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मृदंग Meaning in English



मृदंग शब्द का अंग्रेजी अर्थ : mridang
, a drum like instrument


मृदंग हिंदी उपयोग और उदाहरण

"" सुषिर वाद्यों में बाँसुरी, अलगोजा, शहनाई, तूर या तुरही, सिंगी (श्रृंगी) और शंख, अवनद्ध या आनद्ध वाद्यों में मृदंग (पखावज), मर्दल (मादल या मादिलरा) हुडुक्क, दुंदुभि (नगाड़ा), ढोलक या ढोल, डमरू, डफ, खंजरी, तथा धन वाद्यों में कठताल, झाँझ और मंजीरा प्रचलित हैं।


संगीत में ताल देने के लिये तबले, मृदंग, ढोल और मँजीरे आदि का व्यवहार किया जाता है।


इसे मृदंग खोल, मृदंगम आदि भी कहा जाता है।


अर्थात- नृत्य के साथ वीणा वादक और मृदंगवादक और वंशीवादक को संगत करनी चाहिए और ताल बजाने वाले को बैठना चाहिये।


"" वर्तमान में भी ब्रज के लोक संगीत में ढोल मृदंग, झांझ, मंजीरा, ढप, नगाड़ा, पखावज, एकतारा आदि वाद्य यंत्रों का प्रचलन है।


मंदिर के जटिल वैशिष्टय इस प्रकार हैं - सभामण्डप, मंडप, मृदंग मीनार और घंटी मीनार।


भगवान श्रीकृष्णचन्द्र के शुभागमन का समाचार पाकर वसुदेव, अक्रूर, उग्रसेन, महाबली बलराम, प्रद्युम्न, साम्ब आदि परिजन मांगलिक सामग्रियों के साथ ब्राह्मणों को लेकर शंख तुरही, मृदंग आदि बजाते हुये उनकी अगवानी के लिये आ गये।


"" आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।


अत्यंत वेग से भ्रमण कर रहे सर्पों के फूफकार से क्रमश: ललाट में बढ़ी हूई प्रचण्ड अग्नि के मध्य मृदंग की मंगलकारी उच्च धिम-धिम की ध्वनि के साथ ताण्डव नृत्य में लीन शिव जी सर्व प्रकार सुशोभित हो रहे हैं।


मंथन के समय जब शोभा की मूर्ति स्वयं लक्ष्मी प्रकट हुइंर् तब उस समय गंधर्वों ने मंगलमयी संगीत छेड़ा- नर्तकिया- नाच नाच कर गाने लगीं और शंख- प्रहर- मृदंग आदि बजने लगे।


"" आयुधों एवं आभूषणों के साथ वाद्ययंत्र जैसे वीणा, डमरू, मृदंग, पानपात्र जैसे कपाल आदि भी विशेष परिगणनीय है।


यह मृदंग के आकार प्रकार का परन्तु उससे कुछ छोटा एक प्रकार का बाजा है।


तिश्र या मिश्र छंद तथा करताल और मृदंग के साथ यह अंश अनुष्ठित होता है, इसे इस नृत्यानुष्ठान कि भूमिका कहा जाता है।





मृदंग इसके अंग्रेजी अर्थ का उदाहरण

He studied and played the mridangam.


Certain patterns of rhythmic rolls in the thayambaka have influenced the taniyavartanam, the 20-minute-or-so instrumental concert on Carnatic music concerts, where mridangam plays the lead role.


Their father Azhiyur Natesa Iyer was a mridangist.


Pattern, The The pakhavaj is a barrel-shaped, two-headed drum, originating from the Indian subcontinent, a variant and descendant of the older mridangam.


Unlike mridangam, it is made of wood and has a low, mellow tone that is quite rich in harmonics.


It is said that during the 14th century, the great mridangists experimented with the materials used in mridang construction and finally started using wood for the main body as opposed to the original clay.


Thus, a new name pakhavaj emerged, whilst the older name, mridang was still used.





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