युगप्रवर्तक Meaning in English
युगप्रवर्तक शब्द का अंग्रेजी अर्थ : moving spirit of the times
ऐसे ही कुछ और शब्द
की ओर अग्रसरचलती वैन
हँसुए से घास काटना
घास काटने की मशीन
घास काटनेवाला
घास काटने की हँसिया,दराँती
घास की कटाई
मोक्सी
मोयर
मोजाम्बिक
मोज़ाम्बिक
मोजाम्बिक मौद्रिक इकाई
मोजार्ट
मोजार्टियन
पीछे बैठने वाले सांसद
युगप्रवर्तक हिंदी उपयोग और उदाहरण
कवि के रूप में वे निराला, पन्त, महादेवी के साथ छायावाद के प्रमुख स्तम्भ के रूप में प्रतिष्ठित हुए हैं; नाटक लेखन में भारतेन्दु के बाद वे एक अलग धारा बहाने वाले युगप्रवर्तक नाटककार रहे जिनके नाटक आज भी पाठक न केवल चाव से पढ़ते हैं, बल्कि उनकी अर्थगर्भिता तथा रंगमंचीय प्रासंगिकता भी दिनानुदिन बढ़ती ही गयी है।
युरोकेंद्रीयता की साख में क्षय की शुरुआत भी उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलनों के ज़ोर पकड़ने और द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद चली वि-उपनिवेशीकरण की युगप्रवर्तक प्रक्रिया से हुई।
युगप्रवर्तक राजा के पुत्र रहते उनको यह नौकरी मान्य नहीं थी।
1956 में जब वे वहां गए तो वहां की जनता के लिए मानो एक युगप्रवर्तक घटना घटी हो।
उन्होंने काव्यरचना ब्रजभाषा में आरम्भ की और धीर-धीरे खड़ीबोली को अपनाते हुए इस भाँति अग्रसर हुए कि खड़ी बोली के मूर्धन्य कवियों में उनकी गणना की जाने लगी और वे युगप्रवर्तक कवि के रूप में प्रतिष्ठित हुए।
रामविलास शर्मा विष्णु कृष्ण चिपलूणकर (१८५०-१८८२) आधुनिक मराठी गद्य के युगप्रवर्तक साहित्यिकार और संपादक थे।
हिन्दी कवि आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी (1864–1938) हिन्दी के महान साहित्यकार, पत्रकार एवं युगप्रवर्तक थे।
३२ वर्ष की अल्पायु में युगप्रवर्तक साहित्यिक सेवा कर इनकी असामयिक मृत्यु हुई।
अत: भारतीय बैंकिंग व्यवस्था के प्रमुख वाणिज्यिक बैंको के राष्ट्रीयकरण की घटना युगप्रवर्तक मानी जा सकती है।
कहते हैं, इससे पहले औरंगज़ेब ने उन्हें अपना हिन्दुधर्म त्याग कर मुगलों का धर्म अपनानें की माँग रखी थी लेकिन युगप्रवर्तक राजा छत्रपती शिवाजीराजें का बेटा और अपने धर्मपर पुरी निष्ठा और श्रध्दा रखनें वाले सम्भाजीराजें ने ये माँग फटकार दी और इस्लाम का स्वीकार कतई न करनें का निश्चय औरंगज़ेब को बता दिया था|।
"" कवि के रूप में वे निराला, पन्त, महादेवी के साथ छायावाद के प्रमुख स्तम्भ के रूप में प्रतिष्ठित हुए हैं; नाटक लेखन में भारतेन्दु के बाद वे एक अलग धारा बहाने वाले युगप्रवर्तक नाटककार रहे जिनके नाटक आज भी पाठक न केवल चाव से पढ़ते हैं, बल्कि उनकी अर्थगर्भिता तथा रंगमंचीय प्रासंगिकता भी दिनानुदिन बढ़ती ही गयी है।
वे एक युगप्रवर्तक लेखक थे जिन्होंने एक ही साथ कविता, नाटक, कहानी और उपन्यास के क्षेत्र में हिन्दी को गौरवान्वित होने योग्य कृतियाँ दीं।
स्वामी रामानंद को रामोपासना के इतिहास में एक युगप्रवर्तक आचार्य माना जाता है।