व्यक्तित्व विकास Meaning in English
व्यक्तित्व विकास शब्द का अंग्रेजी अर्थ : personality Development
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व्यक्तिगतकरण
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व्यक्तित्व-विकास हिंदी उपयोग और उदाहरण
""परिवार में पीढ़ी दर पीढी शास्त्र-साधना एवं पठन-पाठन व विद्या-ग्रहण का क्रम पहले से चला आ रहा था, अतः विद्याध्ययन तथा संचार-साधनों के प्रति जिज्ञासु भाव उन्हें बचपन से ही संस्कार रूप में प्राप्त हुआ जो कालान्तर में उनकी आजीविका एवं उनके संपूर्ण व्यक्तित्व विकास का आधारबना।
कई अंग्रेजी भाषा के विद्यालयों में बालक को मातृभाषा या अन्य भाषाएं बोलने नहीं दी जाती, बल्कि केवल अंग्रेजी भाषा ही बोलने को बाध्य किया जाता है, ऐसी स्थिति में बालक पर मानसिक दबाव बढ़ जाता है तथा उसमें निराशा एवं कुण्ठाएं उत्पन्न हो जाती है, जिससे आगे चलकर बालक के व्यक्तित्व विकास में तथा समायोजन में बाधा आती है।
परिवार में पीढ़ी दर पीढी शास्त्र-साधना एवं पठन-पाठन व विद्या-ग्रहण का क्रम पहले से चला आ रहा था, अतः विद्याध्ययन तथा संचार-साधनों के प्रति जिज्ञासु भाव उन्हें बचपन से ही संस्कार रूप में प्राप्त हुआ जो कालान्तर में उनकी आजीविका एवं उनके संपूर्ण व्यक्तित्व विकास का आधारबना।
इस तरह विभिन्न क्रियाओं का संचालन करने के लिए छात्र दल अलग-अलग ढंग से कार्य करता है जो उसके व्यक्तित्व विकास में सहायक है।
संयुक्त राज्य अमेरिका में होने वाली टेनिस प्रतियोगिता गुरू पूर्णिमा Writer-Vaibhav उन सभी आध्यात्मिक और अकादमिक गुरूजनों को समर्पित परम्परा है जिन्होंने कर्म योग आधारित व्यक्तित्व विकास और प्रबुद्ध करने, बहुत कम अथवा बिना किसी मौद्रिक खर्चे के अपनी बुद्धिमता को साझा करने के लिए तैयार हों।
छात्रों के लिए व्यक्तित्व विकास गतिविधियों और योग्यता परीक्षणों का आयोजन।
व्यक्तित्व विकास बेट्टी हीमान (Betty Heimann; 29 मार्च 1888 हैम्बर्ग -- 19 मई 1961 Sirmione/इटली) एक जर्मन भारतविद थीं।
"" उसने इन तमाम उलाहनों को अपने व्यक्तित्व विकास में बाधक नहीं बनने दिया।
अल्बर्ट और वाल्टर्स इस ही तरह का अवलोकन एवं अध्ययन सामाजिक और व्यक्तित्व विकास (1963) में रिपोर्ट किया है।
उनके मन में हर समय भवन के ढह जाने का भय रहता है तथा उनमें अन्य व्याधियां भी उत्पन्न हो सकती हो जो उनके व्यक्तित्व विकास में बाधक होते हैं।
उसने इन तमाम उलाहनों को अपने व्यक्तित्व विकास में बाधक नहीं बनने दिया।
अतः समाज का व्यक्तित्व विकास पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है।
अतः उसका व्यक्तित्व विकास उचित रूप से नहीं हो पाता।