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वेदवाक्य Meaning in English



वेदवाक्य शब्द का अंग्रेजी अर्थ : vedic quotation


वेदवाक्य हिंदी उपयोग और उदाहरण

बहुत प्राचीन (भारतीय विचारपद्धति के अनुसार अपौरुषेय) होने के कारण वेदवाक्यों के अर्थ, प्रयोग और परस्पर संबंध समन्वय का ज्ञान लुप्त हो जाने से उनके संबंध में अनुसंधान करने की आवश्यकता पड़ी।


उसके कथनों को वेदवाक्य संज्ञा दी गई है।


पक्ष-प्रतिपक्ष को लेकर वेदवाक्यों के निर्णीत अर्थ के विचार का नाम मीमांसा है।


पूर्वसीमांसा दर्शन में वेदों के-जिनको वह अपौरुषेय, अनादि और नित्य मानता है- सभी वाक्यों का समन्वय करने का प्रयत्न किया गया है और समस्त वेदवाक्यों का मुख्य प्रयोजन मनुष्य को यज्ञादि धार्मिक क्रियाओं में प्रवृत्त कराने का साधन मात्र माना है; किसी विशेष, वास्तविक वस्तु का वर्णन नहीं माना।


इसपर भाष्य करते हुए वात्स्यान ने कहा है कि इस प्रकार लौकिक और ऋषि— वाक्य (वैदिक) का विभाग हो जाता है अर्थात् अदृष्टार्थ मे केवल वेदवाक्य ही प्रमाण कोटि में माना जा सकता है।


ब्राह्मण वह है जो ब्रह्म को ही मोक्ष का आधार मानता हो और वेदवाक्य को ही ब्रह्म वाक्य मानता हो।


माता पिता भी 'दशवर्षाणि ताडयेत्' को वेदवाक्य मानकर शिक्षा में शिशु के दंड का विधान नतमस्तक होकर स्वीकार करते थे।


""पक्ष-प्रतिपक्ष को लेकर वेदवाक्यों के निर्णीत अर्थ के विचार का नाम मीमांसा है।


(2) भूतार्थवाद, जिसमें वे वाक्य आते हैं जो मनुष्यों को ऐसी बातें बतलाते हैं जिनका ज्ञान वेदवाक्यों के अतिरिक्त और किसी प्रमाण द्वारा नहीं हो सकता;।





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