वृत्त,परिधि Meaning in English
वृत्त,परिधि शब्द का अंग्रेजी अर्थ : circle circumference
ऐसे ही कुछ और शब्द
खेत के पास का घेरावक्रता की मंडली
चाकरों की मंडली
वृत्त दौर
सर्किल राउंड
वृत्त खंड
मंडलियों
सर्कल्स
चक्कर मारनेवाला
चक्कर लगाने वाले
चारों ओर चक्कर
हवा में एक ही जगह चक्कर काटना
सर्कस
सर्किनेट
परिपथ
वृत्त,परिधि हिंदी उपयोग और उदाहरण
ऐसा करने वाले डिजाइनों (बैस रिफ्लेक्स, पैसिव रेडिएटर, ट्रांसमिशन लाइन, आदि सहित) का उपयोग प्रायः प्रभावी न्यून-आवृत्ति अनुक्रिया का विस्तार करने और ड्राइवर का न्यून-आवृत्ति निर्गम बढ़ाने के लिए किया जाता है।
पाइप आदि के कोणों की माप करने के लिये वृत्तीय चल वर्नियर बनाए गए हैं।
यद्यपि आधुनिक आलोचकों ने उसके गीतिकाव्यों में उपदेश देने की प्रवृत्ति का और उसकी कथाओं में अत्यधिक कल्पनाशीलता का दोषारोप किया है, फिर भी उसे मानवता के ऐसे कवि के रूप में निरतर मान्यता प्राप्त होती रहेगी जो सीधेसादे ढंग से कथा कहने और सबके हृदय में, चाहे वे युवक हों या वृद्ध, उच्च आदर्श एवं उच्च विचार उद्भावित करने में आनंद की अनुभूति करता था।
रेडियो आवृत्ति पर कम्पन करने वाली विद्युत धारा के कुछ विशेष गुण होते हैं जो दिष्ट धारा या कम आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा में नहीं पायी जाती।
उन्होंने परमार्थिक नि:स्वार्थ प्रवृत्ति से युक्त होकर सेवा व जन कल्याण के जो अनेकानेक कार्य किए वह स्तुत्य हैं।
"" वेदव्यास ने जिस प्रकार मंत्रों का संग्रहकर उन का संहिताओं में विभाग किया उसी प्रकार पुराण के नाम से चले आते हुए वृत्तों का संग्रह कर पुराणसंहिता का संकलन किया।
इसकी मनोवृत्ति सीमित और आचरण बचकाना होता है।
बाद के नौ सर्गों में कुमार कार्तिकेय के जन्म बाल्यकाल, युवा होने पर उसके द्वारा देवसेना का नेतृत्व तथा अत्याचारी तारकासुर वध आदि का वृत्तान्त विस्तार से प्रस्तुत किया है।
दूसरा कारण है सीटी जैसी वह आवाज जो फलकों के ऊपर वायु के प्रवाहित होने से उत्पन्न वायुगतिकीय शोर है, जिसकी अलग -अलग आवृत्तियां होती हैं।
राधावल्लभ संप्रदाय के प्रमुख आचार्य गोस्वामी हितहरिवंश जी के जीवनदशर्न का इनके ऊपर ऐसा मोहक प्रभाव पड़ा कि इनकी अंतर्वृत्ति नित्यकिशोरी राधा तथा नित्यकिशोर कृष्ण के निकुंजलीलागान में रम गई।
सम्राट् अशोक के भाब्रू शिलालेख में त्रिपिटक के 'धम्मपरियाय' शब्द स्थान पर मागधी प्रवृत्ति के अनुसार 'धम्म पलियाय' शब्द का प्रयोग पाया जाता है, जिसका अर्थ बुद्ध-उपदेश या वचन होता है।
इतिवृत्त तथा चरित्रचित्रण दोनों दृष्टियों से यह नाटक सफल हुआ है।
इस विकास में दो प्रमुख बातें काम करती हैं, एक प्राकृतिक परिपक्वता और दूसरी सीखने की सहज वृत्ति।