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appellatives Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)


appellatives ka kya matlab hota hai


Noun:

शीर्षक, नाम,

Adjective:

सामान्य,



appellatives शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:



१९८८ में बच्चन फ़िल्मों में तीन साल की छोटी सी राजनीतिक अवधि के बाद वापस लौट आए और शहंशाह में शीर्षक भूमिका की जो बच्चन की वापसी के चलते बॉक्स आफिस पर सफल रही।

प्रोफ़ेसर महावीर सरन जैन ने अपने "हिन्दी एवं उर्दू का अद्वैत" शीर्षक आलेख में हिन्दी की व्युत्पत्ति पर विचार करते हुए कहा है कि ईरान की प्राचीन भाषा अवेस्ता में 'स्' ध्वनि नहीं बोली जाती थी बल्कि 'स्' को 'ह्' की तरह बोला जाता था।

पारंपरिक भू-स्वामित्व--देशी शीर्षक 1992 तक मानी नहीं गयी, जबतक उच्च न्यायालयने यूरोपियन अधिग्रहण के समय क्वींसलैंड के विरुद्ध मेबो के मामले में ऑस्ट्रेलिया के मत को टेर्रा न्युलिय्स (अक्षरश "स्वामित्त्व मुक्त भूमि"प्रभावता "खाली जमीन"या भूमि) कह कर उलट न दिया।

यही नाम अंग्रेज़ी सहित अन्य यूरोपीय भाषाओं में प्रयुक्त होता है।

इसमें भग्नावशेष, होली, पापीपेट, मंछलीरानी, परिवर्तन, दृष्टिकोण, कदम्ब के फूल, किस्मत, मछुये की बेटी, एकादशी, आहुति, थाती, अमराई, अनुरोध, व ग्रामीणा कुल १५ कहानियां हैं! इन कहानियों की भाषा सरल बोलचाल की भाषा है! अधिकांश कहानियां नारी विमर्श पर केंद्रित हैं! उन्मादिनी शीर्षक से उनका दूसरा कथा संग्रह १९३४ में छपा।

आगे दिया शीर्षक कंपनी बाग़ इसी का वर्णन है।

यदि बाँग्ला भाषा को ध्यान में रखा जाय तो इसका शीर्षक "बन्दे मातरम्" होना चाहिये "वन्दे मातरम्" नहीं।

इसका मूल नाम 'पारसी' है पर अरब लोग, जिन्होंने फ़ारस पर सातवीं सदी के अंत तक अधिकार कर लिया था, की वर्णमाला में 'प' अक्षर नहीं होता है।

विनायक (गणेश) के पाँच नाम चुनें और ऐसा कहें :।

चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' ने इसी अवहट्ठ को 'पुरानी हिन्दी' नाम दिया।

अंग्रेजों के इस आदेश से बंकिमचन्द्र चटर्जी को, जो उन दिनों एक सरकारी अधिकारी (डिप्टी कलेक्टर) थे, बहुत ठेस पहुँची और उन्होंने सम्भवत: १८७६ में इसके विकल्प के तौर पर संस्कृत और बाँग्ला के मिश्रण से एक नये गीत की रचना की और उसका शीर्षक दिया - ‘वन्दे मातरम्’।

अगस्त २००७ में, (१९७५) की सबसे बड़ी हिट फ़िल्म शोले की रीमेक बनाई गई और उसे राम गोपाल वर्मा की आग शीर्षक से जारी किया गया।

अगर सम्भव हो तो गणेश के 108 नाम जपें :।

अंग्रेजी आदि भाषाओं में बुक ऑफ़ नालेज, डिक्शनरी आव जनरल नालेज आदि शीर्षकों के अन्तर्गत नाना प्रकार के छोटे बडे विश्वकोश अथवा ज्ञानकोश बने हैं और आज भी निरन्तर प्रकाशित एवं विकसित होते जा रहे हैं।

2015 में भोपाल में हुए विश्व हिन्दी सम्मेलन के एक सत्र का शीर्षक ‘विदेशी नीतियों में हिन्दी’ पर समर्पित था, जिसमें हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा में से एक के तौर पर पहचान दिलाने की सिफारिश की गई थी।

श्री महागणपतये नमः . नाम पूजां समर्पयामि .।

चूँकि हिन्दी व संस्कृत भाषा में 'वन्दे' शब्द ही सही है, लेकिन यह गीत मूलरूप में बाँग्ला लिपि में लिखा गया था और चूँकि बाँग्ला लिपि में व अक्षर है ही नहीं अत: बन्दे मातरम् शीर्षक से ही बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने इसे लिखा था।

इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए शीर्षक 'बन्दे मातरम्' होना चाहिये था।

एक मत के अनुसार देवनगर (काशी) में प्रचलन के कारण इसका नाम देवनागरी पड़ा।

देवनागरी या नागरी नाम का प्रयोग "क्यों" प्रारम्भ हुआ और इसका व्युत्पत्तिपरक प्रवृत्तिनिमित्त क्या था- यह अब तक पूर्णतः निश्चित नहीं है।

अफ़गानिस्तान के बाद सिन्धु नदी के इस पार हिन्दुस्तान के पूरे इलाके को प्राचीन फ़ारसी साहित्य में भी 'हिन्द', 'हिन्दुश' के नामों से पुकारा गया है तथा यहाँ की किसी भी वस्तु, भाषा, विचार को विशेषण के रूप में 'हिन्दीक' कहा गया है जिसका मतलब है 'हिन्द का' या 'हिन्द से'।

इसे नागरी के नाम से भी जाना जाता है।

इस कारण से वे इसे फ़ारसी कहते थे और यही नाम भारत में भी प्रयुक्त होता है।

(ख) दक्षिण में इसका प्राचीन नाम "नंदिनागरी" था।

'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं।

Synonyms:

cognomen, soubriquet, designation, denomination, moniker, byname, sobriquet, title of respect, title, name, street name, nickname, form of address, appellation,



Antonyms:

figurative, suggestive, inferential, connotative of, intensional,



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