सिस्टीन Meaning in English
सिस्टीन शब्द का अंग्रेजी अर्थ : sistine
, systein
ऐसे ही कुछ और शब्द
व्यवस्था व्यवस्थापकतंत्र आह्वान
व्यवस्था नाश
प्रणाली,तरीका
शासन पद्वति
चिकित्सा पद्धति
प्रविधि तंत्र
सिस्टम कार्यक्रम
यंत्रणा सप्ताह
सुव्यवस्थित,क्रमबद्ध
क्रमबद्ध उत्पादन
क्रमबद्ध कार्यक्रम
यथाविधि
व्यवस्थित ढंग से
व्यवस्थित रूप से
सिस्टीन हिंदी उपयोग और उदाहरण
"" मामूली समस्याओं में मोटापा, ऑस्टियो सार्कोमा और सिस्टीनूरिया शामिल हैं।
ये छह हैं आर्गिनिन, सिस्टीन, ग्लाइसिन, ग्लूटामाइन, प्रोलिन और टायरोसिन ।
जब यह प्रतिक्रिया घटती है तो हमें अपेक्षित कैटालिक एंजाइम एसीवीएस (ACVS) मिलाना चाहिए, जिसे δ-(L-α-एमिनोडिपिल)-एल (L)-सिस्टीन-डी (D)-वेलाइन सिंथेटेज़ के नाम से भी जाना जाता है।
वह टेपेस्ट्री डिजाइन का भी आविष्कार कर रहा था जिससे अंकित पर्दे सिस्टीन चैपल में टांगने की योजना थी।
इस आहार में वसा युक्त दूध, दही, कम वसा युक्त चीज़ व फलों की तीन सर्विंग शामिल होती हैं, जिनसे हृदय रोग, एल डी एच कौलेस्ट्रॉल व होमोसिस्टीन का खतरा घटता है।
N-एसिटाइल सिस्टीन, मेथिलीन ब्लू या दोनों से उपचार कभी कभी प्रभावी होता है, जब पेरासिटामोल की कम खुराक ली गयी हो.।
पेनिसिलिन जी के जैवसंश्लेषण का पहला कदम तीन एमिनो एसिड, L-α-एमिनोअडिपिक एसिड, L-सिस्टीन, L-वेलिन का त्रिपेपटाइड में संघनन है।
"" वह टेपेस्ट्री डिजाइन का भी आविष्कार कर रहा था जिससे अंकित पर्दे सिस्टीन चैपल में टांगने की योजना थी।
"" सामान्य ऐमिनो अम्ल हैं : ग्लाइसिन (Glycine), ऐलिनिन (Alanine), सेरिन (Serine), नोरल्युसिन (Norlucine), ऐस्पर्टिक अम्ल (Aspartic acid), ग्लूटैमिक अम्ल (Glutamic acid), हाइड्रॉक्सीग्लुटैमिक अम्ल (Hydroxyglutamic acid), प्रोलिन (Proline), सिट्रलिन (Citruline), टाइरोसिन (Tyrocine), तथा सिस्टीन (Cystine)।
त्रिपेपटाइड में संघनित करने से पहले एमिनो एसिड एल-वेलिन एपिमेराइज़ेशन से होकर गुजरेगा तथा डी-वेलिन बनेगा. संघनन के बाद त्रिपेपटाइड का नाम δ-(L-α-एमिनोडिपिल)-एल (L)-सिस्टीन-डी (D)-वेलिन रखा जाता है, जिसे एसीवी (ACV) के नाम से भी जाना जाता है।
द्वितीयक मूत्राशय की अश्मरियाँ आक्सैलेट, यूरिकाम्ल तथा यूरेट सिस्टीन तथा फॉस्फेटी प्रकार की होती हैं।
हालांकि एंटीडोट, एसिटाइलसिस्टीन, (जो N-एसिटाइलसिस्टीन या NAC भी कहलाती है) ग्लूटेथिओन के लिए पूर्वगामी का कार्य करती है, लीवर की क्षति से शरीर को बचाती है, यदि लीवर की क्षति बहुत गंभीर हो जाये तो अक्सर लीवर प्रत्यारोपण की जरुरत होती है।
सामान्यतया आक्सिडाइजिंग और रिडयूसिंग एजेंट, प्रकाश और क्षार, ऊन के सिस्टीन लिंकेज पर आक्रमण करते हैं अत: ऊनी रेशों के धवलीकरण (ब्लीचिंग) और उनके क्लोरिनेशन के समय सावधानी बरतनी चाहिए।