र थे।

इसीलिये इसे ज्योतिषशास्त्र को 'त्रिस्कन्ध' कहा जाता है।

भारतीय परम्परा के अनुरूप केरल में भी गणित, ज्योतिषी और ज्योतिष का विकास परस्पर सम्बद्ध था।

केरलीय गणित एवं ज्योतिषी के विकास के परिणाम स्वरूप बनी प्रमुख पद्धतियाँ हैं ईस्वी सन् 7 वीं शती में हरिदत्त द्वारा आविष्कृत 'परहितम्' तथा ईस्वी सन् 15 वीं शती में वडश्शेरी परमेश्वरन द्वारा आविष्कृत 'दृगणितम्'।

कहानी के अंत के समय ज्योतिषशास्त्र की प्रोफेसर सिबिल ट्रिलोनी ने एक स्वामिभक्त सेवक द्वारा वोल्डेमॉर्ट के पुनः जीवित किये जाने की भविष्यवाणी की और बताया कि वह नौकर 12 वर्षों बाद कैद से मुक्त होगा।

नारदपुराण में लगभग ७५० श्लोक ज्योतिषशास्त्र पर हैं।

शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदि स्रोत हैं और यह काल महाकाल ही ज्योतिषशास्त्र के आधार हैं।

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