सर्वपल्ली राधाकृष्णन Meaning in English
सर्वपल्ली राधाकृष्णन शब्द का अंग्रेजी अर्थ : sarvepalli Radhakrishnan
ऐसे ही कुछ और शब्द
सासाबीएस ए एस ई
ससफरा
सैश
सैश कॉर्ड
सैश फास्टनर
सैश ताला
सैश रस्सी
सैश विंडो
साशा
साशेड
साशिमी
सैशनेट
ससियाना
सस्कर
सर्वपल्ली-राधाकृष्णन हिंदी उपयोग और उदाहरण
देश के दूसरे राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को कहना पडा था कि भारत में ईसाइयों के लिए एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में यूनियन जैक को लेकर चल रहे थे।
"" इस नए झंडे की देश के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने फिर से व्याख्या की।
1912 में डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 'मनोविज्ञान के आवश्यक तत्व' शीर्षक से एक लघु पुस्तिका भी प्रकाशित हुई जो कक्षा में दिये गये उनके व्याख्यानों का संग्रह था।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सन् 1948 ई. में डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक विश्वविद्यालय आयोग की स्थापना हुई जिसने भारतीय विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय एवं जनतंत्रात्मक आधार पर पुन: संगठित करने के लिए विस्तृत सुझाव दिए।
लेकिन बाद में सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने यह साबित कर दिया कि मॉस्को में नियुक्त भारतीय राजनयिकों में वे सबसे बेहतर थे।
व्याकरण डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (சர்வபள்ளி ராதாகிருஷ்ணன்; 5 सितम्बर 1888 – 17 अप्रैल 1975) भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति (1952 — 1962) और द्वितीय राष्ट्रपति रहे।
"" ब्रिटेन के एडिनबरा विश्वविद्यालय में दिये अपने भाषण में डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था- 'मानव को एक होना चाहिए।
""डॉ॰ के. एस. कृष्णन्, डॉ॰ सर सर्वपल्ली राधाकृष्णन्, डॉ॰ भगवान दास, एम. एस. संपूर्णानंद, डॉ॰ गोरखप्रसाद, प्रोफेसर आर. डी. रानड़े।
"" लेकिन बाद में सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने यह साबित कर दिया कि मॉस्को में नियुक्त भारतीय राजनयिकों में वे सबसे बेहतर थे।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन लिखते हैं कि समाधि में निम्नलिखित तत्व शामिल हैं: वितर्क, विचार, आनंद और अस्मिता।
यद्यपि सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय शैक्षिक सेवा के सदस्य होने के कारण किसी भी राजनीतिक संभाषण में हिस्सेदारी नहीं कर सकते थे, तथापि उन्होंने इस वर्जना की कोई परवाह नहीं की और भाषण दिया।
लेकिन ग्रीष्मकालीन घर शायद ही कभी इस्तेमाल किया गया था इसलिए यह राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी के लिए दान किया गया।
डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने यह भी जाना कि भारतीय संस्कृति में सभी धर्मों का आदर करना सिखाया गया है और सभी धर्मों के लिये समता का भाव भी हिन्दू संस्कृति की विशिष्ट पहचान है।