almas Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
almas ka kya matlab hota hai
आत्माओं
Noun:
भिक्षा,
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almas शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
(१) शून्य, परमात्मा, अविनश्वर नाम जिसका स्मरण गूदरपंथी और नाथ जोगी साधु, घर-घर भिक्षा मांगते समय, 'अलख अलख' पुकार का दिलाया करते हैं।
ऋग्वेद: यह उधृत है कि पूर्ण परमेश्वर शिशु रूप में प्रकट होकर अपनी प्यारी आत्माओं को अपना तत्वज्ञान प्रचार अपनी वाणी यानि कबीर वाणी से करते हैं।
"अपने जीभ से बोलती हुई पवित्र आत्माओं का स्वागत करना स्वर्गलोक में उत्तराधिकार प्राप्त करने की प्रतिभूति है।
तब भगवान वामन अवतार लेकर ब्राह्मण का वेष धारण कर राजा बलि से भिक्षा माँगने पहुँचे।
परमेश्वर को शैव सिद्धांत में 'मूल आत्मा' भी कहा जाता है क्यों कि इस परिपूर्णता में भगवान शिव अपनी छवि और समानता में आत्माओं की रचना करते हैं और यह समस्त आत्माओं का प्रोटोटाइप है।
ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की प्रार्थना से पहले हर मुसलमान का फ़र्ज़ है कि वो दान या भिक्षा दे।
अधिकांश कबाइली धर्म आत्माओं की पूजा करते हैं।
इस तरह की आत्माओं को देवताओं का अस्पष्ट रूप माना जा सकता है।
तीनों ने अनसूयाजी से कहा कि हम तभी आपके हाथ से भीख लेंगे जब आप अपने सभी को अलग रखकर भिक्षा देंगी।
ब्रह्मा प्रसन्न हुए और गंगा को पृथ्वी पर भेजने के लिए तैयार हुए और गंगा को पृथ्वी पर और उसके बाद पाताल में जाने का आदेश दिया ताकि सगर के पुत्रों की आत्माओं की मुक्ति सम्भव हो सके।
धर्म और लोककथाओं में, जहन्नुम (नरक) जीवन के बाद का एक ऐसा स्थान है जिसमें बुरी आत्माओं को दंडात्मक पीड़ा के अधीन किया जाता है।
कुछ भिक्षार्थी शिव की सर्पमालाके प्रतीक रूप में यात्रियों को सर्प-दर्शन कराते हैं और बदले में अक्षत और द्रव्य-दान प्राप्त करते हैं।
यद्यपि यहाँ वह रोमन सैन्यदल नहीं था बल्कि तालपत्रों से युक्त पादरी और भिक्षापात्र लिए संत थे, जो हजारों की संख्या में हँसते हँसते मृत्यु की भेंट चढ़ गए, उन्होंने यूरोप के विकराल और असभ्य जनों के बीच बाइबिल के संदेशों का प्रचार किया।
यह भी मान्यता है कि परमात्मा ने सबसे पहले चार महर्षियों जिनके अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा नाम थे के आत्माओं में क्रमशः ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद का ज्ञान दिया, उन महर्षियों ने फिर यह ज्ञान ब्रह्मा को दिया।
मानो दो महान आत्माओं को मिलवाने के लिए समय अपना जादुई खेल रच रहा था।
सगर के पुत्र अंशुमान ने आत्माओं की मुक्ति का असफल प्रयास किया और बाद में अंशुमान के पुत्र दिलीप ने भी।
(२) नाथपंथी जोगियों का वह गीत जो भिक्षा मांगते समय, प्राय: चिकारों पर गाया जाता है और जिसमें अधिकतर गोपीचंद, भरथरी, गोरख, पूरन भगत या मैनावती की कथाएँ अथवा निगुण मत की भावनाएँ पाई जाती है; निरगुनियां गीत।
यही ब्रह्म प्रलय काल में सूक्ष्मभूत और आत्माओं के साथ कारण रूप में स्थित रहता है परंतु सृष्टिकाल में सूक्ष्म स्थूल रूप धारण कर लेता है।
जरथुस्त्र के दर्शनानुसार विश्व में दो आद्य आत्माओं के बीच निरंतर संघर्ष जारी है।
फिर आत्माओं का अंतिम फैसला होगा।
ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की प्रार्थना से पहले हर मुसलमान का फ़र्ज़ होता है कि वो दान या भिक्षा दे।
अकाल के कारण यहाँ रुके हुए साधुओं का निर्वाह आगमानुरूप नहीं हो पा रहा था इसलिए उन्होंने अपनी कई क्रियाएँ शिथिल कर लीं, जैसे कटि वस्त्र धारण करना, ७ घरों से भिक्षा ग्रहण करना, १४ उपकरण साथ में रखना आदि।
रास्ते में स्थान-स्थान पर भिक्षार्थी यात्रियों को नंदी के प्रतीक के रूप में सजे हुए वृषभ का दर्शन कराते हैं और यात्री उन्हें दान-दक्षिणा देते हैं।