acouchi Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
acouchi ka kya matlab hota hai
अकोची
Noun:
शयन, शय्या, सोफ़ा,
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acouchi शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
१८३९ में, अपनी मृत्यु शय्या पर उसने अपनी वसीयत में, कोहिनूर को पुरी, उड़ीसा प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ, मंदिर को दान देने को लिखा था।
11- शय्या-रचना (बिस्तर की सज्जा)।
१०वे दिन के युद्ध में अर्जुन ने शिखंडी को आगे अपने रथ पर बिठाया और शिखंडी को सामने देख कर भीष्म ने अपना धनुष त्याग दिया और अर्जुन ने अपनी बाणवृष्टि से उन्हें बाणों कि शय्या पर सुला दिया।
देवशयनी और देवोत्थापनी एकादशी को मथुरा-गरुड गोविन्द्-वृन्दावन् की एक साथ परिक्रमा की जाती है।
विशिष्ट छोटी बड़ी रचनाओं के पाठ के लिए प्रात: काल, सायंकाल, शयनवेला जैसे उपयुक्त समय निश्चित हैं ओर यद्यपि प्रमुख संगृहीत रचनाओं के विषय प्रधानत: दार्शनिक सिद्धांत, आध्यात्मिक साधना एवं स्तुतिगान से ही संबंध रखते जान पड़ते हैं, इसमें संदेह नहीं कि 'आदि ग्रंथ' द्वारा सिखों का पूरा धार्मिक जीवन प्रभावित है।
मानसर झील के पूर्वी तट पर एक शेषनाग को समर्पित मन्दिर है, यह वो नाग है जो भगवान विष्णु के लिये शेष शय्या बनाता है और इसके कई सिर कहलाते हैं।
योगनिद्रा से मुक्त होने पर भगवान जनार्दन उस एकार्णव के जल में शेषनाग की शय्या से जाग उठे।
शयन करते विष्णु की एक शिला से निर्मित मूर्ति यहाँ की कला का श्रेष्ठ नमूना है।
पत्नी रत्नावली चूँकि मायके में ही थी क्योंकि तब तक उनका गौना नहीं हुआ था अत: तुलसीराम ने भयंकर अँधेरी रात में उफनती यमुना नदी तैरकर पार की और सीधे अपनी पत्नी के शयन-कक्ष में जा पहुँचे।
भक्ति आन्दोलन जब सम्पूर्ण जगत् जलमग्न था और भगवान विष्णु शेषनाग की शय्या पर योगनिद्रा का आश्रय ले सो रहे थे, उस समय उनके कानों के मैल से मधु और कैटभ दो भयंकर दैत्य उत्पन्न हुए।
उसने युद्धक्षेत्र में पृथ्वीतल पर शयन किया।
हे अर्जुन! यह योग न तो बहुत खाने वाले का, न बिलकुल न खाने वाले का, न बहुत शयन करने के स्वभाव वाले का और न सदा जागने वाले का ही सिद्ध होता है || 16 ||।
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्।
वहां शेषनाग की शय्यापर योग-निद्रालीन भगवान विष्णु को देखकर देवराज इन्द्र ने उनकी स्तुति की।
उनका शयन नागराज शेषनाग के ऊपर है।
और तब अर्जुन ने अंबा के पीछे से उनपर बाणों की बौछर लगा दी और उन्हें बाण शय्या पर लिटा दिया।
बाणों की शय्या पर ५८ दिन तक पड़े पड़े इन्होंने अनेक उपदेश दिए।
टेक्सास विश्वविद्यालय के Arlington (University of Texas at Arlington) (जहाँ चावला ने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर विज्ञान की डिग्री1984 में प्राप्त की) में उसके सम्मान में एक शयनागार (dormitory), कल्पना चावला हॉल, के नाम से 2004 में. रखा गया।
जो मन्त्रणाएँ देर रात्रि होती थीं, वे उनमें रात्रि 10 बजे तक ही भाग लेते थे, क्योंकि उसके बाद उनके शयन का समय हो जाता था।
उसकी मौत के कई दिन पहले से वह शय्याग्रस्त थे।
अनन्त शयनम् अयंगार तो दक्षिण भारतीय भाषाओं के लिए भी देवनागरी की संभावना स्वीकार करते थे।
) इसी चरण में रात्रि आतंक, रात्रि शय्यामूत्र, नींद में चलना और नींद में बडबडाना जैसे पारासोमनियाई (नींद के अनेक विकार) हुआ करते हैं।