abstinency Meaning in Hindi (शब्द के हिंदी अर्थ)
abstinency ka kya matlab hota hai
संयम
Noun:
परहेज़, संयम,
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abstinency शब्द के हिंदी अर्थ का उदाहरण:
सम्यग्दर्शन के बाद सम्यग्ज्ञान और फिर व्रत, तप, संयम आदि के पालन करने से सम्यक्चारित्र उत्पन्न होता है।
(ऐ ईमानदारों) अगर तुमको भलाई छू भी गयी तो उनको बुरा मालूम होता है और जब तुमपर कोई भी मुसीबत पड़ती है तो वह ख़ुश हो जाते हैं और अगर तुम सब्र करो और परहेज़गारी इख़्तेयार करो तो उनका फ़रेब तुम्हें कुछ भी ज़रर नहीं पहुॅचाएगा (क्योंकि) ख़ुदा तो उनकी कारस्तानियों पर हावी है (120)।
और अपने परवरदिगार के (सबब) बख़्शिश और जन्नत की तरफ़ दौड़ पड़ो जिसकी (वुसअत सारे) आसमान और ज़मीन के बराबर है और जो परहेज़गारों के लिये मुहय्या की गयी है (133)।
ये (जो हमने कहा) आम लोगों के लिए तो सिर्फ़ बयान (वाक़या) है मगर और परहेज़गारों के लिए हिदायत व नसीहत है (138)।
हिंदू शाकाहारी आमतौर पर अंडे से परहेज़ करते हैं लेकिन दूध और डेयरी उत्पादों का उपभोग करते हैं, इसलिए वे लैक्टो-शाकाहारी हैं।
पूर्वी रूढ़िवादी ईसाई इस दिन और इसके अगले दिन कठोर व्रत रखते हैं जबकि रोमन कैथोलिक चर्च इस दिन और एश बुधवार को उपवास और परहेज़ करते हैं।
ताइवान से परहेज़ क्यों? (वेदप्रताप वैदिक)।
जन्म के इक्कीस दिन बाद उनकी अंतिम शुद्धि की जाती है तब तक उन्हें अपवित्र ही समझा जाता है और पूरा टंडा उनसे परहेज़ रखता है।
जिस संयम के द्वारा इच्छाशक्ति का प्रवाह और विकास वश में लाया जाता है और वह फलदायक होता है, वह शिक्षा कहलाती है।
इसके अतिरिक्त, शिलालेख के एक अध्याय में कृष्ण से संबंधित कविता भी शामिल है महाभारत के अद्याय ११.७ का सन्दर्भ देते हुए बताया गया है कि अमरता और स्वर्ग का रास्ता सही ढंग से तीन गुणों का जीवन जीना है: स्व- संयम ( दमः ), उदारता ( त्याग ) और सतर्कता ( अप्रामदाह )।
हाँ (अलबत्ता) जो शख़्स अपने एहद को पूरा करे और परहेज़गारी इख़्तेयार करे तो बेशक ख़ुदा परहेज़गारों को दोस्त रखता है (76)।
फिर, शब्दों का सरल होना भी जरूरी या और यथा अवसर सौंदर्य तथा संयम भी अपेक्षित था।
अगर मज़बूत राज्य ने उसकी इन कोशिशों को संयमित न किया तो मानव जाति प्राकृतिक अवस्था में पहुँच जायेगी जहाँ हर व्यक्ति दूसरे के दुश्मन के रूप में परस्पर विनाशकारी गतिविधियों में लगा होगा।
और (ये) दुनियावी ज़िन्दगी तो खेल तमाषे के सिवा कुछ भी नहीं और ये तो ज़ाहिर है कि आखि़रत का घर (बेहिष्त) परहेज़गारो के लिए उसके बदर वहाॅ (कई गुना) बेहतर है तो क्या तुम (इतना भी) नहीं समझते (33)।
वैसे ‘योग’ शब्द ‘युजिर योग’ तथा ‘युज संयमने’ धातु से भी निष्पन्न होता है किन्तु तब इस स्थिति में योग शब्द का अर्थ क्रमशः योगफल, जोड़ तथा नियमन होगा।
दया, विचारशीलता और संयम इसके आधार स्तम्भ थे।
बस हमने इस वाक़ये से उन लोगों के वास्ते जिन के सामने हुआ था और जो उसके बाद आनेवाले थे अज़ाब क़रार दिया, और परहेज़गारों के लिए नसीहत (66)।
और वह जो कुछ नेकी करेंगे उसकी हरगिज़ नाक़द्री न की जाएगी और ख़ुदा परहेज़गारों से खू़ब वाक़िफ़ है (115)।
नेपोलियन में साहस संयम और धैर्य कुट- कुट कर भरा था परन्तु उसकी दृष्टि में घृणा उसका प्रतिशोध उसका कर्तव्य तथा क्षमादान कलंक था।
ताकि तुम परहेज़गार बनो फिर उसके बाद तुम (अपने एहदो पैमान से) फिर गए बस अगर तुम पर खु़दा का फज़ल और उसकी मेहरबानी न होती तो तुमने सख़्त घाटा उठाया होता (64)।
(फिर करो चाहे न करो तुम मुख़तार हो) जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे (अच्छे) काम किए हैं उन पर जो कुछ खा (पी) चुके उसमें कुछ गुनाह नहीं जब उन्होंने परहेज़गारी की और ईमान ले आए और अच्छे (अच्छे) काम किए फिर परहेज़गारी की और नेकियाँ कीं और ख़ुदा नेकी करने वालों को दोस्त रखता है (93)।
स्वामी जी को अपनी गुरु के शिक्षा अनुसार संयमी, विरक्त और शान्त रहने का अभ्यास करना होता था।
परम्परानुसार, रोमन कैथोलिक तपस्या के रूप में हर शुक्रवार को मांस खाने से परहेज़ करते हैं।
और अगर वह ईमान लाते और जादू वग़ैरह से बचकर परहेज़गार बनते तो खु़दा की दरगाह से जो सवाब मिलता वह उससे कहीं बेहतर होता काश ये लोग (इतना तो) समझते (103)।
और ऐसे लोगों (के हिसाब किताब) का जवाब देही कुछ परहेज़गारो पर तो है नहीं मगर (सिर्फ नसीहतन) याद दिलाना (चाहिए) ताकि ये लोग भी परहेज़गार बनें (69)।
और इस क़ुरान के ज़रिए से तुम उन लोगों को डराओ जो इस बात का ख़ौफ रखते हैं कि वह (मरने के बाद) अपने ख़़ुदा के सामने जमा किये जायेंगे (और यह समझते है कि) उनका ख़ुदा के सिवा न कोई सरपरस्त हे और न कोई सिफारिष करने वाला ताकि ये लोग परहेज़गार बन जाएॅ (52)।
जिस (के किताबे खु़दा होने) में कुछ भी शक नहीं (ये) परहेज़गारों की रहनुमा है (2)।
इन चार कषाय को संयमित रखने के लिए माध्यस्थता, करुणा, प्रमोद, मैत्री भाव धारण करना चहिये |।
बीबीसी की हिंदी, अंग्रेज़ी के शब्दों से हाथ मिलाने में परहेज़ नहीं करती।
ऐ लोगों अपने परवरदिगार की इबादत करो जिसने तुमको और उन लोगों को जो तुम से पहले थे पैदा किया है अजब नहीं तुम परहेज़गार बन जाओ (21)।
ऐ ईमानदारों ख़ुदा (की ख़ुशनूदी) के लिए इन्साफ़ के साथ गवाही देने के लिए तैयार रहो और तुम्हें किसी क़बीले की अदावत इस जुर्म में न फॅसवा दे कि तुम नाइन्साफी करने लगो (ख़बरदार बल्कि) तुम (हर हाल में) इन्साफ़ करो यही परहेज़गारी से बहुत क़रीब है और ख़ुदा से डरो क्योंकि जो कुछ तुम करते हो (अच्छा या बुरा) ख़ुदा उसे ज़रूर जानता है (8)।
उस पर प्रसार लिपिगत साम्राज्यवाद और शोषण का माध्यम न होकर सत्य, अहिंसा, त्याग, संयम जैसे उदात्त मानवमूल्यों का संवाहक होगा, असत् से सत्, तमस् से ज्योति तथा मृत्यु से अमरता की दिशा में।